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एमजे फार्मेसी कालेज स्टूडेंट्स ने ‘आश्रय’ के बच्चों संग बिताया दिन, जानी पीड़ा

Nov 22, 2019

भिलाई। एमजे कालेज ऑफ़ फार्मेसी के विद्यार्थियों ने 58वें फार्मेसी सप्ताह के अंतर्गत आज परित्यक्त शिशुओं की संस्था ‘मातृछाया’ एवं भटके हुए बच्चों के ‘खुला आश्रय’ में अपना दिन बिताया। विद्यार्थियों ने न केवल उनके जीवन के बारे में जाना बल्कि उनके पुनर्वास के लिए किये जा रहे प्रयासों की जानकारी भी प्राप्त की। विद्यार्थियों ने इन बच्चों को वस्त्र, आहार एवं उपहार दिए और जरूरतमंदों की सेवा में योगदान करने का संकल्प भी लिया।भिलाई। एमजे कालेज ऑफ़ फार्मेसी के विद्यार्थियों ने 58वें फार्मेसी सप्ताह के अंतर्गत आज परित्यक्त शिशुओं की संस्था ‘मातृछाया’ एवं भटके हुए बच्चों के ‘खुला आश्रय’ में अपना दिन बिताया। विद्यार्थियों ने न केवल उनके जीवन के बारे में जाना बल्कि उनके पुनर्वास के लिए किये जा रहे प्रयासों की जानकारी भी प्राप्त की। विद्यार्थियों ने इन बच्चों को वस्त्र, आहार एवं उपहार दिए और जरूरतमंदों की सेवा में योगदान करने का संकल्प भी लिया।भिलाई। एमजे कालेज ऑफ़ फार्मेसी के विद्यार्थियों ने 58वें फार्मेसी सप्ताह के अंतर्गत आज परित्यक्त शिशुओं की संस्था ‘मातृछाया’ एवं भटके हुए बच्चों के ‘खुला आश्रय’ में अपना दिन बिताया। विद्यार्थियों ने न केवल उनके जीवन के बारे में जाना बल्कि उनके पुनर्वास के लिए किये जा रहे प्रयासों की जानकारी भी प्राप्त की। विद्यार्थियों ने इन बच्चों को वस्त्र, आहार एवं उपहार दिए और जरूरतमंदों की सेवा में योगदान करने का संकल्प भी लिया।‘खुला आश्रय’ एवं ‘मातृछाया’ का संचालन करने वाली संस्था सेवाभारती मातृछाया दुर्ग के अध्यक्ष डॉ सुधीर हिशीकर ने बताया कि मातृछाया लावारिस शिशुओं एवं बच्चों को मां का प्यार एवं पोषण आहार देकर उनकी परवरिश करता है। सीएआरए. एनआईसी.इन पर लॉग इन करके लोग इस संस्था की मदद ले सकते हैं। संस्था द्वारा योग्य दंपतियों को शिशु विधिपूर्वक गोद देने की व्यवस्था की जाती है। यहां के बच्चों को देश विदेश के अनेक शहरों में नया घर मिला है जहां उनकी उत्कृष्ट परवरिश हो रही है।
‘खुला आश्रय’ ऐसे बच्चों के लिए 24 घंटे खुला रहता है जिन्होंने या तो घर छोड़ दिया है या फिर परिवारों के टूटने के कारण जो बेघर हो गए हैं। इन बच्चों को यहां रखकर उनकी परवरिश की जाती है। भोजन, चिकित्सा, शिक्षा आदि के साथ उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जाता है।
भिलाई। एमजे कालेज ऑफ़ फार्मेसी के विद्यार्थियों ने 58वें फार्मेसी सप्ताह के अंतर्गत आज परित्यक्त शिशुओं की संस्था ‘मातृछाया’ एवं भटके हुए बच्चों के ‘खुला आश्रय’ में अपना दिन बिताया। विद्यार्थियों ने न केवल उनके जीवन के बारे में जाना बल्कि उनके पुनर्वास के लिए किये जा रहे प्रयासों की जानकारी भी प्राप्त की। विद्यार्थियों ने इन बच्चों को वस्त्र, आहार एवं उपहार दिए और जरूरतमंदों की सेवा में योगदान करने का संकल्प भी लिया।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ टी. कुमार ने कहा कि महाविद्यालय की डायरेक्टर श्रीलेखा विरुलकर के निर्देश पर फार्मेसी कालेज के बच्चों को मातृछाया और खुला आश्रय के भ्रमण पर लाया गया है। एमजे परिवार शहर के विभिन्न दिव्यांग प्रकल्पों से भी जुड़ा हुआ है। एमजे परिवार का मानना है कि समाज की जरूरतों को समझे बिना हम देश की सच्ची सेवा नहीं कर सकते।
एमजे कालेज ऑफ़ फार्मेसी के सहायक प्राध्यापक अंजलि, स्वाति, वर्षा, विनिता, लोकेश, उमेश, रश्मि आदि के नेतृत्व में गए महाविद्यालय के विद्यार्थी सभी के लिए भोजन, फल, बिस्किट एवं परिधान लेकर पहुंचे थे। उन्होंने बच्चों के साथ खूब मस्ती की, उन्हें गेम्स खिलाए, कहानियां सुनाई, बच्चों से कविता और पहाड़ा सुना। बच्चों ने नृत्य भी प्रस्तुत किया। फिर लौटने का वादा करते हुए विद्यार्थी लौट आए।

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