भिलाई। एमजे कालेज में आज स्टेट डिसास्टर रिस्पांस फोर्स एसडीआरएफ ने अपनी प्रस्तुति दी। फोर्स के डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट एसडी विश्वकर्मा, कंपनी कमांडेंट व प्रभारी जेएल देशमुख तथा फायर सेफ्टी ऑफिसर माइकल सेंटियागो ने आग से निपटने, बाढ़ में बचाव कार्य एवं उपलब्ध संसाधनों से स्ट्रेचर, डूबने से बचने के फौरी उपायों की जानकारी दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की निदेशक श्रीलेखा विरुलकर ने की। उन्होंने कहा कि लोगों को आपदा प्रबंधन की तकनीकों को स्वयं भी सीखना चाहिए तथा अपने आसपास के लोगों को भी सिखाना चाहिए।कंपनी कमांडेंट श्री देशमुख ने बताया कि खाली बोतलों, कनस्तरों तथा जेरिकेन को संभाल कर रखना चाहिए। खाली बोतलों को रस्सी के सहारे सीने पर बांधकर लाइफ जैकेट बनाया जा सकता है। इसी तरह खाली जेरीकेनों को बांध कर मचान तैयार किया जा सकता है जो पानी में डूबता नहीं है। उन्होंने डंडों एवं पुराने कपड़ों तथा खाली बोरों की मदद से स्ट्रेचर बनाने का भी प्रशिक्षण दिया।
फायर अफसर माइकल सेंटियागो ने आग बुझाने के तरीकों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आग के लिए ईंधन की उपस्थिति, हवा में आक्सीजन और ऊंचे तापमान की जरूरत होती है। इसलिए इन तीनों में से किसी एक पर काबू पाने मात्र से आग रुक सकती है। तापमान कम करने के लिए पानी, आक्सीजन कट करने के लिए कार्बन डाइ ऑक्साइड तथा ज्वलनशील पदार्थ पर अग्निरोधक पदार्थ का छिड़काव कर आग पर काबू पाया जा सकता है। उन्होंने गार्डन एरिया में इसका डेमो भी दिया।
महाविद्यालय की निदेशक श्रीमती विरुलकर ने कहा कि हममे से जिस किसी को भी आपदा नियंत्रण के गुर सीखने का मौका मिल रहा है उसे शिद्दत के साथ इसे सीखना चाहिए तथा अपने परिजनों के साथ ही पड़ोसियों को भी इसकी जानकारी देनी चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि यदि हम ऐसा करते हैं तो न केवल लोगों की जानमाल बचा सकते हैं बल्कि हादसों को भी टाल सकते हैं। कार्यक्रम का संचालन एनएसएस अधिकारी एवं आईक्यूएसी प्रभारी डॉ जेपी कन्नौजे ने किया।