संबलपुर। निराशा भाव को दूर करने की दिशा में सभ्य समाज की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। ‘निराशा एवं सभ्य समाज’ शीर्षक 14वां ब्रजबाहू सतपथी स्मृति भाषण माला कार्यक्रम में समदृष्टि पत्रिका के संपादक सुधीर पटनायक ने यह बात कही। ओड़िशा सांस्कृतिक समाज भवन में ब्रजबाहू स्मृति कमेटी की ओर से आयोजित सभा को संबोधित करते हुए श्री पटनायक ने कहा कि आज के समय में समाज में निराशा छायी हुई है। उन्होंने कहा कि विकसित शिक्षित समाज में आत्महत्या की घटनाएं भी अधिक हो रही हैं।
श्री पटनायक ने कहा कि समाज में देखे जा रहे इस संकट को न तो हम सही से देख पा रहे हैं, और ना ही उसे पहचान रहे हैं, और ना ही कोई राय रख पा रहे हैं। इस कारण से यह स्थिति बन रही है। पूरी दुनिया में निराशा का माहौल है। विश्व में संयुक्त राष्ट्र अमेरिका को उन्नत एवं विकसित देश कहा जाता है, किन्तु वहां पर भी निराशा के कारण आत्महत्या की घटना बढ़ती जा रही है। अधिक सभ्य कहलाने वाले गोरे लोगों में भी अधिक निराशा है। समाजवादी चीन में भी आत्महत्या की घटनाएं बढ़ रही हैं। हमारा पड़ोसी भूटान खुशी की सूची में प्रथम स्थान पर है, जबकि वहां पर भी एक महीने में करीब 18 लोग आत्महत्या कर रहे हैं।
श्री पटनायक ने कहा कि निराशा भाव दूर करने की दिशा में सभ्य समाज की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। इसके लिए सभ्य समाज को संवेदनशील, सहिष्णु, स्नेही एवं समानता का पक्षधर बनना पडेÞगा। कवि डॉ. प्रदीप कुमार पंडा की अध्यक्षता में आयोजित सभा के प्रारंभ में किसान नेता लिंगराज ने संग्रामी ब्रजबाहू सतपथी की जीवनी पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर माँ को न्याय दिलाने के लिए 8 वर्षों तक संघर्ष करने वाली विजयिनी मिश्र को स्मृति कमेटी के कार्यकर्त्ता एवं सीपीआई जिला सचिव एन.गोपाल ने सम्मानित किया। विचार पत्रिका अन्वेषा की नयी संख्या का विमोचन किया गया। अन्वेषा के संपादक सरोज ने प्रारंभिक सूचना दी एवं अरुण खुंटिया ने धन्यवाद ज्ञापन किया। सभा में अनेक विद्याथिर्यों सहित सचेतन एवं वरिष्ठ नागरिक उपस्थित थे।