• Wed. Apr 24th, 2024

Sunday Campus

Health & Education Together Build a Nation

स्वरुपानंद महाविद्यालय की रासेयो इकाई ने ‘कुपोषण मुक्त भारत’ में की सहभागिता

Sep 20, 2019

भिलाई। स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही ‘कुपोषण मुक्त भारत’ अभियान में अपनी सहभागिता निभाते हुये ग्राम मोहलाई में जागरूकता अभियान चलाया। रासेयो प्रभारी स.प्रा. दीपक सिंग ने बताया यह अभियान गर्भवती माता, किशोर, बालिका व बच्चों के लिये चलाया जा रहा है। पोषण कार्यक्रम जन आंदोलन है और इसकी सफलता के लिये महाविद्यालय अपनी भागीदारी निभा रहा है।भिलाई। स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही ‘कुपोषण मुक्त भारत’ अभियान में अपनी सहभागिता निभाते हुये ग्राम मोहलाई में जागरूकता अभियान चलाया। रासेयो प्रभारी स.प्रा. दीपक सिंग ने बताया यह अभियान गर्भवती माता, किशोर, बालिका व बच्चों के लिये चलाया जा रहा है। पोषण कार्यक्रम जन आंदोलन है और इसकी सफलता के लिये महाविद्यालय अपनी भागीदारी निभा रहा है।भिलाई। स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही ‘कुपोषण मुक्त भारत’ अभियान में अपनी सहभागिता निभाते हुये ग्राम मोहलाई में जागरूकता अभियान चलाया। रासेयो प्रभारी स.प्रा. दीपक सिंग ने बताया यह अभियान गर्भवती माता, किशोर, बालिका व बच्चों के लिये चलाया जा रहा है। पोषण कार्यक्रम जन आंदोलन है और इसकी सफलता के लिये महाविद्यालय अपनी भागीदारी निभा रहा है।दीपक सिंग ने बताया कि मोहलाई ग्राम की महिलाओं, किशोरियों व विद्यार्थियों को जागरूक करने का प्रयास किया गया क्योंकि स्वस्थ भारत से ही मजबूत भारत का निर्माण होगा। राष्ट्रीय सेवा योजना विद्यार्थियों ने घर-घर जाकर महिलाओं को आयरन व विटामिन युक्त तरह-तरह के पोषक आहार लेने, दूध, आयोडीन युक्त नमक, कैल्शियम की निर्धारित खुराक लेने, शुद्ध पानी पीने व डॉक्टर से जांच करवाने के लिये प्रेरित किया।
इस अवसर पर माताओं को बताया गया कि छह महीने पूरे होने पर बच्चे को ऊपरी आहार देने, विटामिन ए की निर्धारित खुराक देने, वजन करवाने और पांच साल की उम्र तक निर्धारित टीके लगवाने की सलाह दी।
जागरूकता अभियान के लिये राष्ट्रीय सेवा योजना को बधाई देते हुये प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने कहा भारत को कुपोषण मुक्त बनाने के लिये लोगों की भागीदारी आवश्यक है। इसके लिये लोगों को जागरूक करना आवश्यक है। कई बार संसाधन होते हुये भी गर्भवती महिलायें व दूध पिलाने वाली मातायें पोषक आहार नहीं ले पाती और कुपोषण का शिकार हो जाती है।

Leave a Reply