शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में एमजे कालेज का लाइफ स्किल वर्कशॉप
भिलाई। सूचनाओं के इस बवंडर में सही सूचना प्राप्त करना एक कठिन चुनौती है। इसलिए सूचना के सही स्रोतों की पहचान करना बेहद जरूरी है। अफवाहें और आधी अधूरी सूचनाएं अनेक समस्याओं को जन्म देती हैं। छात्र जीवन में ही हमें इसकी आदत डाल लेनी चाहिए कि क्लास स्वयं अटेंड करें, नोट्स कापी न करें, नोटिस बोर्ड को स्वयं देखें और सूचनाएं अधिकृत शिक्षक या सीधे प्राचार्य से प्राप्त करें। इससे चूकें कम होंगी और तनाव भी नहीं होगा।एमजे कालेज की डायरेक्टर श्रीलेखा विरुलकर के निर्देश पर प्राचार्य डॉ कुबेर सिंह गुरुपंच एवं व्याख्याता दीपक रंजन दास ने शनिवार को शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जेपी नगर में कार्यशाला लगाई। व्यायाम शिक्षक उत्तम कुमार बौद्ध की उपस्थिति में आयोजित इस कार्यशाला में 11वीं एवं 12वीं के 100 से अधिक विद्यार्थी शामिल हुए।
व्याख्याता दीपक रंजन दास ने बच्चों को खेल-खेल में यह दिखाया कि चार कान तक जाते जाते कैसे बात बदल जाती है। 4-4 छात्राओं के 2 तथा 4-4 छात्रों के 2 समूह बनाए गए। प्रथम समूह को बताया गया कि आज नाश्ते में पोहा, इडली, जलेबी और चाय की व्यवस्था है। उनसे यह सूचना समूह-2 को देने के लिए कहा गया। सूचना समूह-2 से समूह-3 और फिर समूह-4 तक पहुंची। समूह-4 से जब सूचना को दोहराने के लिए कहा गया तो उनका जवाब था आज नाश्ते में चाय और बिस्किट है।
इससे पूर्व दीपक सर ने बच्चों से उनके ड्रीम करियर के बारे में पूछा। कुछ बच्चों ने पुलिस अधिकारी से लेकर कलेक्टर बनने तक की बात कही। दीपक सर ने कहा कि जिन बच्चों ने अपना मंजिल निश्चित कर लिया है वे रास्ता भी ढूंढ ही लेंगे। सफल करियर के लिए सबसे पहले यह तय करना जरूरी है कि आप क्या बनना चाहते हैं। देखा देखी में कोर्स पर कोर्स करने से न केवल पेरेन्ट्स का पैसा बर्बाद होगा बल्कि आपका कीमती समय भी निकलता जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन बच्चों ने भी शिक्षक बनने का फैसला किया है वे पूरा टेक्स्ट बुक पढ़ना शुरू करें तथा सभी सवालों को हल करने की कोशिश करें। दिक्कत हो तो क्लास में शिक्षक से पूछें। प्रत्येक शिक्षक की अध्यापन शैली को देखें, परखें और अच्छी बातों को आत्मसात करते चलें।
प्राचार्य डॉ कुबेर सिंह गुरुपंच ने बच्चों को करियर विकल्पों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रतियोगिता परीक्षाओं में सफलता के लिए तैयारी अभी से शुरू कर दें। यूपीएससी या पीएससी के माध्यम से शासकीय क्षेत्र में सम्मानजनक रोजगार प्राप्त किया जा सकता है।
अंत में धन्यवाद ज्ञापन शाला की प्राचार्य श्रीमती बी केरकेट्टा ने किया। उन्होंने इस कार्यशाला को बेहद उपयोगी बताते हुए आगे भी स्कूल से संबंध बनाए रखने की बात कही। कार्यशाला में विद्यार्थियों ने बेहद गंभीरता से अपनी भागीदारी दी।