भिलाई। मशहूर मोटिवेशनल स्पीकर हरीश साइरमन ने कहा है कि जीवन में रचनात्मकता के साथ निरंतर आगे बढ़ने का केवल एक ही रास्ता है। सही लोगों के बीच रहें, छोटी-छोटी उपलब्धियों पर स्वयं को शाबासी दें और अपनी क्षमताओं को कम करके न आंकें। हरीश साईरमन यहां श्री शंकराचार्य मेडिकल कालेज में टेक्विप-3 योजना के तहत मोटिवेशनल एम्पावरमेंट एवं स्ट्रेस मैनेजमेंट पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। हरीश ने कहा कि हम सभी एक जैसी ऊर्जा के साथ जन्म लेते हैं। नेगेटिविटी या पाजीटिविटी जैसे गुण हम बड़े होने के क्रम में प्राप्त करते हैं। जिसे हम प्राप्त करते हैं, जब चाहे उसे छोड़ भी सकते हैं। हरीश ने कहा कि नकारात्मक सोच को छोड़ देना चाहिए। सकारात्मक सोच वाले लोग यह मानकर चलते हैं कि उनके प्रयासों के नतीजे आएंगे और वे सतत् प्रयत्न करते रहते हैं। वहीं दूसरी ओर नकारात्मक विचार वालों को लगता है कि उनसे न हो पाएगा। ऐसे लोग प्रयत्न करना छोड़ देते हैं।
हरीश ने कहा कि हालांकि यह मुश्किल है तथापि हमें ऐसे लोगों के बीच रहने की कोशिश करनी चाहिए जो हमारी छोटी छोटी सफलताओं की तारीफ करते हैं और निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। इसके साथ ही अपने स्तर पर भी हमें अपनी छोटी-छोटी कामयाबियों को सेलिब्रेट करना चाहिए। इससे हमारा आत्मबल बढ़ता है।
हरीश साईरमन ने कहा की उनका मानना है कि उच्च ऊर्जा एवं बदलाव के लिए प्रभावशाली गतिविधियों के साथ प्रेरित व्यावहारिक अनुभव का होना बहुत जरुरी है। सीखने, काम करने और जीने के दौरान जुनून और आनंद एक महान दृष्टिकोण है जिसका वे पालन करते हैं। उन्होंने रोचक उदाहरणों के माध्यम से मोटिवेशनल एम्पावरमेंट एवं स्ट्रेस मैनेजमेंट की उपयोगिता बताते हुए अपने विचार व्यक्त किये और लाइव डेमो दिखाये।
पंडित रविशंकर शंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ राजीव चौधरी ने वर्तमान समय में मोटिवेशनल एम्पावरमेंट और स्ट्रेस मैनेजमेंट की उपयोगिता बताते हुए अपने विचारों को व्यक्त किया और कहा कि आज के भाग-दौड़ भरी जिंदगी में स्ट्रेस को दूर करने के लिये योग एक संजीवनी का काम करता है और स्ट्रेस से छुटकारा दिलवाता है।
सीएसवीटीयू के कुलपति डॉ मुकेश वर्मा ने कहा कि संस्था द्वारा एक अच्छी पहल है। कार्यशाला के टॉपिक “मोटिवेशनल एम्पावरमेंट और स्ट्रेस मैनेजमेंट” पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि मानवीय जीवन बहुत ही अनमोल है और आज के इस भाग-दौड़ के जीवन में ऐसे विषय पर विचार मंथन से छात्रों, शिक्षकों के रोजमर्रा के जीवन में नए आयाम स्थापित हो सकते है। साथ ही उन्होंने कहा इस आयोजन को एक दिवसीय करके न देखा जाए बल्कि इसे एक आजीवन प्रेरणा के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने आयोजकों को बहुत-बहुत बधाई दी।
इस कार्यशाला में विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों से बड़ी संख्या में शिक्षकों ने भाग लिया। कार्यक्रम को सीएसवीटीयू के टेक्विप-3 द्वारा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम के अंतर्गत कराया गया।
श्री गंगाजलि एजुकेशन सोसाइटी के चेयरपर्सन आईपी मिश्रा, अध्यक्ष श्रीमती जया मिश्रा, एसएसटीसी के निदेशक डॉ पी बी देशमुख ने इस आयोजन की बहुत सराहना की। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डॉ ए के झा, प्रिंसिपल एफएमएस, डॉ रक्षा सिंह, प्रिंसिपल शंकराचार्य महाविद्यालय, जुनवानी, भिलाई के साथ-साथ समस्त विभागाध्यक्ष, शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक सदस्य एवं छात्र-छात्राओं ने कार्यक्रम में सिरकत किया।
मंच का संचालन प्रो. मनीषा सिंह एवं प्रो. आकांक्षा द्वारा किया गया। कार्यशाला की कोआॅडिर्नेटर एवं विभागाध्यक्ष प्रो. श्रुति मिश्रा ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कार्यकम के सफल आयोजन के लिये आये हुए समस्त आगन्तुकों का धन्यवाद किया।