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सुन्दरता तो चली जाएगी, रह जाएगा केवल कार्य : तृषा

Oct 28, 2019
भिलाई। मिसेस इंडिया यूनिवर्स-अर्थ तृषा बी. तोमर का मानना है कि दैहिक सुन्दरता की एक उम्र होती है जिसके बाद उसे जाना होता है। पीछे रह जाता है केवल आपका सुन्दर कार्य। इसलिए वे कुछ ऐसा करना चाहेंगी जिससे न केवल उन्हें व्यक्तिगत सुकून मिले बल्कि लोगों को भी इसका लाभ मिले और मिलता रहे। तृषा ने हाल ही में मॉरीशस में यह खिताब जीता। उन्हें आइकोनिक आईज और ब्यूटीफुल वुमन ऑफ़ द ईयर का खिताब भी दिया गया।

भिलाई। मिसेस इंडिया यूनिवर्स-अर्थ तृषा बी. तोमर का मानना है कि दैहिक सुन्दरता की एक उम्र होती है जिसके बाद उसे जाना होता है। पीछे रह जाता है केवल आपका सुन्दर कार्य। इसलिए वे कुछ ऐसा करना चाहेंगी जिससे न केवल उन्हें व्यक्तिगत सुकून मिले बल्कि लोगों को भी इसका लाभ मिले और मिलता रहे। तृषा ने हाल ही में मॉरीशस में यह खिताब जीता। उन्हें आइकोनिक आईज और ब्यूटीफुल वुमन ऑफ़ द ईयर का खिताब भी दिया गया। भिलाई। मिसेस इंडिया यूनिवर्स-अर्थ तृषा बी. तोमर का मानना है कि दैहिक सुन्दरता की एक उम्र होती है जिसके बाद उसे जाना होता है। पीछे रह जाता है केवल आपका सुन्दर कार्य। इसलिए वे कुछ ऐसा करना चाहेंगी जिससे न केवल उन्हें व्यक्तिगत सुकून मिले बल्कि लोगों को भी इसका लाभ मिले और मिलता रहे। तृषा ने हाल ही में मॉरीशस में यह खिताब जीता। उन्हें आइकोनिक आईज और ब्यूटीफुल वुमन ऑफ़ द ईयर का खिताब भी दिया गया।षा का बचपन सूरत में बीता। उनकी आरंभिक स्कूली शिक्षा धीरूभाई अम्बानी इंटरनेशनल स्कूल में हुई। उनका परिवार गुजरात के अनेक शहरों में रहा। अहमदाबाद के बाद वे करनाल चले गए। नौकरी के अंतिम पड़ाव में उनके पिता का छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में हो गया। उन्होंने एमिटी यूनिवर्सिटी से बी.टेक और एम.टेक की उपाधि ली। सम्प्रति रायपुर इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में सहायक प्राध्यापक हैं। उनका परिवार भिलाई में रहता है।
संडेकैम्पस से उनकी मुलाकात भौतिक शास्त्र की व्याख्याता, एंकर, कम्पीयरर, मोटिवेटर भाष्वती रामपाल के सौजन्य से हुई। इस मुलाकात के दौरान मॉडल कोआर्डिनेटर साई बालन भी उपस्थित थे। तृषा ने एक बार बोलना शुरू किया तो बस बोलती ही चली गई। कितना कुछ था उनके पास बोलने के लिए। उन्हीं के शब्दों में, चंद महीनों का यह सफर उनके लिए एक युग जैसा था जिसमें उन्होंने स्वयं का एक नए रूप में आविष्कार किया।
खूबसूरत आंखों की मलिका तृषा ने बताया कि हालांकि हालात बहुत बदल गए हैं तथापि अधिकांश महिलाओं के मानवाधिकार आज भी हाशिए पर हैं। वे पुरुषों के बराबर और कहीं कहीं उनसे ज्यादा घंटे, ज्यादा मेहनत के काम करती हैं। पर उनकी राय को आज भी बहुत ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता। यह स्थिति बदलनी चाहिए।
छत्तीसगढ़ की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि इस राज्य में महिलाओं को नैसर्गिक रूप से पुरुषों के समान अधिकार प्राप्त हैं। यहां लिंगानुपात भी बेहतर है। छत्तीसगढ़ की सरकारों ने बालिकाओं की शिक्षा, बालिकाओं के शारीरिक एवं मानसिक विकास, सही उम्र में विवाह को प्रोत्साहित करने की दिशा में प्रभावशाली हस्ताक्षर किये हैं। यह पूरे देश के लिए अनुकरणीय है।
परिवार एवं कामकाजी जीवन के बीच संतुलन बनाकर आगे बढ़ रही तृषा महिलाओं के प्रति खुद महिलाओं के दृष्टिकोण को बदलना चाहती हैं। उनका मानना है कि महिलाओं के शोषण और उत्पीड़न के 99 फीसदी मामलों में किसी न किसी महिला का योगदान होता है। जब महिलाओं को महिलाओं का सकारात्मक सहयोग मिलता है तो वे जीवन में बड़ी उपलब्धियां हासिल करती हैं।
भिलाई। मिसेस इंडिया यूनिवर्स-अर्थ तृषा बी. तोमर का मानना है कि दैहिक सुन्दरता की एक उम्र होती है जिसके बाद उसे जाना होता है। पीछे रह जाता है केवल आपका सुन्दर कार्य। इसलिए वे कुछ ऐसा करना चाहेंगी जिससे न केवल उन्हें व्यक्तिगत सुकून मिले बल्कि लोगों को भी इसका लाभ मिले और मिलता रहे। तृषा ने हाल ही में मॉरीशस में यह खिताब जीता। उन्हें आइकोनिक आईज और ब्यूटीफुल वुमन आॅफ द ईयर का खिताब भी दिया गया।तृषा जल्द ही संयुक्त राष्ट्र के साथ जुड़कर महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में काम करने जा रही हैं। वे इस कार्य को अपना सौ फीसदी देना चाहती हैं ताकि लोग उनके बाद भी उनके कार्यों को याद रखें।
उन्होंने बताया कि इस सौन्दर्य प्रतियोगिता के लिए उन्हें प्रतियोगिता की छत्तीसगढ़ निदेशक भाष्वती रामपाल ने प्रेरित किया। पूर्व मिसेज यूनिवर्स भाष्वती ने उन्हें ग्रूम भी किया। इसके लिए वे उनकी आभारी हैं। तृषा बताती हैं कि हमारा जीवन अनेक लोगों की कुर्बानियों और सहयोग से आगे बढ़ता है। हमें ऐसे सभी लोगों के प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए और उसे अभिव्यक्ति भी देनी चाहिए। इससे एक बेहतर समाज का निर्माण भी संभव होगा।भिलाई। मिसेस इंडिया यूनिवर्स-अर्थ तृषा बी. तोमर का मानना है कि दैहिक सुन्दरता की एक उम्र होती है जिसके बाद उसे जाना होता है। पीछे रह जाता है केवल आपका सुन्दर कार्य। इसलिए वे कुछ ऐसा करना चाहेंगी जिससे न केवल उन्हें व्यक्तिगत सुकून मिले बल्कि लोगों को भी इसका लाभ मिले और मिलता रहे। तृषा ने हाल ही में मॉरीशस में यह खिताब जीता। उन्हें आइकोनिक आईज और ब्यूटीफुल वुमन आॅफ द ईयर का खिताब भी दिया गया।

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