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स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में युवा उत्सव का आयोजन

Nov 16, 2019

Youth Festival at SSSSMVभिलाई। भारतीय विश्वविद्यालय संघ नई दिल्ली के निर्देशानुसार 35वां मध्यजोन अंतर विश्वविद्यालयीन युवा उत्सव 2019-20 का आयोजन जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर में किया जायेगा। इस युवा उत्सव में विश्वविद्यायलय दल के चयन हेतु अंतर महाविद्यालयीन एकल शास्त्रीय वादन व एकल व समूह गायन प्रतियोगिता का आयोजन हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग के तात्वावधान में नोडल स्तर पर स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको भिलाई में संपन्न हुआ। भिलाई। भारतीय विश्वविद्यालय संघ नई दिल्ली के निर्देशानुसार 35वां मध्यजोन अंतर विश्वविद्यालयीन युवा उत्सव 2019-20 का आयोजन जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर में किया जायेगा। इस युवा उत्सव में विश्वविद्यायलय दल के चयन हेतु अंतर महाविद्यालयीन एकल शास्त्रीय वादन व एकल व समूह गायन प्रतियोगिता का आयोजन हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग के तात्वावधान में नोडल स्तर पर स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको भिलाई में संपन्न हुआ।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ.आर.पी.अग्रवाल थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ.हंसा शुक्ला ने की। निर्णायक के रूप में श्रीमती प्रतिमा मायटी पूर्व स.प्रा. शाससीय कमला देवी कन्या महाविद्यालय राजनांदगांव व बृजदीपन दासगुप्ता वरिष्ट व्याख्याता शासकीय तिलक कन्या विद्यालय दुर्ग एवं पूर्व सहायक विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी दुर्ग उपस्थित हुए।
कार्यक्रम की नोडल अधिकारी डॉ. स्वाति पाण्डे ने प्रतियोगिता के नियमों की जानकारी दी व बताया आज के युवाओं को अपनी कला व संस्कृति से परिचित कराने एवं दूसरे की कला, संगीत, नृत्य वाद्य मंच को सीखने का अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से युवा उत्सव का आयोजन किया गया है।
डॉ. आर. पी. अग्रवाल ने कहा कि प्रथम, द्वितीय या तृतीय आना महत्वपूर्ण नहीं है, महत्वपूर्ण है प्रतियोगिता में आपके भाग लेने का प्रयास। मैं समस्त महाविद्यालय के प्राध्यापक प्राध्यापकों व विद्यार्थियों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने कार्यक्रम में उत्साह पूर्वक भाग लिया यह विद्यार्थियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन का समय है।
Youth Festivalप्राचार्य डॉ. श्रीमती हंसा शुक्ला ने कहा कि प्रतियोगिता का परिणाम कुछ भी हो पर अपना 100 प्रतिशत दें। जिसके पास हौसला होता है उसके साथ काफिला होता है मैं विश्वविद्यालय का धन्यवाद देती हूं जिन्होंने हमारे महाविद्यालय को युवा उत्सव के लिये चूना।
पारंपरिक वेशभूषा में सज्जित विद्यार्थियों के चेहरे की खुशियां देखते ही बनती थी। वहीं अपने मधुर स्वर में गीत प्रस्तुत कर विद्यार्थियों ने सभागार में उपस्थित दर्शकों का मन मोह लिया। कार्यक्रम का प्रारंभ सुगम संगीत प्रतियोगिता के अर्न्तगत एकल सुगम गायन से हुआ जिसमें विद्यार्थियों ने शंभुनाथ को कैसे मनाऊं, कौन मिला रे मोहे जोगिया पिया मिलन की जोग, सावन बीता जाय पिया मोसे बोले ना आदि गीत व गजल द्वारा विद्याथिर्यों ने समा बांध दिया। बाजे रे मुरलिया बाजे अधर धरे, हे शारदे माँ, अज्ञानता से हमें तार दे माँ आदि गीत गॉ सभा को भावविभोर कर दिया एकल शास्त्रीय वादन में विद्यार्थियों ने धन-धन मूरत कृष्ण मुरारी छवि लागे अतिप्यारी एरी माई आज कछुन सुहाये , गीत गा वातावण को संगीत मय कर दिया।
समूह गीत के अन्तर्गत विद्यार्थियों को दो गीत प्रस्तुत करना था जिसमें प्रथम राष्ट्रगीत व द्वितीय जिसमें विश्वविद्यालय ने देशप्रेम से परिपूर्ण गीत प्रस्तुत किया। लोकगीतों में छत्तीगढ़ी संस्कृति सजीव हो उठी। विद्यार्थियों में प्रतिभा कूट-कूट कर भरी थी मौका पा वह अभिव्यक्त भी हुई और दर्शक दीर्घा से गूंजती तालियों की गड़गड़ाहट प्रतिभागियों की हौसला अफजाई कर रही थी ।
कार्यक्रम में 11 महाविद्यालयों ने भाग लिया-
एकल शास्त्रीय गायन में – 4 प्रविष्टियां
समूह सुगम में – 11 प्रविष्टियां
समूह गायन में – 7 प्रविष्टियां
एकल शास्त्रीय वादन – 1 प्रविष्टि प्राप्त हुई
कार्यक्रम में मंच संचालन व धन्यवाद डॉ. स्वाति पाण्डे नोडल अधिकारीने दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ.पूनम शुक्ला, डॉ. शमा ए बेग, श्रीमती शैलजा पवार, डॉ.रचना पाण्डेय, डॉ.सावित्री शर्मा, श्रीमती मंजूषा नामदेव, श्रीमती मंजू कनौजिया, ने विशेष योगदान दिया।

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