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स्वरूपानंद महाविद्यालय में खाद्य सुरक्षा दिवस पर परिचर्चा का आयोजन

Oct 17, 2019

भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपांनद सरस्वती महाविद्यालय हुडको भिलाई में शिक्षा विभाग द्वारा विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर खाद्य सुरक्षा सभी का सरोकार विषय पर परिचर्चा एवं अंतराश्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस का आयोजन तथा गरीब बस्तियों में वस्त्रों का वितरण किया गया। गरीबी उन्मूलन पर प्रकाश डालते हुये कार्यक्रम प्रभारी डॉ. रचना पाण्डेय ने कहा कि गरीबी किसी भी देश की एक गंभीर बीमारी है।भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपांनद सरस्वती महाविद्यालय हुडको भिलाई में शिक्षा विभाग द्वारा विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर खाद्य सुरक्षा सभी का सरोकार विषय पर परिचर्चा एवं अंतराश्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस का आयोजन तथा गरीब बस्तियों में वस्त्रों का वितरण किया गया। गरीबी उन्मूलन पर प्रकाश डालते हुये कार्यक्रम प्रभारी डॉ. रचना पाण्डेय ने कहा कि गरीबी किसी भी देश की एक गंभीर बीमारी है।भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपांनद सरस्वती महाविद्यालय हुडको भिलाई में शिक्षा विभाग द्वारा विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर खाद्य सुरक्षा सभी का सरोकार विषय पर परिचर्चा एवं अंतराश्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस का आयोजन तथा गरीब बस्तियों में वस्त्रों का वितरण किया गया। गरीबी उन्मूलन पर प्रकाश डालते हुये कार्यक्रम प्रभारी डॉ. रचना पाण्डेय ने कहा कि गरीबी किसी भी देश की एक गंभीर बीमारी है।उन्होंने कहा कि जब किसी राष्ट्र के लोगों को भोजन, घर, कपड़े, दवाईयां आदि दैनिक जीवन की आवश्यक वस्तुओं की कमी महसूस होती है तो वो राष्ट्र गरीब राष्ट्र की श्रेणी में आता है। इसके मुख्य कारण अशिक्षा, बेरोजगारी, अपराध, हिंसा, भ्रष्टाचार आदि है। डॉ. पूनम शुक्ला ने कहा सम्पूर्ण विश्व में खाद्य संकट विद्यमान है कुछ लोगों को खाना नहीं मिलता व कुछ लोग भोजन को व्यर्थ कर देते है लोगों में जागरूकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने कहा कि गरीबी को दूर करने के लिए सबसे पहले लोगों में कौशल को विकसीत करना होगा जिससें वो रोजगार उत्पन्न कर सकें। उन्होंने कहा यदि हम किसी गरीब को देखते है तो हमें उन्हें दान न देकर रोजगार देना चाहिए। आज के समय में सभी उपभोक्ताओं को सुरक्षित पोषण युक्त संतुलित आहार प्राप्त करने का अधिकार है और यह सबकी जिम्मेदारी है पौष्टिक भोजन अच्छे स्वास्थ्य के साथ भूख की समस्या को समाप्त कर सकता है।
महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा ने गुणवत्ता युक्त कार्यक्रम की सराहना की। स.प्रा.श्रीमती उषा साहू ने कहा कि यदि घर में बच्चे भीख मांगने आते हैं तो आप उन्हें भीख ना देकर उनसे कुछ काम करवा लें। स.प्रा. सुकृति ने कहा कि अपनी शारीरिक अक्षमता को कमजोरी ना समझे बल्कि दूसरे मजबूत पक्ष को ध्यान में रख कर कार्य करें। स.प्रा. मंजुषा नामदेव ने कहा खाना उतना ही लेना चाहिये जितना खा सके, छोड़ना नहीं चाहिये बचे भोजन को लोगों को बांट देना चाहिए।
छात्र चेतन पारख ने भोजन की मात्रा अधिक है तो उसे जरूरतमंदों में बांट देना चाहिये कहा। स.प्रा. डॉ. नीलम गांधी ने बताया लोगों में मुफ्त में अनाज देने के बदले काम के बदले अनाज देना चाहिये साथ ही आज कल रोटी बैंक आदि संस्थायें काम कर रही है उसके माध्यम से हम भोजन बांट सकते है।
स.प्रा. पूजा सोढ़ा ने बताया गरीबी व भूखभरी के सर्वे को अपडेट करने की आवष्यकता है दो रुपये किलो चांवल आदि योजनाओं के लाभ उन्हें मिले जो गरीबी रेखा के नीचे है कई बार पारदर्शिता के अभाव में पैसे वाले भी योजनाओं का लाभ उठा लेते है व गरीबों को फायदा नहीं पहुंचता।
स.प्रा. डॉ. सुनीता वर्मा ने कहा विश्व में खाद्य सामाग्री से अधिक भोजन के वितरण की समस्या है खाद्य सामाग्री रख रखाव के अभाव में सड़ जाता है पर भूख से बेहाल लोगों तक नहीं पहुंच पाता।
छात्रा ट्विंकल बी.कॉम प्रथम वर्ष ने कहा खाना व्यर्थ न हो इसके लिये हमें स्वयं जागरुक होना पडेगा तभी भोजन की बर्बादी रुकेगी। छात्र उज्जवल ने कहा कि हम बस सोचते रह जाते है लेकिन करते नहीं है यदि धीरे-धीरे प्रयास किया जाय तो गरीबी कम किया जा सकता है। छात्र विधी ने कहा कि अपनी कला के साथ समझदारी रखना चाहिए जिससें वो अपनी कला को आगे बढ़ा सकें। छात्र कौषल्या ने कहा कि यदि हम जागरूक करना चाहते है तब भी लोग सिर्फ सुनते है उस पर अमल नहीं करते। छात्रा हेमा पटेल ने भोजन की बर्बादी पर चिन्ता व्यक्त की।
डॉ. अजीता सजीत ने खाद्य सुरक्षा पर अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा विष्व में भोजन के वितरण प्रणाली को व्यवस्थित करना पडेग़ा साथ ही सुनिष्चित करना पड़ेगा हर तबके तक भोजन पहुंचे।
डॉ. शमा ए. बेग ने प्राचीन कथानक का उदाहरण देते हुये कहा एक दाना मुझे सुख देगा मनमाना अगर हम एक-एक अन्न के दानों को व्यर्थ ताने से रोकेंगे तभी हर भूखे को भोजन मिल जायेगा।
स.प्रा. खुशबू पाठक ने कहा अधिक खाना भी घातक है इससे वनज बढ़ा है बीमारियां भी बढ़ती है। अत: कम खाओं खुष रहो के सिद्धांत को अपनाना चाहिये।
मंच संचालन व धन्यवाद ज्ञापन डॉ. पूनम शुक्ला स.प्रा. शिक्षा विभाग ने दिया।

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