दुर्ग। शासकीय डॉ वावा पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुर्ग के चित्रकला विभाग के तत्वाधान में तीन दिवसीय माटी शिल्प कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। जनभागीदारी समिति की अध्यक्ष श्रीमती प्रीति मिश्रा ने मुख्य अतिथि की आसंदी से कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि ‘माटीशिल्प’ की तरह विद्यार्थियों का जीवन है जिसे माता-पिता और गुरू सही आकार देते है। अतएव हमें सदैव उनका ऋणी रहना चाहिए। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी ने माटीशिल्प कार्यशाला के चौथे वर्ष में छात्राओं की बढ़ती भागीदारी की प्रशंसा करते हुए इसे रोजगोरोपयोगी तथा प्रतिभाओं को निखारने का माध्यम बताया। आयोजन सचिव डॉ. योगेन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि आज से इको फ्रेंडली गणेश की मूर्ति बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
सुप्रसिद्ध कलाकार राजेन्द्र सुनगारिया के निर्देशन में छात्राएँ मिट्टी के गणेश बनाने का प्रशिक्षण ले रही है। इन मूतिर्यों को प्राकृतिक रंगों से रंगा जावेगा तथा इसे छात्राएँ अपने घर ले जावेगी। इस अवसर पर धनंजय पाल तथा सुनीता डोंगरे भी कार्यशाला में छात्राओं को मार्गदर्शन दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. ऋचा ठाकुर ने किया। पहले दिन 250 मूर्तियां बनाई गयी।