युवाओं में बढ़ती हृदय रोगियों की संख्या चिंता का विषय : डॉ आरएन सिंह
भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में आज फिट इंडिया अभियान के तहत शंकराथान कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें एनसीसी कैडेट्स के साथ ही बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। इस प्रतियोगिता को श्रीगंगाजली शिक्षण समिति के चेयरमैन आईपी मिश्रा की पौत्री कुमारी नारायणी मिश्रा ने झंडा दिखाकर रवाना किया। इस प्रतियोगिता में लगभग 500 बच्चों ने भाग लिया। शंकराथॉन के तहत विद्यार्थी महाविद्यालय प्रांगण से चलकर ग्रीन वैली पहुंचे जहां से वे महाविद्यालय लौटे। इसमें महाविद्यालय के 257 विद्यार्थियों के साथ ही एनसीसी कैडेट्स तथा अन्यों ने भाग लिया। राह में दो पाइंट पर इन प्रतिभागियों को अपने दाहिने हाथ पर एक चिन्ह लगवाना था। महिला वर्ग में प्रथम स्थान बी.एस.सी. प्रथम की छात्रा कंचन गुप्ता तथा रनर अप बी.एस.सी. द्वितीय वर्ष की डिंपल को दिया गया। पुरूष वर्ग में बी.एस.सी. प्रथम के शुभम सिंह, तथा बी.सी.ए. प्रथम वर्ष के आदित्य रनर अप रहे। ये छात्र श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के फिट इंडिया के ब्रांड एम्बेसेडर के रूप में जाने जायेगे।
मुख्य कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय सभागार में किया गया। मुख्य अतिथि शासकीय वीवायटी पीजी कालेज दुर्ग के प्राचार्य डॉ आरएन सिंह ने कहा कि फिट इंडिया कार्यक्रम का साप्ताहिक आयोजन पूरे जिले में यदि कही हो रहा है तो इसी महाविद्यालय में। पीएम मोदी की संकल्पना को महाविद्यालय के छात्रों ने लघु नाटिका के माध्यम से प्रस्तुत किया है। आज स्वभाविक प्रक्रिया रूक गयी है। उसका स्थान मोबाइल ने ले लिया है। एक हदय रोग विशेषज्ञ का कहना है कि आज भारत में युवा वर्ग के ज्यादा हदय रोग के मरीज है। यह एक गंभीर समस्या है।
उन्होंने स्वामी विवेकानंद का उदाहरण देते हुए कहा कि स्वामी जी से एक व्यक्ति ने पूछा कि आप शिक्षा और संस्कार में किसे चुनना पसंद करेंगे इस पर स्वामी जी ने पहले तो दोनों कहा परंतु व्यक्ति के द्वारा किसी एक का चयन करने को कहा तो स्वामी जी ने संस्कार को चुना और कहा कि यदि श्रेष्ठ संस्कार होगा तो व्यक्ति स्वंय शिक्षित हो जायेगा। ओसामा बिन लादेन ने बी.ई., एम.बी.ए. की शिक्षा प्राप्त कि थी। परंतु उनके पास संस्कार नहीं था। संस्कारविहीन होने के कारण ही पतन के गर्त में चला गया। हर व्यक्ति में स्पोर्ट्स स्पिरिट होनी चाहिए, फिजिकल कसरत करनी चाहिए जिससे हम शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहेंगे।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. रक्षा सिंह ने कहा कि शारीरिक एवं मानसिक फिटनेस के लिए खेल आवश्यक है। महाविद्यालय समय-समय पर छात्रों, प्राध्यापकों के लिए इस तरह के अनेक कार्यक्रम जैसे योगा, प्राणायाम, मेडिटेशन एवं खेलों का आयोजन करता है। योग संस्कृत शब्द से बना हुआ है जिसका तात्पर्य संगठन से होता है मस्तिष्क और शरीर के समन्वय के साथ संगठित रूप से कार्य करते है। इसी प्रकार महाविद्यालय में भी इस तरह के समन्वय के साथ कार्यक्रम समय-समय पर करवाये जाते है। आगे आपने जानकारी देते हुए कहा कि अब श्री शंकराचार्य अस्पताल जुनवानी, भिलाई में ईएसआईसी की सुविधा जनसमुदाय को प्रदान की जा रही है।
विशिष्ट अतिथि डॉ ललित वर्मा ने कहा कि दिनभर में अपने लिए जरूर समय निकाले, खेल खेले, वॉकिंग करे तभी आप स्वस्थ्य रह सकते है। आपने कहा कि स्वस्थ्य शरीर में स्वस्थ्य मन का वास होता है इसलिए अपने स्वास्थ्य को सही रखने के लिए प्रतिदिन कम से कम 45 मिनट का समय अवश्य निकाले।
विशेष अतिथि अभिषेक कुमार सिंह ने कहा कि पहले एक कहावत थी, खेलोगे कूदोगे तो बनोगे खराब, पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब। पर वर्तमान समय में यह कहावत सत्य चरितार्थ नहीं होती है। बल्कि आज खेलोगे कूदोगे तो भी बनोगे नवाब, पढ़ोगे लिखोगे तो भी बनोगे नवाब। आज शारीरिक खेल कम हो रहे है। बल्कि इसका स्थान भौतिकवादी साधनो ने ले लिया है।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य खेल अलंकरण पुरस्कार 2019 से सम्मानित महाविद्यालय के छात्र वैभव सिंह चंदेल (हॉकी), डोमेन्द्र कुमार (कुश्ती) एवं करन पाण्डेय को महाविद्यालय के द्वारा प्रशस्तीपत्र देकर उनका उत्साहवर्धन किया गया।
कार्यक्रम के आयोजन में चौहान ग्रुप के अजय चौहान का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम का संचालन डॉ. वंदना सिंह एवं धन्याद ज्ञापन डॉ. सुषमा पाठक ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापकगण, कमर्चारीगण एवं छात्र छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे।