भिलाई। चित्रांश भवन सेक्टर-6 में मुंशी प्रेमचंद की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद ने अपने आसपास घटने वाली घटनाओं को विषय बनाया। उनकी कहानियों के पात्र हमारे अपने बीच के लगते हैं। उनकी कहानियों में भारतीय जन जीवन का यथार्थ झलकता है। वे आधुनिक साहित्य के अग्रज हैं और आज भी रचनाकारों को प्रेरित करते हैं। वक्ताओं ने मुंशीजी की कहानियों, उपन्यासों का उल्लेख करते हुए उनसे प्रेरणा लेने की बात भी कही।
श्री चित्रगुप्त मंदिर समिति की अध्यक्ष श्रीमती उषा श्रीवास्तव द्वारा मुंशी प्रेमचंद के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर तथा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। उन्होंने मुंशीजी के जीवन, व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। श्रीमती किरण सिपाहा, श्रीमती कंचन सक्सेना, दीपक रंजन दास, मुख्य सचिव प्रमोद श्रीवास्तव एवं कार्यकारी अध्यक्ष अनिरुद्ध श्रीवास्तव ने मुंशीजी की विशिष्टताओं को रेखांकित किया।
दीपक रंजन दास ने उनकी कहानियों की गंभीरता को बहुत ही सुंदर तरीके से बताया। कार्यकारी अध्यक्ष अनिरुद्ध श्रीवास्तव ने मुंशी प्रेमचंद को साहित्य का श्रीगणेश बताया। उन्होंने कहा कि, साहित्य से जुड़ा लगभग प्रत्येक व्यक्ति श्री प्रेमचंद को ही अपनी प्रेरणा का स्रोत बताता है।
कार्यक्रम का कुशल संचालन श्रीमती पूजा सिन्हा ने किया। उन्होंने प्रत्येक वर्ष मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर वृक्षारोपण करने का प्रस्ताव दिया जिसका सभी ने करतल ध्वनि से समर्थन किया। कार्यक्रम में विशेष रूप से कोषाध्यक्ष दिलीप प्रसाद, श्रीमती भारती श्रीवास्तव, श्रीमती नेहा श्रीवास्तव, श्रीमती अलका अखोरी, अजय श्रीवास्तव, अशोक श्रीवास्तव, ए.सी.सिपाहा, भुवन श्रीवास्तव, प्रजेश श्रीवास्तव, आर.बी. श्रीवास्तव उपस्थित रहे।