• Fri. Apr 19th, 2024

Sunday Campus

Health & Education Together Build a Nation

गर्ल्स कॉलेज में यूथ रेडक्रॉस के तत्वाधान में विश्व रजोनिवृत्ति दिवस

Oct 22, 2019

दुर्ग। शास. डॉ. वा.वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में यूथ रेडक्रॉस के तत्वाधान में विश्व रजोनिवृत्ति दिवस के अवसर पर छात्राओं को स्त्री की शारीरिक संरचना एवं समयानुसार होने वाले परिवर्तनों से संबंधित जानकारी प्रदान की गई। यूथ रेडक्रॉस प्रभारी डॉ. रेशमा लाकेश ने बताया कि रजोनिवृत्ति की जीवन में होने वाली एक प्राकृतिक व आवश्यक प्रक्रिया के रूप में देखें जो जीवन के एक निश्चित समय में सीमित अवधि के रूप में चलती है।दुर्ग। शास. डॉ. वा.वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में यूथ रेडक्रॉस के तत्वाधान में विश्व रजोनिवृत्ति दिवस के अवसर पर छात्राओं को स्त्री की शारीरिक संरचना एवं समयानुसार होने वाले परिवर्तनों से संबंधित जानकारी प्रदान की गई। यूथ रेडक्रॉस प्रभारी डॉ. रेशमा लाकेश ने बताया कि रजोनिवृत्ति की जीवन में होने वाली एक प्राकृतिक व आवश्यक प्रक्रिया के रूप में देखें जो जीवन के एक निश्चित समय में सीमित अवधि के रूप में चलती है। दुर्ग। शास. डॉ. वा.वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में यूथ रेडक्रॉस के तत्वाधान में विश्व रजोनिवृत्ति दिवस के अवसर पर छात्राओं को स्त्री की शारीरिक संरचना एवं समयानुसार होने वाले परिवर्तनों से संबंधित जानकारी प्रदान की गई। यूथ रेडक्रॉस प्रभारी डॉ. रेशमा लाकेश ने बताया कि रजोनिवृत्ति की जीवन में होने वाली एक प्राकृतिक व आवश्यक प्रक्रिया के रूप में देखें जो जीवन के एक निश्चित समय में सीमित अवधि के रूप में चलती है।डॉ रेशमा ने कहा कि यह कोई बीमारी नहीं है क्योंकि इस समय उत्पन्न होने वाले सभी लक्षण अस्थाई होते हैं। अपने चिकित्सक के सम्पर्क में रहकर आप इस दौरान होने वाली असुविधाओं, तनाव तथा मूड फ्लक्चुएशन को काबू में रख सकते हैं।
डॉ. मीनाक्षी अग्रवाल ने इस समय होने वाले शारीरिक परिवर्तनों और होने वाले प्रभाव से बचाव के लिए उचित पोषण एवं आहार की विस्तृत जानकारी दी तथ बताया कि व्यायाम एवं योग के द्वारा भी इस दौरान होने वाली समस्याओं का निराकरण संभव है। रजोनिवृत्ति से उत्पन्न समस्याओं का एक विशेष निराकरण परामर्श है, जीवन के मध्य भाग में होने वाले इस उतार चढ़ाव में परामर्श का महत्व और अधिक हो जाता है।
डॉ. ज्योति भरणे ने बताया कि स्त्रियों के व्यक्तिगत अनुभव व रजोनिवृत्ति के समय धारित पारिवारिक सामाजिक परिस्थितियों का विशेष प्रभाव कई स्त्रियों में देखा जाता है या ऐसे परिवर्तन जो जीवन के इस सोपान पर स्त्रियों को देखना पड़ता है अथवा सामना करना पड़ता हैं उसका संभावित प्रभाव रजोनिवृत्ति पर पड़ता है।
शोध छात्रा कु. नम्रता देवांगन ने मासिक धर्म में होने वाले हारमोनल, शारीरिक, मानसिक एवं समाजिक प्रभाव को बताया। समस्त छात्राओं ने अपनी जिज्ञासा एवं शंकाओं का परामर्श एवं समाधन प्राप्त किया। महाविद्यालय में समय-समय पर छात्राओं को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्रदान की जाती है।

Leave a Reply