दुर्ग। केन्द्रीय कारागार दुर्ग में मां शारदा सामर्थ्य चैरिटेबल ट्रस्ट ने व्यक्तित्व विकास कार्यशाला लगाकर कैदियों को अपने भूल सुधारने तथा राष्ट्र निर्माण की मुख्य धारा में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। कार्यशाला को डॉ संतोष राय एवं नवल किशोर राठी ने संबोधित किया। डॉ संतोष राय ने इस अवसर पर कैदियों को शपथ दिलाई कि ‘मां मैं आ रहा हूँ, अपनी गलतियों पर पछता रहा हूँ।’मां शारदा सामर्थ्य चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा केन्द्रिय जेल दुर्ग में ट्रस्ट के सदस्य नवल किशोर राठी एवं डॉ. संतोष राय द्वारा केन्द्रीय जेल दुर्ग में परसनाल्टी डव्लपमेंट सेमीनार लिया गया। नवल किशोर राठी ने यहाँ से जाने के पश्चात बाहर एक अच्छा इंसान बनने की सीख दी तथा किस तरह अपना जीवन यापन करे जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। वहीं डॉ. संतोष राय ने बड़े ही रोचक अंदाज में सभी कैदियों एवं विचाराधीन कैदियों को शपथ दिलायी कि माँ मैं आ रहा हूँ और अपनी पुरानी गलती पर पछता रहा हूँ।
मां शारदा सामर्थ्य चैरिटेबल ट्रस्ट निरंतर स्वच्छता, जरूरतमंद लोगों को कपड़ा एवं नशा उन्मूलन जैसे कार्यों से जुड़कर न केवल समाजिक कार्य कर रहा हैं वरन् छात्र-छात्राओं को बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित कर रहा है।
मां शारदा सामर्थ्य चैरिटेबल ट्रस्ट के सदस्यों द्वारा श्रमिक बस्ती एवं जरूरतमंद व्यक्तियों के लिए निरंतर आवश्यकता की वस्तुएँ देकर ‘मानव सेवा ही भगवान की सबसे बड़ी सेवा हैं’ के भाव को चरितार्थ करती हैं। ट्रस्ट की सदस्य मिठ्ठू एवं ट्रस्ट के अन्य सदस्यों द्वारा समय-समय पर विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में जा-जाकर कैरियर मार्गदर्शन की कार्यशालाएँ आयोजित कर छात्रों को शिक्षा के प्रति जागरूक किया जाता हैं।