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स्वरूपानंद महाविद्यालय में नैक मूल्यांकन पद्धति पर तीन दिवसीय कार्यशाला

Nov 7, 2019

भिलाई। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद् (नैक) बैंगलुरू द्वारा लागू की गई नई मूल्यांकन पद्धति की जानकारी देने के लिए स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय की आईक्यूएसी एवं रिसर्च समिति के संयुक्त तात्वावधान में तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में महाविद्यालय के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापकों ने हिस्सा लिया। विश्वनाथ यादव तामस्कर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ आरएन सिंह एवं बायोटेक के विभागाध्यक्ष डॉ अनिल श्रीवास्तव वक्ता के रूप में उपस्थित हुए। हाविद्यालय की प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला विशेष अतिथि थीं।भिलाई। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद् (नैक) बैंगलुरू द्वारा लागू की गई नई मूल्यांकन पद्धति की जानकारी देने के लिए स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय की आईक्यूएसी एवं रिसर्च समिति के संयुक्त तात्वावधान में तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में महाविद्यालय के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापकों ने हिस्सा लिया। विश्वनाथ यादव तामस्कर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ आरएन सिंह एवं बायोटेक के विभागाध्यक्ष डॉ अनिल श्रीवास्तव वक्ता के रूप में उपस्थित हुए। हाविद्यालय की प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला विशेष अतिथि थीं।भिलाई। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद् (नैक) बैंगलुरू द्वारा लागू की गई नई मूल्यांकन पद्धति की जानकारी देने के लिए स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय की आईक्यूएसी एवं रिसर्च समिति के संयुक्त तात्वावधान में तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में महाविद्यालय के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापकों ने हिस्सा लिया। विश्वनाथ यादव तामस्कर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ आरएन सिंह एवं बायोटेक के विभागाध्यक्ष डॉ अनिल श्रीवास्तव वक्ता के रूप में उपस्थित हुए। हाविद्यालय की प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला विशेष अतिथि थीं।आईक्यूएसी प्रभारी डॉ. निहारिका देवांगन ने कार्यक्रम के बारे में बताया कि 2020 में महाविद्यालय में नैक टीम आने वाली है इसी की तैयारी हेतु कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है क्योंकि मूल्यांकन के मापदण्डों में परिवर्तन आया है हमें उस बदलाव के अनुसार तैयारी करनी है। प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने बताया कि साइंस कॉलेज हमारा अग्रणी महाविद्यालय है जिसे नैक में ए ग्रेड मिलता आया है। उनके दिशा निर्देशन में हम नैक की तैयारी करेंगे। नैक एक टीम वर्क है हमें कठोर परिश्रम करना होगा। हमारे पास जो रिसोर्स है उसका कैसे बेहतर प्रयोग करें की हमारी ग्रेडिंग पहले से बेहतर हो।
प्रथम दिन डॉ. अनिल श्रीवास्तव ने फंडिंग आॅफ रिसर्च एरिया पर अपने व्याख्यान में बताया नैक में रिसर्च इनोवेशन एण्ड एक्सटेंशन तीसरा बिन्दु है जिसमें 120 अंक है इस पर अधिक ध्यान देना चाहिये। श्री श्रीवास्तव ने फंडिंग आॅफ रिसर्च एरिया पर अपने व्याख्यान में बताया किसी भी एजेंसी से फण्ड प्राप्त करने के लिये महाविद्यालय को बी 12 में आना चाहिए। नियुक्ति परिनियम 28 के तहत कभी भी प्रोजेक्ट देने में शासकीय व अशासकीय महाविद्यालय में भेद नहीं किया जाता है। सीएसआईआर, यूजीसी के अतिरिक्त डी बीटी डीएचडी आदि फेडिंग करती है। रिसर्च व प्रोजेक्ट साउट अच्छा होने से मार्किंग बढ़ती है।
सोशल वाले साइंस के साथ सहकार्यता में प्रोजेक्ट डाल सकते हैं इससे अच्छा प्रतिसाद मिलता है। एक बार असफल होने से हताश नहीं होना है वरन बार-बार प्रयास करते रहना है। प्रोजेक्ट समाज हित के लिये हो तो बहुत अच्छा है। डॉ. श्रीवास्तव ने रिसर्च में आर्थिक सहयोग करने वाली भारतीय व भारत के बाहर की एजेंसियों की जानकारी दी।
द्वितीय दिवस डॉ. आरएन सिंह ने पावर पाइंट प्रस्तुति के माध्यम से नैक की नई मूल्यांकन पद्धति एवं उनसे जुड़े सात प्रमुख बिन्दुओं को समझाया व विस्तार से बताया एसएसआर रिपोर्ट तैयार करने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नैक का 70 प्रतिशत अंक दस्तावेजों पर व 30 प्रतिशत विजिट पर निर्भर करता है। आई.क्यू.आर. के 15 दिन बाद एस.एस.आर. रिपोर्ट भेजना होता है। रिपोर्ट भेजने के 1 महीने बाद ही नैक टीम आयेगी जो भी कार्यक्रम महाविद्यालय द्वारा आयोजित किया जाता है उसका नोटिस, प्रतिवेदन व फोटो तुरंत वेबसाइट पर अपलोड होना चाहिए। आई.क्यू.आर. व वैब साईट का रिपोर्ट मैच होना चाहिये दो पार्ट महत्वपूर्ण है। जिसमें हमें ज्यादा ध्यान देना है पाठ्यक्रम दृष्टिकोण एवं शिक्षण एवं अधिगम पर अधिक नंबर है। इस पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। फीडबैक पर ध्यान देने की बात कही व बताया दूसरे प्रदेश से कितने विद्यार्थी आपके महाविद्यालय में एडमिशन लिये हैं उनका टी.सी., माइगे्रशन का 5 साल का रिकार्ड रखे, दिव्यांग का डेटा, कमजोर विद्यार्थियों का अलग रिकार्ड रखना है।
तृतीय दिवस डॉ. सिंह ने पांच, छठवें व सातवें बिन्दुओं की जानकारी दी व बताया कुल 1000 अंकों का मूल्यांकन होगा उसमें महाविद्यालय 50 अंकों को अपनी इच्छानुसार विलोपित कर सकते है, महाविद्यालय के अध्ययन-अध्यापन, उपलब्ध संसाधन, छात्रों का विकास, अधो संरचना, प्रबंधन की कार्यप्रणाली तथा बेस्ट प्रेक्टिस से जुड़े 140 प्रष्नों का संयुक्त प्रतिवेदन नैक को आॅनलाईन भेजना अनिवार्य है। महाविद्यालय से संबंधित विद्याथिर्यों के विचार जानने के लिये विद्याथिर्यों की कुल संख्या का 10 प्रतिषत विद्याथिर्यों से ई-मेल द्वारा संपर्क कर उनसे जानकारी मांगा जायेगा। अंत में डॉ. सिंह ने महाविद्यालय द्वारा प्रस्तुत डाटा की समस्त रिकार्ड रखने की बात कही।
कार्यक्रम को सफल बनाने में आई.क्यू.ए.सी. सदस्य स.प्रा. टी. बबीता, स.प्रा. षैलजा पवार ने विशेष योगदान दिया। कार्यक्रम में मंच संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. तृषा शर्मा एसोसिएट प्रो. शिक्षा विभाग ने किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक/प्राध्यापिकायें शामिल हुए।

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