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पाटणकर कन्या महाविद्यालय में ‘तनाव मुक्ति’ पर कार्यशाला का आयोजन

Jul 2, 2019

दुर्ग। शासकीय डॉ. वा. वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुर्ग की यूथ रेडक्रॉस इकाई के तत्वाधान पर ‘तनाव मुक्ति’ पर एक सप्ताह की कार्यशाला प्रारंभ हुई। कार्यशाला प्रभारी डॉ. रेशमा लाकेश ने बताया कि इस भागदौड़ की जिंदगी में बहुत से तनावों का हम सामना करते है। छोटी-छोटी मात्रा में इनसे लाभ होता है क्रियाशीलता बढ़ती है तो जब इसका आधिक्य हो जाए तो यह गंभीर रूप ले लेता है। कार्यस्थल का तनाव हमारी क्षमता और क्रियाशीलता को प्रभावित कर देता है। सात दिवसीय इस कायर्शाला में विशेषज्ञ महत्वपूर्ण जानकारी के साथ इससे बचने के उपाय भी बताएगें।दुर्ग। शासकीय डॉ. वा. वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुर्ग की यूथ रेडक्रॉस इकाई के तत्वाधान पर ‘तनाव मुक्ति’ पर एक सप्ताह की कार्यशाला प्रारंभ हुई। कार्यशाला प्रभारी डॉ. रेशमा लाकेश ने बताया कि इस भागदौड़ की जिंदगी में बहुत से तनावों का हम सामना करते है। छोटी-छोटी मात्रा में इनसे लाभ होता है क्रियाशीलता बढ़ती है तो जब इसका आधिक्य हो जाए तो यह गंभीर रूप ले लेता है। कार्यस्थल का तनाव हमारी क्षमता और क्रियाशीलता को प्रभावित कर देता है। सात दिवसीय इस कायर्शाला में विशेषज्ञ महत्वपूर्ण जानकारी के साथ इससे बचने के उपाय भी बताएगें। दुर्ग। शासकीय डॉ. वा. वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुर्ग की यूथ रेडक्रॉस इकाई के तत्वाधान पर ‘तनाव मुक्ति’ पर एक सप्ताह की कार्यशाला प्रारंभ हुई। कार्यशाला प्रभारी डॉ. रेशमा लाकेश ने बताया कि इस भागदौड़ की जिंदगी में बहुत से तनावों का हम सामना करते है। छोटी-छोटी मात्रा में इनसे लाभ होता है क्रियाशीलता बढ़ती है तो जब इसका आधिक्य हो जाए तो यह गंभीर रूप ले लेता है। कार्यस्थल का तनाव हमारी क्षमता और क्रियाशीलता को प्रभावित कर देता है। सात दिवसीय इस कायर्शाला में विशेषज्ञ महत्वपूर्ण जानकारी के साथ इससे बचने के उपाय भी बताएगें।साईंस कॉलेज के डॉ. एस.डी. देशमुख ‘ध्यान के महत्व’ पर प्रकाश डालेंगे तो योगाश्रम सेक्टर-10 की श्रीमती सीमा लांबा रेलेक्सेशन पर अभ्यास सहित जानकारी देंगी। मनोविशेषज्ञ डॉ. शमा हमदानी भी तनाव से मुक्ति के उपाय एवं स्वस्थ्य जीवन पर प्रशिक्षण देंगी।
कार्यशाला का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी ने किया। शुभारंभ अवसर पर उन्होनें कहा कि तनाव मुक्त जीवन हर कोई जीना चाहता है पर यह तनाव हम पर आता कैसे है और हमे उस पर कितनी प्रतिक्रिया करते है यह महत्वपूर्ण है। ध्यान, योग और विश्राम के सहारे हम तनाव से निजात पा सकते है जो कि हमारी क्रियाशीलता के लिए आवश्यक भी है।
ध्यान पर अपने विशेष व्याख्यान में डॉ. एस.डी. देशमुख ने बताया कि ध्यान एक साधना है यदि हम पांच मिनट भी इस पर देते है तो हमें काफी लाभ मिलेगा।
विषय-विशेषज्ञ अजित कुमार सिंह ने बताया कि पहले हमें यह जानना जरूरी है तनाव का मूल कारण क्या है। हमारे मस्तिष्क में एक साथ बहुत से विचार चलते रहते है। एक दिन में लगभग 60 हजार से अधिक विचारों से हम जूझते है। हमारा मस्तिष्क लगातार इस उधेड़बून में सक्रिय रहता है जिसे विश्राम की आवश्यकता होती है। हम ध्यान, योग और विश्राम से तनावमुक्त हो सकते है।
योग प्रशिक्षक डॉ. दिपाली ने भी इस अवसर पर योग साधना के महत्वपूर्ण टिप्स दिये। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रेशमा लाकेश ने किया। इस अवसर पर प्राध्यापक, कमर्चारी एवं छात्राएँ उपस्थित थी। महाविद्यालय के शिक्षकों, कर्मचारियों के लिए विशेष रूप से आयोजित इस कार्यशाला में सेल्फ मेडिटेशन, रेलेक्सेशन तथा जाब बर्न आउट पर फोकस किया जावेगा।

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