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हल भैंसा लेकर स्वयं खेत में उतरे कलेक्टर, जुताई के साथ ही की बुआई

Jul 11, 2019

बेमेतरा। कृषि कार्य में आधुनिक बदलाव आने से अब नांगर (हल) बैल के बदले ट्रेक्टर से जुताई करने लगे है। फिर भी कहीं-कहंी खेती किसानी कार्य में अब भी हल का उपयोग किया जा रहा है। कलेक्टर महादेव कावरे 8 जुलाई को ग्रामीण क्षेत्र के दौरे पर निकले थे। इस दौरान उन्हे ग्राम खिलोरा का एक किसान सोयाबीन बोता हुआ दिखाई दिया। उन्होंने अपना वाहन रूकवाया और खेत में जा पहुंचे। खिलोरा निवासी किसान दशरथ साहू उस वक्त हल चला रहे थे। कलेक्टर ने भी हल चलाने की इच्छा जाहिर की और दशरथ साहू से हल की पड़की (मुठ) पकड़कर खेत की जुताई की। इससे उन्हें अपना बचपन भी याद आ गया। बेमेतरा। कृषि कार्य में आधुनिक बदलाव आने से अब नांगर (हल) बैल के बदले ट्रेक्टर से जुताई करने लगे है। फिर भी कहीं-कहीं खेती किसानी कार्य में अब भी हल का उपयोग किया जा रहा है। कलेक्टर महादेव कावरे 8 जुलाई को ग्रामीण क्षेत्र के दौरे पर निकले थे। इस दौरान उन्हे ग्राम खिलोरा का एक किसान सोयाबीन बोता हुआ दिखाई दिया। उन्होंने अपना वाहन रूकवाया और खेत में जा पहुंचे। खिलोरा निवासी किसान दशरथ साहू उस वक्त हल चला रहे थे। कलेक्टर ने भी हल चलाने की इच्छा जाहिर की और दशरथ साहू से हल की पड़की (मुठ) पकड़कर खेत की जुताई की। इससे उन्हें अपना बचपन भी याद आ गया।

बेमेतरा। कृषि कार्य में आधुनिक बदलाव आने से अब नांगर (हल) बैल के बदले ट्रेक्टर से जुताई करने लगे है। फिर भी कहीं-कहंी खेती किसानी कार्य में अब भी हल का उपयोग किया जा रहा है। कलेक्टर महादेव कावरे 8 जुलाई को ग्रामीण क्षेत्र के दौरे पर निकले थे। इस दौरान उन्हे ग्राम खिलोरा का एक किसान सोयाबीन बोता हुआ दिखाई दिया। उन्होंने अपना वाहन रूकवाया और खेत में जा पहुंचे। खिलोरा निवासी किसान दशरथ साहू उस वक्त हल चला रहे थे। कलेक्टर ने भी हल चलाने की इच्छा जाहिर की और दशरथ साहू से हल की पड़की (मुठ) पकड़कर खेत की जुताई की। इससे उन्हें अपना बचपन भी याद आ गया।जिलाधीश श्री कावरे विद्यार्थी जीवन में जब हाई स्कूल के छात्र थे, तब घर की खेती किसानी के कार्य में अपने माता पिता के साथ हाथ बटाया करते थे। कलेक्टर को अपने बीच पाकर किसान दशरथ को आश्चर्य मिश्रित कौतुहल हुआ। बेमेतरा जिले के वतर्मान कलेक्टर छत्तीसगढ़ के धुर नक्सल प्रभावित बीजापुर जिला के एक गांव के निवासी है। जहां उनका बचपना बीता है और उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की।

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