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संतोष रूंगटा समूह के माइनिंग विद्यार्थियों ने खदानों में लिया प्रशिक्षण

Nov 8, 2019

भिलाई। संतोष रूंगटा समूह द्वारा कोहका कुरुद में संचालित अभियांत्रिकी महाविद्यालय के माइनिंग विद्यार्थियों ने कोल इंडिया की सबसिडरी एसईसीएल की खदानों में जाकर प्रशिक्षण प्राप्त किया। विद्यार्थियों ने विभिन्न स्थानों का दौरा कर माइनिंग इंजीनियरी से जुड़ी जानकारियां हासिल कीं। विद्यार्थियों के लिए यह एक बेहद रोमांचकारी अनुभव था। इस शैक्षणिक प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद छात्रों में माइनिंग के प्रति रूझान बढ़ा है और वे आगे चलकर इसे करियर के रूप में अपनाने की सोच रहे हैं।भिलाई। संतोष रूंगटा समूह द्वारा कोहका कुरुद में संचालित अभियांत्रिकी महाविद्यालय के माइनिंग विद्यार्थियों ने कोल इंडिया की सबसिडरी एसईसीएल की खदानों में जाकर प्रशिक्षण प्राप्त किया। विद्यार्थियों ने विभिन्न स्थानों का दौरा कर माइनिंग इंजीनियरी से जुड़ी जानकारियां हासिल कीं। विद्यार्थियों के लिए यह एक बेहद रोमांचकारी अनुभव था। इस शैक्षणिक प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद छात्रों में माइनिंग के प्रति रूझान बढ़ा है और वे आगे चलकर इसे करियर के रूप में अपनाने की सोच रहे हैं।भिलाई। संतोष रूंगटा समूह द्वारा कोहका कुरुद में संचालित अभियांत्रिकी महाविद्यालय के माइनिंग विद्यार्थियों ने कोल इंडिया की सबसिडरी एसईसीएल की खदानों में जाकर प्रशिक्षण प्राप्त किया। विद्यार्थियों ने विभिन्न स्थानों का दौरा कर माइनिंग इंजीनियरी से जुड़ी जानकारियां हासिल कीं। विद्यार्थियों के लिए यह एक बेहद रोमांचकारी अनुभव था। इस शैक्षणिक प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद छात्रों में माइनिंग के प्रति रूझान बढ़ा है और वे आगे चलकर इसे करियर के रूप में अपनाने की सोच रहे हैं।साउथ ईस्ट कोल फील्ड्स लिमिटेड की कोरबा, हसदेव (कोरिया), रायगढ़ आदि जिलों में बिखरी खदानों का भ्रमण कर विद्यार्थियों ने माइनिंग से जुड़ी विस्तृत जानकारी प्रत्यक्ष हासिल की। माइनिंग गतिविधियों में ब्लास्टिंग इंजीनियरिंग, माइनिंग मशीनरी, माइनिंग कार्यविधि, माइनिंग मैनेजमेंट एवं खान सुरक्षा तथा भूमिगत कोयला उत्पादन का उन्होंने अवलोकन किया और सवाल पूछकर अपने डाउट्स क्लीयर किए। इससे छात्रों को आगे पढ़ाई में बहुत मदद मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ एक खनिज बहुल राज्य है जहां माइनिंग के क्षेत्र में नियुक्ति की असीम संभावनाएं हैं। यहां सर्फेस (पिट) माइनिंग, अंडरग्राउण्ड माइनिंग एवं प्लेसर माइनिंग की गतिविधियां संचालित हैं। भारी उद्योगों के साथ-साथ पावर प्रोजेक्ट्स को भी कोयले की जरूरत पड़ती है। छात्रों ने भविष्य में माइनिंग इंजीनियरिंग के स्कोप के बारे में भी जानकारी हासिल की। प्रशिक्षण भ्रमण के बाद बच्चों का आत्मविश्वास और माइनिंग इंजीनियरिंग के प्रति रुझान बढ़ा है तथा भविष्य में माइनिंग सेक्टर में नौकरी के लिए उत्सुक हैं।

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