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स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय में विश्व जनसंख्या दिवस पर परिचर्चा

Jul 12, 2019

भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर ‘बढ़ती आबादी का कारण व निराकरण’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. श्रीमती हंसा शुक्ला ने की। प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या के प्रति लोगों में जागरुकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है। छोटे परिवार में ही बच्चों की बेहतर परवरिश संभव होती है।भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर ‘बढ़ती आबादी का कारण व निराकरण’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. श्रीमती हंसा शुक्ला ने की। प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या के प्रति लोगों में जागरुकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है। छोटे परिवार में ही बच्चों की बेहतर परवरिश संभव होती है।डॉ हंसा शुक्ला ने कहा कि जरूरी संसाधन, बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, रोजगार आदि की सुविधायें उपलब्ध हो पाती हैं। आबादी कम होगी तो विकास का लाभ सभी को मिलेगा।
डॉ. पूनम शुक्ला, स.प्रा. शिक्षा विभाग ने कहा ‘सुखी जीवन का आधार छोटा और स्वस्थ परिवार’ जिसका पालन करना सभी के लिये आवश्यक हो गया है। दुनिया की कुल आबादी का अठारह प्रतिशत भाग भारत में और उन्नीस प्रतिशत चीन में है, 2022 तक भारत चीन को पीछे छोड़कर प्रथम स्थान पर पहुंच जायेगा। इस दिन को मनाने का उद्देश्य हर सेकण्ड बढ़ रही आबादी की तरफ लोगों का ध्यान आकर्षित करना है।
डॉ. पूनम निकुम्भ विभागाध्यक्ष शिक्षा विभाग ने बताया हमारे यहां जनसंख्या वृद्धि गुणोत्तर में जैसे दो फिर चार-आठ बढ़ती है परन्तु हमारे प्राकृतिक संसाधन एक दो तीन के अनुपात में बढ़ती है हमारी जनसंख्या तो तेजी से बढ़ रही है। जब कि खाद्य सामग्री उस तुलना में नहीं बढ़ रही है। इससे भूखमरी, कुपोषण आदि अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
स.प्रा. जया तिवारी ने कहा स्लोगन, निबंध, पोस्टर, परिचर्चा, प्रतियोगिता के माध्यम से विद्यार्थियों को जागरुक करना चाहिये। डॉ. नीलम गांधी ने कहा अगर हमें जनसंख्या वृद्धि को रोकना है तो सरकारी नौकरियों, राजनैतिक पदों पर दो से अधिक बच्चों वालों के प्रवेश को निषेध करना होगा। जब पार्षद, विधायक, सांसद, दो बच्चे का आदर्श नहीं रखेंगे तो वे जनता को प्रेरित नहीं कर पाएंगे।
डॉ. तृषा शर्मा ने कहा कि धरा का हो अभिमान बेटा बेटी एक समान पर हमारे यहां पितृ ऋण की अवधारणा के कारण पुत्र की लालसा बनी रहती है। जिसके कारण जनसंख्या में वृद्धि होती है। स.प्रा. शैलजा पवार ने कहा स्कूल व कॉलेजों से ही जागरुकता कार्यक्रम चलाया जाना चाहिये नुक्कड़ नाटक आदि के माध्यम से हम लोगों को जागरुक कर सकते हैं।
डॉ. सुनीता वर्मा ने कहा धार्मिक पूर्वाग्रह जनसंख्या वृद्धि का बहुत बड़ा कारण है लोगों को लगता है पुत्र पिंडदान करेगा, मुखाग्नि देगा, तर्पण करेगा, लोगों को लगता है संतान ईश्वर की देन है यदि मना करें तो नाराज होंगे। यही कारण है देश की जनसंख्या बढ़ रही है।
प्रो. डॉ. सावित्री शर्मा डीन शिक्षा विभाग ने कहा अगर शिक्षा का स्तर उच्च होगा तो जनसंख्या वृद्धि में रोक लग सकती है जागरुकता बहुत जरुरी है जनसंख्या शिक्षा को स्कूल, कॉलेज के पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा बनाना चाहिये।
स.प्रा. सुनीता शर्मा ने नसबंदी का असफल होना जनसंख्या वृद्धि का कारण बताया। स.प्रा. मंजू कन्नौजिया ने शिक्षा में अनिवार्य कोर्स में शामिल होने की बात कही। डॉ. शमा अ बेग ने जनसंख्या नियंत्रण में महिलाओं को आगे आने की बात कही और कहा हमारे पास रिसोर्स कम है अगर बच्चे ज्यादा हुए तो हमारे बच्चों को हक छिन जायेगा। जिनके दो या अधिक बच्चे पालना चाहते है तो उन्हें अनाथ बच्चों को गोद ले पालन पोषण करना चाहिये इससे अनाथ बच्चों की समस्याओं का भी समाधान होगा।
डॉ. रजनी मुदलियार, डॉ. वी. सुजाता, स.प्रा. मंजुषा नामदेव, स.प्रा. उषा साहू ने भी अपने विचार रखे कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ. पूनम शुक्ला व धन्यवाद ज्ञापन डॉ. वी. सुजाता ने दिया।

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