6 से शुरू होकर 60 दानवीरों की हुई शारदा सामर्थ्य चैरिटेबल ट्रस्ट की टीम
भिलाई। 80 फीसदी अपराधों के पीछे नशाखोरी का होता है। नशे की पिनक में लोग जघन्य से जघन्यतर अपराध कर बैठते हैं। यदि हम नशाखोरी पर अंकुश लगा सके तो अपराध भी स्वयं ही कम होते चले जाएंगे। माँ शारदा सामर्थ्य चैरिटेबल ट्रस्ट की टीम शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में अच्छा काम कर रही है। यदि ट्रस्ट की टीम नशे की प्रवृत्ति पर लगाम लगाने की दिशा में भी काम करे तो पुलिस हर कदम पर उसका सहयोग करेगी। उक्त बातें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर रोहित झा ने ट्रस्ट की आमसभा से पूर्व आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कही। अति. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि प्रतिदिन काम तो बहुतेरे होते हैं, कुछ को छोड़ना पड़ता है और अपनी प्राथमिकता तय करनी पड़ती है। उन्होंने भी कुछ कार्यों को स्थगित कर माँ शारदा सामर्थ्य ट्रस्ट के कार्यक्रम को तरजीह दी और ट्रस्ट के काम काज को जानने सुनने के बाद वे कह सकते हैं कि उन्होंने कोई गलती नहीं की। उन्होंने ट्रस्ट की पूरी टीम को उनके प्रयासों के लिए साधुवाद दिया। यातायात के सीएसपी गुरजीत सिंह भी विशेष रूप से उपस्थित थे।
ट्रस्ट के डॉ संतोष राय ने बताया कि माँ शारदा सामर्थ्य चैरिटेबल ट्रस्ट की शुरुआत छह लोगों ने की थी। आज यह संख्या बढ़कर 60 हो गई है। ट्रस्ट में पहली सदस्यता शिक्षाविद श्रीलेखा विरुलकर ने ली थी। तब से आज तक संस्था को किसी प्रकल्प के लिए स्वस्फूर्त सहयोग प्राप्त हो रहा है। संस्था ने अपनी जमीन ले ली है जिसपर स्कूल का निर्माण प्रारंभ हो गया है। दानदाता स्वेच्छा से आगे आ रहे हैं तथा कक्षों का निर्माण अपने स्वर्गीय माता-पिता के नाम पर करवा रहे हैं। स्वयं उनके पुत्र ने भी स्कूल की बाउंड्री निर्माण का बीड़ा उठाया है।
उन्होंने बताया कि इस आमसभा में भी दो नए सदस्य शामिल हो रहे हैं। ट्रस्ट द्वारा मरोदा के एक स्कूल को गोद लिया गया है। वहां के मेधावी छात्र-छात्राओं को लेखन-अंकन सामग्री प्रदान की जा रही है। इसके अलावा वहां के शिक्षकों को भी सम्मानित किया जा रहा है।
माँ शारदा सामर्थ्य चैरिटेबल ट्रस्ट के एक और प्रकल्प ‘लिबास’ का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि युवाओं की टीम ने यह जिम्मेदारी उठाई है। उपयोग योग्य पुराने वस्त्रों को 26/5, नेहरू नगर पश्चिम में एकत्र किया जाता है जिसे वंचित तबके के लोग ले जाते हैं। इस शनिवार को लगभग 90 लोगों ने यहां से वस्त्र प्राप्त किये। लोग स्वेच्छा से अपने अपने घरों में रखे अनुपयोगी वस्त्रों को यहां छोड़ जाते हैं। आगामी शनिवार 6 जुलाई को संस्था ने इस प्रकल्प के माध्यम से 200 छातों का वितरण करने का निर्णय लिया है।
कार्यक्रम में बिपिन बंसल, रौनक जमाल, श्रीलेखा विरुलकर, आनन्द सर, अरुण रोजिन्दर, मृदुला रोजिन्दर, बी पोलम्मा, पूनम पीयर्स, मिट्ठू मैम, सीए दिव्या रत्नानी, सीए प्रवीण बाफना सहित ट्रस्ट के लगभग सभी सदस्य उपस्थित थे।