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स्वरूपानंद महाविद्यालय में ‘योग सभी के लिये’ पर अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला

Nov 21, 2019

International Yoga Workshop at SSSSMVभिलाई। स्वामी श्री स्वरूपांनद सरस्वती महाविद्यालय में ‘योग सभी के लिये’ विषय पर एक दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में थियोडोरा मावरोवा (अन्तर्राष्ट्रीय योग प्रशिक्षक) यूरोप बुलगारिया से उपस्थित हुई। वक्ता के रूप आनंद सिंह सदस्य योगा इन फिजिकल एसोसिएशन, अन्तर्राष्ट्रीय योग प्रशिक्षक एवं हेल्थ एंड एजुकेशन एक्टिविस्ट प्रिन्स पाण्डेय उपस्थित हुये।Yoga-Workshop-at-SSSSMV-Hud भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपांनद सरस्वती महाविद्यालय में ‘योग सभी के लिये’ विषय पर एक दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में थियोडोरा मावरोवा (अन्तर्राष्ट्रीय योग प्रशिक्षक) यूरोप बुलगारिया से उपस्थित हुई। वक्ता के रूप आनंद सिंह सदस्य योगा इन फिजिकल एसोसिएशन, अन्तर्राष्ट्रीय योग प्रशिक्षक एवं हेल्थ एंड एजुकेशन एक्टिविस्ट प्रिन्स पाण्डेय उपस्थित हुये।शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय की सहायक प्राध्यापक योग श्रीमती नीरा सिंग ने कार्यशाला में अपनी टीम के साथ सूर्य नमस्कार, चक्रासन, ग्रीवासन, पृष्ठासन, उष्ट्रासन, कार्णपिण्डासन, शवासन, भुजंगासन वक्रासन, जकासन, वृज्ञासन भूमिनमनासन, द्विकोणासन, एकपादासन आदि का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का आयोजन आइक्यूएसी, एनएसएस तथा एसएसपीएस के संयुक्त तात्वाधान में किया गया था।
शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय के योग छात्र-छात्राओं ने योग से संबंधित मनभावन प्रस्तुती दी व योग के विभिन्न आसनों को कलात्मक ढंग से समझाते हुये बताया योग द्वारा शरीर व मन दोनों को स्वस्थ रखा जा सकता है।
कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुये डॉ. शमा ए बेग ने कहा कि जीवन के मुख्य चार भाग होते है- शारीरिक, मानसिक, भावात्मक व आध्यात्मिक। आज हम आपाधापी के युग में मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। भावात्मक व आध्यात्मिक रूप से भी शून्य हो रहे हैं। इसलिये योग अनिवार्य हो गया है।
प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने कहा योग के द्वारा विद्यार्थी अपना ध्यान पढ़ाई में केन्द्रित कर सकते हैं।। मानसिक स्वास्थ्य प्राप्त कर तनाव से मुक्त हो सकते हैं। प्राचीन काल में योग मानसिक स्वास्थ्य तनाव से मुक्त होने के लिये किया जाता था किन्तु आज योग जीवन में सामंजस्य स्थापित करने के लिये किया जाता है। योग मन पर नियंत्रण करना सिखाता है जो मन पर नियंत्रण कर लेता है वह शरीर पर अवश्य नियंत्रण कर सकता है।
योग प्रशिक्षक श्रीमती नीरा सिंग ने कहा योग का मतलब अनुशासन है योग को अपनाते है तो हम योगी हो जाते है योग हमारे शरीर व मन को स्वस्थ रखता साथ ही हमारे जीवन को अनुशासित भी रखता है।
श्री आनंद ने जीवन में योग के महत्व पर अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि योग से हमारे आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
थियोडोरा मावरोवा ने अपने उद्बोधन में कहा मैं यहां पहुंच कर गोरवान्वित महसूस कर रही हूं। मैं दस वर्षों से योग से जुड़ी हुई हूं लेकिन मुझे यहां विद्यार्थियों के योग प्रदर्शन को देख कर लगा मुझे अभी बहुत मेहनत करती है। भारत योग के क्षेत्र में बहुत आगे है।
भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपांनद सरस्वती महाविद्यालय में ‘योग सभी के लिये’ विषय पर एक दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में थियोडोरा मावरोवा (अन्तर्राष्ट्रीय योग प्रशिक्षक) यूरोप बुलगारिया से उपस्थित हुई। वक्ता के रूप आनंद सिंह सदस्य योगा इन फिजिकल एसोसिएशन, अन्तर्राष्ट्रीय योग प्रशिक्षक एवं हेल्थ एंड एजुकेशन एक्टिविस्ट प्रिन्स पाण्डेय उपस्थित हुये।श्री प्रिन्स पाण्डेय ने कहा अनुशासन योग से आता है और कार्य कुशलता का समग्र योग ही योग है। योग पुरस्कार से सम्मानित अतिथि दामिनी साहू ने योग की सुंदर प्रस्तुती दी। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने योग संबंधित अनेक प्रश्न पूछे जिसका जवाब योग प्रशिक्षक ने दिया।
मंच संचालन व धन्यवाद ज्ञापन स.प्रा. डॉ. शमा ए बेग ने किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय व दिग्विजय कॉलेज के विद्यार्थी शामिल हुये। कार्यक्रम को सफल बनाने में आईक्यूएसी प्रभारी डॉ. निहारिका देवांगन एवं एनएसएस प्रभारी स.प्रा. दीपक सिंह ने विशेष योगदान दिया।

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