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‘कच्ची धूप’ के बच्चों ने स्वयंसिद्धा के साथ लिया ‘सुपर-30’ का आनन्द

Jul 26, 2019

भिलाई। यदि समर्थ चाहें तो वह वंचितों का जीवन बदल सकते हैं। कुछ ऐसा ही प्रयास किया है विवाहित महिलाओं की संस्था स्वयंसिद्धा ने। स्वयंसिद्धा से जुड़ी महिलाएं न केवल बस्ती के बच्चों को विभिन्न कलाओं का मुफ्त प्रशिक्षण दे रही हैं बल्कि उनकी सोच इससे कहीं आगे तक जाती है। स्वयंसिद्धा के प्रयासों से इन बच्चों ने मल्टीप्लेक्स में बैठकर फिल्म सुपर-30 का आनंद लिया। इन बच्चों के लिए स्वयंसिद्धा ने ‘कच्ची धूप’ प्रकल्प खोल रखा है।भिलाई। यदि समर्थ चाहें तो वह वंचितों का जीवन बदल सकते हैं। कुछ ऐसा ही प्रयास किया है विवाहित महिलाओं की संस्था स्वयंसिद्धा ने। स्वयंसिद्धा से जुड़ी महिलाएं न केवल बस्ती के बच्चों को विभिन्न कलाओं का मुफ्त प्रशिक्षण दे रही हैं बल्कि उनकी सोच इससे कहीं आगे तक जाती है। स्वयंसिद्धा के प्रयासों से इन बच्चों ने मल्टीप्लेक्स में बैठकर फिल्म सुपर-30 का आनंद लिया। इन बच्चों के लिए स्वयंसिद्धा ने ‘कच्ची धूप’ प्रकल्प खोल रखा है।भिलाई। यदि समर्थ चाहें तो वह वंचितों का जीवन बदल सकते हैं। कुछ ऐसा ही प्रयास किया है विवाहित महिलाओं की संस्था स्वयंसिद्धा ने। स्वयंसिद्धा से जुड़ी महिलाएं न केवल बस्ती के बच्चों को विभिन्न कलाओं का मुफ्त प्रशिक्षण दे रही हैं बल्कि उनकी सोच इससे कहीं आगे तक जाती है। स्वयंसिद्धा के प्रयासों से इन बच्चों ने मल्टीप्लेक्स में बैठकर फिल्म सुपर-30 का आनंद लिया। इन बच्चों के लिए स्वयंसिद्धा ने ‘कच्ची धूप’ प्रकल्प खोल रखा है।गुरुवार की मिराज सिनेमा हॉल में रितिक रोशन की नई फिल्म सुपर थर्टी का स्पेशल शो था। हॉल में कभी सिसकियां गूँज रही थी और कभी तालियाँ, कभी खुशी की किलकारी सुनाई देती और कभी दर्शक अपनी सीट से उठकर नाचने लगते। हाल में सिर्फ ये 25 विशेष दर्शक ही थे। ये सभी स्वयंसिद्धा की डायरेक्टर डॉ. सोनाली चक्रवर्ती की क्लास कच्ची धूप के छात्र-छात्राएं थे।
यह सारे बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले एवं बस्तियों में रहने वाले हैं जो हफ्ते में 3 दिन मां कल्याणी शीतला देवी मंदिर मरोदा टैँक के परिसर में इस स्पेशल क्लास में संगीत, अभिनय एवं व्यक्तित्व विकास की शिक्षा लेते हैं। सोनाली चक्रवर्ती ने बताया जब उन्होंने फिल्म सुपर-30 देखी तो उन्हें लगा यह फिल्म इन बच्चों को अवश्य दिखानी चाहिए इससे यह बच्चे बहुत हद तक मोटिवेट होंगे। उन्हें पता चलेगा कि बिना किसी सुविधाओं के भी अगर प्रतिभा है तो हमें कोई नहीं रोक सकता और जब एक बच्चा पढ़ लेता है तो ना केवल उसके माता-पिता बल्कि उसकी सात पुश्तों का जीवन सुधर जाता है।
इस आईडिया को उन्होंने महापौर एवं विधायक देवेंद्र यादव से शेयर किया। वे सहर्ष तैयार हो गये और इसकी पूरी व्यवस्था कर दी। इन बच्चों ने इससे पहले कभी मल्टीप्लेक्स नहीं देखा था। पॉपकॉर्न और कोल्ड ड्रिंक के साथ सिनेमा का मजा लेना इन बच्चों के लिए बहुत ही रोचक अनुभव रहा। कार्यक्रम के आयोजन में बादल सिंह ठाकुर, शीतला मंदिर के संरक्षक संतोष रावत, कथा सान्याल, गीत सिनेमा के संचालक रंजीत शर्मा एवं मिराज सिनेमा के मैनेजर शंभू सिंह का विशेष सहयोग रहा। शिल्पी शर्मा कंचन, प्रशांत, प्रताप बंटी, पूजा चांदनी दुलारी गायत्री आदि मरोदा शासकीय स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने बताया कि यह हमारे जीवन का बहुत ही रोचक और शिक्षाप्रद अनुभव रहा। शिल्पी शर्मा का कहना था कि हम समझ गए कि अमीर और गरीब का फर्क सिर्फ शिक्षा ही मिटा सकती है ।भिलाई। यदि समर्थ चाहें तो वह वंचितों का जीवन बदल सकते हैं। कुछ ऐसा ही प्रयास किया है विवाहित महिलाओं की संस्था स्वयंसिद्धा ने। स्वयंसिद्धा से जुड़ी महिलाएं न केवल बस्ती के बच्चों को विभिन्न कलाओं का मुफ्त प्रशिक्षण दे रही हैं बल्कि उनकी सोच इससे कहीं आगे तक जाती है। स्वयंसिद्धा के प्रयासों से इन बच्चों ने मल्टीप्लेक्स में बैठकर फिल्म सुपर-30 का आनंद लिया। इन बच्चों के लिए स्वयंसिद्धा ने ‘कच्ची धूप’ प्रकल्प खोल रखा है।

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