भिलाई। मिसेज यूनिवर्स की फाइनलिस्ट शिखा साहू का मानना है कि बड़ा लक्ष्य साधना हो तो जहां से भी अवसर मिले शुरुआत कर देनी चाहिए। 2017 में प्राइड आफ छत्तीसगढ़ से अपनी यात्रा प्रारंभ करने वाली शिखा साहू फिलहाल मिसेज डिवा इंटरनेशनल में भाग लेने के लिए नई दिल्ली में हैं। अपने निवास पर इस प्रतिनिधि से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि उनके लिये यह सफर आसान नहीं रहा। पर पति के प्रोत्साहन एवं स्वयं की मेहनत से वे धीरे-धीरे आगे बढ़ती रहीं। जुनवानी के दाऊ रमेश साहू के परिवार में उनका जन्म हुआ। जुनवानी के शासकीय हाईस्कूल तथा खमरिया हाईस्कूल से ही उन्होंने आरंभिक शिक्षा प्राप्त की। दुर्ग गर्ल्स कालेज से वाणिज्य में स्नातक और फिर राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की।
स्कूल और कालेज लाइफ में उन्होंने भरतनाट्यम का प्रशिक्षण प्राप्त किया। पर इसे आगे जारी नहीं रख सकीं। विवाह पश्चात संतान की जिम्मेदारी थी। फिर उन्होंने ब्यूटी पार्लर का काम शुरू किया। बच्चों के बड़े हो जाने तक उन्होंने स्वयं को गृहकार्य तथा घर पर ब्यूटी पार्लर चलाने तक सीमित रखा।
2017 में उन्हें प्राइड आफ छत्तीसगढ़ में भाग लेने का अवसर मिला। पहली बार यहीं पर उनकी ग्रूमिंग हुई। इसी मंच से उनका चयन आरके पनाश ग्रुप मुम्बई ने कर लिया। इस प्रतियोगिता में वे छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करने वाली प्रथम और इकलौती महिला बनीं।
इससे पहले वे भिलाई महिला समाज से जुड़ चुकी थीं। यहां वे महिलाओं को नृत्य का प्रशिक्षण देती थीं। उनकी कोरियोग्राफी महिला समाज को इतनी पसंद आई कि बतौर सम्मानित सदस्य वे उससे जुड़ गर्इं। ग्लैमर के मंच पर आने के बाद वे सामाजिक गतिविधियों से जुड़ गर्इं। उन्होंने सार्वजनिक मंचों पर आमंत्रित किया जाने लगा। वे शिवनाथ बचाओ आंदोलन से भी जुड़ीं तथा शिवनाथ आरती का हिस्सा बन गई।
2019 फरवरी में वे मिसेज इंडिया इंटरनेशनल प्रतियोगिता का हिस्सा बनीं तथा टॉप-5 में शामिल हुर्इं। इस प्रतियोगिता में भी छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व कर रही थीं। इस प्रतियोगिता में उन्हें मिसेज विवेशियस की उपाधि मिली थी।
शिखा बताती हैं कि नारी सशक्तिकरण की दिशा में वे आरंभ से ही काम करती रही हैं पर इन प्रतियोगिताओं ने उन्हें एक बड़ा मंच दिया है जिससे वे अधिक से अधिक महिलाओं को प्रेरित कर पा रही हैं। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ उत्तर, पूर्व, पश्चिम एवं मध्यभारत में जेन्डर इक्वालिटी का प्रतिनिधित्व करता है। छत्तीसगढ़ में महिलाओं की स्थिति शेष भारत से बेहतर है। यहां सेक्स रेशियो भी शेष भारत के मुकाबले अच्छा है। वे चाहेंगी कि छत्तीसगढ़ की खूबियों को राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करें ताकि दूसरों को प्रेरणा मिल सके। समाज एवं परिवार ने उन्हें यह अवसर दिया है तो इसका दीर्घ और स्थायी लाभ होना चाहिए।