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रेन वॉटर हार्वेस्टिंग कराने के पूर्व विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें- डॉ. श्रीवास्तव

Jun 5, 2019

Rain Water Harvestingदुर्ग। जून माह के द्वितीय सप्ताह में मानसून आने के पूर्व छत्तीसगढ़ अंचल में रेन वाटर हार्वेस्टिंग हेतु तैयारी करने का यह सबसे उपयुक्त समय है। छत्तीसगढ़ शासन एवं नगर निगम द्वारा नवनिर्मित भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की अनिवायर्ता निश्चित रूप से स्वागत योग्य कदम है, परंतु अधिकांश भवनों में बिना विशेषज्ञों से विचार-विमर्ष कर लोग स्वत: बिना किसी जानकारी के रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली स्थापित कर रहे है। यह चिंता का विषय है। अज्ञानतावष यदि एक बार प्रदूषित जल भूमिगत जल में जाकर मिल जाये तो उसे कभी भी स्वच्छ नही किया जा सकता। अत: रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली स्थापित करने के दौरान विषय विषेषज्ञों की सलाह अवष्य लेना चाहिए। ये उद्गार शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग में भूगभर्षास्त्र के सहायक प्राध्यापक डॉ. प्रषांत श्रीवास्तव ने व्यक्त किए। डॉ. श्रीवास्तव 5 जून को आयोजित होने वाले विष्व पर्यावरण दिवस के संदर्भ में भूगभर्षास्त्र विभाग में स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं को रेन वाटर हार्वेस्टिंग से जुड़े विभिन्न पहलुओं की जानकारी दे रहे थे।
डॉ. प्रषांत श्रीवास्तव ने बताया कि वर्षा ऋतु के पूर्व भीषण गर्मी के मौसम में विभिन्न प्रदूषक तत्व हल्के होने के कारण वायुमंडल में प्रचूर मात्रा में उपलब्ध रहते है। जब वर्षा ऋतु में प्रथम अथवा द्वितीय बारिष होती है, तो वर्षा के जल के साथ-साथ वायुमंडल में उपस्थित प्रदूषक तत्व भी घुलकर जमीन के अन्दर प्रवेष करते है। यदि रेन वाटर हार्वेस्टिंग के दौरान इस महत्वपूर्ण बिंदु का ध्यान नही रखा गया तो प्रदूषक युक्त जल सीधे रिसकर भूमिगत जल भंडारण में प्रवेष करेगा। यही कारण है कि वर्षा ऋतु में कम से कम 3-4 बार बारिष होने के बाद ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली के द्वारा वर्षा के जल को भूमिगत प्रवेष हेतु भेजना चाहिए। इस दौरान भी विभिन्न प्रकार के सूक्ष्म प्रदूषक तत्व तथा कचरे को पृथक करने हेतु नीचे जाने वाले पाईप में उच्च कोटि का फिल्टर होना आवष्यक है।
छत्तीसगढ़ में भूजल स्तर प्रतिवर्ष नीचे गिर रहा है। अत: समस्त नागरिकों का यह दायित्व है कि हम रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली को स्वत: अपने-अपने घरों, संस्थानों अथवा कार्यालयों में स्थापित करें। छत्तीसगढ़ में धान के खेत रेन वाटर हार्वेस्टिंग के सबसे उत्तम उपाय है। अनुमान के मुताबिक 100 वर्ग मीटर आकार के छत पर लगभग 65 हजार लीटर वर्षा जल प्राप्त कर उसका पुर्नभरण कर सकते है, और इससे 4 सदस्यों वाले एक परिवार की पेय एवं घरेलू जल की आवष्यकता लगभग 135 दिन तक पूरी कर सकते है। छत पर प्राप्त वर्षा का जल भूमि जल जलाषयों में बंद अथवा बेकार पड़े कुऐं के द्वारा, बंद अथवा चालू हैंडपंप द्वारा, पुर्नभरण पिट अथवा गड्ढे द्वारा, बावली निर्माण के द्वारा प्रेषित किया जा सकता है। आम तौर पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली स्थापित करने में लगभग 5 से 10 हजार रूपये खर्च आता है। आम जनता में यह गलत घारणा है कि उनके घर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली स्थापित करने में उन्हीं के घर का जल स्तर उपर उठेगा, जबकि वास्तविकता यह है कि जल की यह प्रवृति होती है, कि वह अपने आसपास के सभी जगहों में जल स्तर एक समान बनाये रखता है। अत: किसी एक मकान में कृत्रिम जल भरण करने पर सम्पूर्ण क्षेत्र का जल स्तर उपर उठता है।
जमीन की उपलब्धतता सीमित होने पर बोरवेल अथवा नलकूपों का इस्तेमाल पुर्नभरण संचरना के रूप में किया जा सकता है। छोटे भवनों के लिए पुर्नभरण पिट जिसका साईज सामान्यत: 1 से 2 मीटर चैड़ा तथा 2 से 3 मीटर गहरा हो उपयोग में लाया जाता है। इस गड्ढे को ईंटा, कोयले का चूर्ण तथा बजरी गिट्टी से भरा जाता है तथा सबसे उपरी सतह में रेत डाली जाती है। अत: रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली को प्रत्येक नागरिक को स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए। आने वाले वर्षों में हमारा यह सार्थक प्रयास हमारे स्वयं के लिए लाभकारी सिध्द होगा।Admission Open

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