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जीडीआरसीएसटी के बीएड प्रशिक्षुओं ने समझी ‘विशेष बच्चों’ की शिक्षा जरूरतें

Nov 8, 2019

भिलाई। संतोष रूंगटा ग्रुप द्वारा संचालित रूंगटा कालेज आॅफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के बीएड प्रशिक्षुओं ने ‘विशेष बच्चों’ की शिक्षा जरूरतों को समझने के लिए प्रयास विकलांग संस्थान सुपेला का भ्रमण किया। वे सामान्य से अलग इन बच्चों की विशिष्ट क्षमताओं से अवगत हुए तथा उनके टीचिंग लर्निंग प्रोसेस का बारीकी से अध्ययन भी किया। कॉलेज की प्रो. वाणी कापसे व प्रो. टुमन पटेल के मार्गदर्शन में इस दौरान संस्थान में चल रही कक्षाओं तक पहुंचे, जहां शिक्षा ग्रहण कर रहे श्रवण बाधित बच्चों से बीएड के विद्यार्थियों ने परिचय लेते हुए विशेष बच्चों के शिक्षण गतिविधियों को जाना। वहीं शिक्षण योजना व तकनीकियों का अध्ययन किया।भिलाई। संतोष रूंगटा ग्रुप द्वारा संचालित जीडी रुंगटा कालेज ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के बीएड प्रशिक्षुओं ने ‘विशेष बच्चों’ की शिक्षा जरूरतों को समझने के लिए प्रयास विकलांग संस्थान सुपेला का भ्रमण किया। वे सामान्य से अलग इन बच्चों की विशिष्ट क्षमताओं से अवगत हुए तथा उनके टीचिंग लर्निंग प्रोसेस का बारीकी से अध्ययन भी किया। कॉलेज की प्रो. वाणी कापसे व प्रो. टुमन पटेल के मार्गदर्शन में इस दौरान संस्थान में चल रही कक्षाओं तक पहुंचे, जहां शिक्षा ग्रहण कर रहे श्रवण बाधित बच्चों से बीएड के विद्यार्थियों ने परिचय लेते हुए विशेष बच्चों के शिक्षण गतिविधियों को जाना। वहीं शिक्षण योजना व तकनीकियों का अध्ययन किया।भिलाई। संतोष रूंगटा ग्रुप द्वारा संचालित रूंगटा कालेज आॅफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के बीएड प्रशिक्षुओं ने ‘विशेष बच्चों’ की शिक्षा जरूरतों को समझने के लिए प्रयास विकलांग संस्थान सुपेला का भ्रमण किया। वे सामान्य से अलग इन बच्चों की विशिष्ट क्षमताओं से अवगत हुए तथा उनके टीचिंग लर्निंग प्रोसेस का बारीकी से अध्ययन भी किया। कॉलेज की प्रो. वाणी कापसे व प्रो. टुमन पटेल के मार्गदर्शन में इस दौरान संस्थान में चल रही कक्षाओं तक पहुंचे, जहां शिक्षा ग्रहण कर रहे श्रवण बाधित बच्चों से बीएड के विद्यार्थियों ने परिचय लेते हुए विशेष बच्चों के शिक्षण गतिविधियों को जाना। वहीं शिक्षण योजना व तकनीकियों का अध्ययन किया।जन्मजात श्रवण विकलांग बच्चों ने कभी कोई आवाज नहीं सुनी। इसलिए ये बच्चे आवाज से कम्युनिकेट करने की कोशिश भी नहीं करते। पर उनकी अन्य इन्द्रियां काफी संवेदनशील होती हैं। ये हमसे ज्यादा देखते हैं, हावभाव को पढ़ने में ज्यादा निपुण होते हैं। उनकी इन क्षमताओं का उपयोग कर ही उनसे बेहतर संवाद कायम किया जा सकता है।
भिलाई। संतोष रूंगटा ग्रुप द्वारा संचालित रूंगटा कालेज आॅफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के बीएड प्रशिक्षुओं ने ‘विशेष बच्चों’ की शिक्षा जरूरतों को समझने के लिए प्रयास विकलांग संस्थान सुपेला का भ्रमण किया। वे सामान्य से अलग इन बच्चों की विशिष्ट क्षमताओं से अवगत हुए तथा उनके टीचिंग लर्निंग प्रोसेस का बारीकी से अध्ययन भी किया। कॉलेज की प्रो. वाणी कापसे व प्रो. टुमन पटेल के मार्गदर्शन में इस दौरान संस्थान में चल रही कक्षाओं तक पहुंचे, जहां शिक्षा ग्रहण कर रहे श्रवण बाधित बच्चों से बीएड के विद्यार्थियों ने परिचय लेते हुए विशेष बच्चों के शिक्षण गतिविधियों को जाना। वहीं शिक्षण योजना व तकनीकियों का अध्ययन किया।प्रयास संस्थान की सीईओ सुजाता जयराम अय्यर व प्राचार्य राजेश पाण्डे ने बीएड के लगभग 115 विद्यार्थियों को स्कूल की शिक्षा पद्धति के साथ श्रवण बाधित बच्चों की गतिविधियों से भी अवगत कराया। वहीं बीएड के विद्यार्थियों के सवालों का जवाब देते हुए स्कूल स्टॉफ ने बताया कि ऐसे बच्चों के माता-पिता को हम लगातार इनकी शिक्षा के प्रति जागरूक करते रहते हैं जिससे कि आगे इनका भविष्य अंधकारमय न हो।
कलाओं से बताया हम नहीं किसी से कम
संस्थान में इन बच्चों को अनेक गतिविधियों के माध्यम से दिन-दुनियां की जानकारी देने व इनके विकास के लिए लागू योजनाओं से अवगत कराया गया। नि:शक्त बच्चों ने चित्रकला, गायन, नृत्य आदि का प्रदर्शन कर बताया कि हम किसी से कम नहीं है।

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