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बीएससी बायो टेक के बाद स्वरूपानंद के विद्यार्थियों ने विभिन्न क्षेत्रों में बनाया मुकाम

Jul 2, 2019

भिलाई। स्वरूपानंद के एलमुनाई ने छत्तीसगढ़ में अपनी प्रतिभा का परचम फैलाया व सफलता का वह मुकाम हासिल किया जिससे अन्य अभ्यर्थियों को विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा है। इन पूर्व विद्यार्थियों ने अनुसंधान सहित विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में स्वयं को स्थापित किया है और निरंतर अच्छा काम कर रहे हैं। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय के एलमुनाई डॉ.सुनील साहू ने महाविद्यालय से बीएससी बॉयोटेक्नोलॉजी करने के बाद अन्नामलाई विश्वविद्यालय, चेन्नई से इसी विषय में एमएससी किया। वर्तमान में रिसर्च साईंटिस्ट के पद पर इंस्टीट्यूट आॅफ न्यूू एग्रीकल्चर रिसर्च चायना में कार्यरत है।भिलाई। स्वरूपानंद के एलमुनाई ने छत्तीसगढ़ में अपनी प्रतिभा का परचम फैलाया व सफलता का वह मुकाम हासिल किया जिससे अन्य अभ्यर्थियों को विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा है। इन पूर्व विद्यार्थियों ने अनुसंधान सहित विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में स्वयं को स्थापित किया है और निरंतर अच्छा काम कर रहे हैं। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय के एलमुनाई डॉ.सुनील साहू ने महाविद्यालय से बीएससी बॉयोटेक्नोलॉजी करने के बाद अन्नामलाई विश्वविद्यालय, चेन्नई से इसी विषय में एमएससी किया। वर्तमान में रिसर्च साईंटिस्ट के पद पर इंस्टीट्यूट आॅफ न्यूू एग्रीकल्चर रिसर्च चायना में कार्यरत है। नरेश देवांगन ने बीएससी बॉयोटेक्नोलॉजी किया जिसके बाद पोस्ट डाक्टरेट फेलोशिप हेतु चायना में चयन हुआ है। बॉयोलॉजी अभ्यर्थियों के लिये भी बॉयोटेक, माइक्रोबॉयोलॉजी में कैरियर के स्वर्णिम अवसर उपलब्ध हैं।
इसी तरह लक्की ठक्कर बीएससी बॉयॉटेक्नोलॉजी करने के बाद वर्तमान में टेक्नीकल आफिसर सेंटर फार माइक्रोबॉयोलॉजी रिसोर्स, पुणे में कार्यरत हैं। रवि नायर बीएससी बॉयोटेक्नोलाजी, एग्रोनामिस्ट साफ्टले मॉल्ट इण्डिया प्रा. लिमिटेड कोटा राजस्थान में कार्यरत है। श्वेता चन्द्राकर ने बी.एस.सी. बॉयोटेक्नोलॉजी, कैमिकल एनालिस्ट के रूप में इंटास फामर्सुटिकल लिमिटेड अहमदाबाद गुजरात में कार्यरत है। रूपेश चौबे एमएससी बॉयोटेक्नोलॉजी के बाद प्रोजेक्ट अस्सिटेंट सीएसआइआर लखनऊ में है। नेम कुमार साहू एमएससी माईक्रोबॉयोलॉजी करने के बाद प्रोजेक्ट असिस्टेंट एनबीआरआई लखनऊ, उर्वशी दवे बीएससी बॉयोटेक्नोलॉजी आज हिमाचल प्रदेश के सीएसआईआरआई बीटी पालमपुर में प्रोजेक्ट असिस्टेंट हैं। सुमित सतपथी बीएससी बॉयोटेक्नोलॉजी प्रोजेक्ट फेलो के रूप में सीजी केवी वेटनरी कालेज अंजोरा दुर्ग में कार्यरत है। क्षमा यदु बीएससी बॉयोटेक्नोलॉजी आरआई के रूप में छत्तीसगढ़ में है, निकिता देषमुख बीएससी बॉयोटेक्नोलॉजी बैंक आॅफ इण्डिया, आकांक्षा धर एमएससी बॉयोटेक्नोलॉजी अस्सिटेन्ट इनविजिलेस आॅफिसर, भारत सरकार के ग्रह मंत्रालय में ग्वालियर में कार्यरत है।
ये बच्चे यह साबित कर रहे हैं कि साईस के विद्यार्थियों के लिये मेडिकल ही एक मात्र विकल्प नहीं है अपितु रिसर्च के क्षेत्र, अनुसंधान प्रोजेक्ट, फार्मास्टिकल कम्पनी के अतिरिक्त बैंक, रेलवे आदि में भी कैरियर की संभावनायें हैै।
एलमनाई की इस उपलब्धि पर श्री गंगाजली शिक्षण समिति के चेयरमेन आई.पी.मिश्रा, स्वरूपानंद महाविद्यालय के सीओओ डॉ.दीपक शर्मा एवं प्राचार्य डॉ.हंसा शुक्ला तथा सभी स्टॉफ ने विद्यार्थियों की इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी एवं उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

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