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डीएवी इस्पात पब्लिक स्कूल में दो दिवसीय कम्प्यूटर कार्यशाला

Oct 19, 2019

भिलाई। डीएवी इस्पात पब्लिक स्कूल सेक्टर 2 में दो दिवसीय कंप्यूटर (आईसीटी) तथा प्री प्राइमरी (ईईडीपी) कार्यशाला का आयोजन किया गया। बीएसपी के परियोजना महाप्रबंधक (कोल एंड मिल्स) तथा चेयरमैन एलएमसी डीएवी इस्पात पब्लिक स्कूल वीके डे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम का संचालन निशा अमित ने किया। कार्यशाला में आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स, फ्लिप क्लास तथा गूगल लेंस पर चर्चा की गई। ईईडीपी कार्यशाला में प्री प्रायमरी तथा अर्ली प्रायमरी के बच्चों के सामाजिक तथा भावनात्मक विकास तथा अभिव्यक्ति की चर्चा की गई।भिलाई। डीएवी इस्पात पब्लिक स्कूल सेक्टर 2 में दो दिवसीय कम्प्यूटर (आईसीटी) तथा प्री प्राइमरी (ईईडीपी) कार्यशाला का आयोजन किया गया। बीएसपी के परियोजना महाप्रबंधक (कोल एंड मिल्स) तथा चेयरमैन एलएमसी डीएवी इस्पात पब्लिक स्कूल वीके डे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम का संचालन निशा अमित ने किया। कार्यशाला में आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स, फ्लिप क्लास तथा गूगल लेंस पर चर्चा की गई। ईईडीपी कार्यशाला में प्री प्रायमरी तथा अर्ली प्रायमरी के बच्चों के सामाजिक तथा भावनात्मक विकास तथा अभिव्यक्ति की चर्चा की गई।भिलाई। डीएवी इस्पात पब्लिक स्कूल सेक्टर 2 में दो दिवसीय कंप्यूटर (आईसीटी) तथा प्री प्राइमरी (ईईडीपी) कार्यशाला का आयोजन किया गया। बीएसपी के परियोजना महाप्रबंधक (कोल एंड मिल्स) तथा चेयरमैन एलएमसी डीएवी इस्पात पब्लिक स्कूल वीके डे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम का संचालन निशा अमित ने किया। कार्यशाला में आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स, फ्लिप क्लास तथा गूगल लेंस पर चर्चा की गई। ईईडीपी कार्यशाला में प्री प्रायमरी तथा अर्ली प्रायमरी के बच्चों के सामाजिक तथा भावनात्मक विकास तथा अभिव्यक्ति की चर्चा की गई।मुख्य अतिथि वीके डे ने कहा कि शिक्षकों का कार्य समाज का विकास है। मेकेनिकल इंजीनियर होने के नाते उनका वास्ता मैकेनिकल कंप्यूटर से रहा है जिसमें पंचकार्ड से सूचनाओं को कंप्यूटर में भेजा जाता था। उन दिनों विद्यालय अथवा महाविद्यालय स्तर पर कंप्यूटर शिक्षण सामान्यत: पाठ्यक्रम में नहीं होता था। भोपाल से कंप्यूटर प्रशिक्षण लेना पड़ा। तब 1 जीबी का एक मेमोरी उपकरण एक कमरे के बराबर होता था। 100 जीबी से भी ज्यादा मेमोरी वाले मोबाइल फोन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। कंप्यूटर सिर्फ कार्यालयों का हिस्सा होता था। आज कंप्यूटर के बिना किसी भी कार्यक्षेत्र की कल्पना तक नहीं की जा सकती। आज ऐसे भी कम्प्यूटर हैं जिन्हें आपरेटर की आवश्यकता नहीं हैं। उनका काम साफ्टवेयर खुद संभाल लेता है।
श्री डे ने कहा कि बच्चों में सीखने की हम से भी बेहतर क्षमता होती है, इसलिए इस कार्य को विद्यालय में अच्छी प्रकार से निष्पादित किया जा सकता है। उन्होंने कंप्यूटर के उन आयामों पर भी प्रकाश डाला, जिनसे युवा बहुत कुछ सीखता भी है और पथभ्रष्ट भी होता है। इसके साथ ही हमारी सुरक्षा पर भी प्रश्नचिन्ह लगते है। उन्होंने बच्चों को सोशल मीडिया के प्रयोग में सावधानी बरतने को कहा।
कंप्यूटर विषय विशेषज्ञ अजय जी इनिस ने कहा कि हमारे जीवन में अधिगम को जारी रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि डीएवी में एक ‘साइबर कांग्रेस’ के बनाने पर सभी ने सहमति दी है। प्रशिक्षक आर के सोनी ने कहा कि कौशल तथा ज्ञान का विकास ही इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य था। प्रशिक्षक प्रीति राम ने कहा कि इन 2 दिनों में हमने अनोखी और उपयोगी युक्तियां सीखी। प्रशिक्षु आकाश कुमार असाटे ने परंपरागत शिक्षण से बढ़कर अन्य युक्तियों को अध्यापन में शामिल करने तथा छात्रों के मनोवैज्ञानिक तथा जीवन कौशल विकास की बात की। प्राइमरी स्तर के प्रशिक्षु एलेग्जेंडर तायडे ने कायर्शाला का हिस्सा होने पर प्रसन्नता जाहिर की।
अंत में विद्यालय प्रभारी श्रीमती योगिता शर्मा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे आशा है कि यह प्रशिक्षण आप सभी के लिए उपयोगी होगा। मेरा निवेदन है कि जो आपने यहाँ सीखा उसे क्रियान्वित भी करे। कंप्यूटर पाठ्यक्रम में सीमित रहने का विषय नहीं है। प्री प्राइमरी ईईडीपी कार्यशाला की गतिविधियाँ भी बच्चों के शिक्षण को रोचक तथा बोधगम्य बनाएँगी।
विद्यालय की कंप्यूटर शिक्षिका श्रीमती सीमा तहिलयानी द्वारा कार्यशाला का तकनीकी प्रबंधन किया गया। शिक्षक निकेश नायक के द्वारा शांति पाठ कर परंपरागत तरीके से सभा का समापन किया गया।

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