भिलाई। महापौर एवं भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव ने निगम क्षेत्रान्तर्गत मौसमी जलजनित बीमारियों (पीलिया, उल्टी-दस्त) वेक्टर जनित रोग (डेंगू/मलेरिया) के रोकथाम एवं लू से बचाव हेतु टीम भावना से कार्य करने के निर्देश निगम अधिकारियों को दिए हुए हैं जिस पर आयुक्त एस0के0 सुंदरानी ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि बीमारी फैलने के बाद उसके रोकथाम के उपाय करने से अच्छा है कि बीमारी को फैलने ही न दें और उसके पैर पसारने से पहले ही उसके रोकथाम के सारे उपाय कर लिये जाये। जिसमें मैदानी क्षेत्र में कार्य करने वाले एएनएम, मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एवं निगम का स्वास्थ्य अमला अपनी अहम भूमिका निभाती है। मच्छर से फैलने वाले बीमारी से बचने के बजाय अगर मच्छर को एवं इसके लार्वा को ही खतम कर दिया जाये तो यह कारगर कदम होगा। मैदानी क्षेत्र में कार्य करने वाले कमर्चारियों का सूचना तंत्र इतना मजबूत हो कि कहीं पर भी मच्छर के लार्वा या स्वाईन फ्लू के मरीज पाये जाते हैं तो उस क्षेत्र की घेराबंदी कर इसकी सूचना उच्च स्तर पर दें ताकि पूरा अमला उस बीमारी की खात्मा सुनिश्चित क्षेत्र में ही कर दे और उसका फैलाव रुक जाये।
विगत माह से डेंगू उन्मूलन एवं नियंत्रण रोकथाम के उपाय में अभी तक 189 स्थलों पर स्वच्छता पखवाड़ा का आयोजन किया जा चुका है, 38250 बोतल टेमीफास का वितरण किया जा चुका है, 14850 घरों के शौचालयों के गैस पाइप में जाली लगाई जा चुकी है, जन जागरूकता प्रचार-प्रसार हेतु 42300 पंपलेट का वितरण किया जा चुका है, 2400 स्थलों में मेलाथियान स्प्रे किया जा चुका है, 17000 स्थलों पर मलेरिया आयल डाले जा चुके हैं, 6500 स्थलों में फागिंग किया जा चुका है, 350 स्कूलों एवं आंगनबाड़ी में फागिंग किया जा चुका है, 65000 मीटर नालियों की सफाई की जा चुकी है, 38 स्थलों पर चिकित्सा एवं निगम के स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया है, स्वच्छता पखवाड़ा के माध्यम से जन जागरूकता भी फैलाई जा रही है!
श्री सुंदरानी ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा है कि निगम क्षेत्र में महामारी का प्रकोप न हो उसके लिए अपने-अपने क्षेत्र का नक्शा तैयार कर संकल्प लेते हुए मच्छर मुक्त भिलाई बनाने हेतु अभी से तत्पर हो जाये डेंगू/मलेरिया जैसे रोग के जड़ पर वार करें इसके लिए सभी मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्ता क्षेत्र में मच्छर लार्वा उत्पत्ति स्थल का चिन्हांकन कर समाप्त किया जाये, नालियों, गड्ढ़ो के जमाव पानी में मलेरिया आयल/जला आयल/मिट्टी तेल डाला जाये। सभी शासकीय/निजी अस्पतालों के डाक्टरों को व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा जाये तथा पहला बीमार का प्रकरण मिलते ही इसके फैलने को रोका जाये। सूचना संचार प्रणाली को मजबूत करने हेतु काम्बेक्ट टीम बनाकर कार्य संपादित किया जाये एवं किये गये कार्यों का प्रगति प्रकरण प्रस्तुत किया जाये।