भिलाई। फाउण्डेशन किंडर गार्टन में एक दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। केपीएस कुटेला भाठा की प्राचार्य मृदु लखोटिया ने शिक्षकों को वर्क-लाइफ बैलेंस की जानकारी देते हुए स्पष्ट किया कि शिक्षक का स्वयं भी एक अच्छा श्रोता बनना जरूरी है। बच्चों को समझने पर ही वह उन्हें समझाने में भी सक्षम हो सकता है। यह शिक्षक छात्र अंतर-संबंध के लिए जरूरी है।कार्यशाला में 35 से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाओं ने हिस्सा लिया। श्रीमती लखोटिया ने बताया कि इस उम्र के बच्चों को शिक्षित करने की जिम्मेदारी महिलाएं ही उठाती हैं। भारतीय परिवेश में महिलाओं पर घर की भी जिम्मेदारी होती है। घर और स्कूल के जीवन में सामंजस्य और संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है। इसके लिए समय प्रबंधन एक आवश्यक तत्व है।
श्रीमती लखोटिया ने शिक्षकों को टाइम मैनेजमेंट, वर्क लाइफ बैलेंस, स्ट्रेस मैनेजमेंट आदि के विषय में विस्तार से जानकारी दी। घर और स्कूल दोनों ही बेहद डिमांडिंग जॉब्स हैं। यदि संतुलन डगमगाया तो दोनों ही स्थानों पर तनाव उत्पन्न होगा। यदि समय पर इसे नहीं संभाला गया तो यह असंतुलन लगातार बढ़ता जाएगा।
उन्होंने टीचर्स को टीम बिल्डिंग के साथ ही बताया कि किस तरह से बच्चों को खेलकूद और गीतों में एन्गेज करते हुए भी उन्हें शिक्षा दी जा सकती है। उन्होंने सीखने सिखाने की नई तकनीकों के प्रति सहज रहने और उन्हें अपनाने के लिए शिक्षकों को प्रेरित भी किया।