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‘अंडरस्टैण्डिंग द करेक्टर’ पर साइंस कालेज में सात दिवसीय नाट्य कार्यशाला

Oct 21, 2019

दुर्ग। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय में साहित्य समिति द्वारा नाट्य कला पर सात दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का संचालन आॅनसेंबल थियेटर-इन-एजुकेशन एसआरपीए, भोपाल म.प्र. के उज्जवल सिन्हा द्वारा किया गया। इन सात दिनों में छात्र-छात्राओं को रोचक गतिविधियोें द्वारा दिमाग को एकाग्रचित कर स्थिरता लाना, एक दूसरे को समझना सिखाया गया।दुर्ग। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय में साहित्य समिति द्वारा नाट्य कला पर सात दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का संचालन ऑनसेंबल थियेटर-इन-एजुकेशन एसआरपीए, भोपाल म.प्र. के उज्जवल सिन्हा द्वारा किया गया। इन सात दिनों में छात्र-छात्राओं को रोचक गतिविधियोें द्वारा दिमाग को एकाग्रचित कर स्थिरता लाना, एक दूसरे को समझना सिखाया गया। दुर्ग। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय में साहित्य समिति द्वारा नाट्य कला पर सात दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का संचालन आॅनसेंबल थियेटर-इन-एजुकेशन एसआरपीए, भोपाल म.प्र. के उज्जवल सिन्हा द्वारा किया गया। इन सात दिनों में छात्र-छात्राओं को रोचक गतिविधियोें द्वारा दिमाग को एकाग्रचित कर स्थिरता लाना, एक दूसरे को समझना सिखाया गया।रंगमंच की विस्तृत जानकारी देते हुए ऑबजर्वेशन और परसेप्शन का अंतर समझाया, चरित्र और पात्रों को समझने की जानकारी, गतिविधियों, खेल एवं अभिनय द्वारा तर्क शक्ति को विकसित करने की प्रक्रिया सिखाई। उज्जवल सिन्हा ने स्टिल इमेज, स्टेचू और टेबलू का अंतर, आंखों पर पट्टी बांधकर एकाग्र होना, टीमवर्क एवं संस्कृत के नाटकों के तथ्यों एवं नए नाटकों को प्रस्तुत करना सिखाया। श्री सिन्हा ने नाटक के द्वारा दर्शकों तक संदेश पहुंचाने की कला, कॉस्टूम डिजाइनिंग, निर्देशन, सेट डिजाइनिंग एवं अन्य जानकारियां दी।
समापन दिवस पर साहित्य समिति की संयोजक डॉ. सुचित्रा गुप्ता ने सभी प्रतिभागियों को इस कार्यशाला में अपना पूर्ण सहयोग देने एवं अंडरस्टैण्डिंग द करैक्टर पर प्रकाश डालते हुए छात्रों एवं समिति के सभी सदस्यों को इसे सफल बनाने के लिए बधाई दी। प्राचार्य डॉ. आर.एन. सिंह ने छात्र-छात्राओं को कार्यशाला में अपनी सहभागिता, अपने अंदर के कलाकार को पहचानने, अपनी शक्ति, अपनी ऊर्जा को सही दिषा देने के लिए बधाई दी। उन्होंने महाविद्यालय में नाट्य, संगीत एवं नृत्य की विधाएं शुरू करने का आश्वासन दिया।
सात दिनों के अथक प्रयास से एवं श्री सिन्हा के सधे हुए निर्देशन में छात्र-छात्राओं ने बहुत ही रोचक प्रस्तुतियां दी- जिनमें अंग्रेजी के नाटककार, विलियम शेक्सपियर की ‘द मंर्चेट आॅफ वेनिस’ का ट्रायल सीन प्रस्तुत किया, आॅथेलो से इमेज थियेटर का मंचन किया। इसके साथ ही मोहन राकेश के आधे-अधूरे से पठन पाठन एवं संस्कृत नाटय ‘मध्यमव्यायोग’ से प्रहसन प्रस्तुत किया।
समिति के सदस्यों में डॉ. जे.पी. साव, डॉ. कृष्णा चटर्जी, डॉ. पद्मावती, डॉ. तरलोचन कौर, डॉ. ज्योति धारकर, डॉ. अनुपमा कष्यप के अलावा महाविद्यालय के अन्य विभागों से डॉ. थानसिंह वर्मा, डॉ. अभिनेष सुराना, डॉ. ए.के. पाण्डेय, डॉ. शंकर निषाद, डॉ. जनेन्द्र दीवान उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. ज्योति धारकर एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. के. पद्मावती ने किया।

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