• Thu. Apr 25th, 2024

Sunday Campus

Health & Education Together Build a Nation

पद्मावती ने किया जौहर तो किसे लेकर लौटे खिलजी, रूंगटा नाट्यशाला की प्रस्तुति

Nov 10, 2019

भिलाई। संतोष रूंगटा समूह द्वारा कोहका कुरुद कैम्पस में संचालित महाविद्यालयों की नाट्यशाला ग्रुप ने रानी पद्मावती के जौहर के बाद खिलजी के फ्रस्ट्रेशन को कुछ ऐसा रंग दिया कि दर्शक हंसते हंसते लोटपोट हो गए। खाली हाथ लौटना खिलजी का स्वभाव नहीं था तो आखिर उसने ऐसा क्या किया कि प्रेक्षागृह ठहाकों से गूंज उठा। साथ ही फिल्म पद्मावत के मशहूर गीत खली-बली हो गया है दिल का कुछ ऐसा रंग जमाया कि लोग वाह! वाह!! कर उठे।भिलाई। संतोष रूंगटा समूह द्वारा कोहका कुरुद कैम्पस में संचालित महाविद्यालयों की नाट्यशाला ग्रुप ने रानी पद्मावती के जौहर के बाद खिलजी के फ्रस्ट्रेशन को कुछ ऐसा रंग दिया कि दर्शक हंसते हंसते लोटपोट हो गए। खाली हाथ लौटना खिलजी का स्वभाव नहीं था तो आखिर उसने ऐसा क्या किया कि प्रेक्षागृह ठहाकों से गूंज उठा। साथ ही फिल्म पद्मावत के मशहूर गीत खली-बली हो गया है दिल का कुछ ऐसा रंग जमाया कि लोग वाह! वाह!! कर उठे।भिलाई। संतोष रूंगटा समूह द्वारा कोहका कुरुद कैम्पस में संचालित महाविद्यालयों की नाट्यशाला ग्रुप ने रानी पद्मावती के जौहर के बाद खिलजी के फ्रस्ट्रेशन को कुछ ऐसा रंग दिया कि दर्शक हंसते हंसते लोटपोट हो गए। खाली हाथ लौटना खिलजी का स्वभाव नहीं था तो आखिर उसने ऐसा क्या किया कि प्रेक्षागृह ठहाकों से गूंज उठा। साथ ही फिल्म पद्मावत के मशहूर गीत खली-बली हो गया है दिल का कुछ ऐसा रंग जमाया कि लोग वाह! वाह!! कर उठे।रंगमंच के तहत संतोष रूंगटा समूह के छात्र स्वत:प्रेरणा से विभिन्न गतिविधियों में अपना जौहर दिखा रहे हैं। इसी के तहत यह मंचन किया गया। खिलजी जब तक पद्मावती के पास पहुंचते, वह अग्निकुण्ड में कूद चुकी थी। हताश खिलजी अभी सोच ही रहा था कि एक अर्द्धविक्षिप्त वहां पहुंच जाता है। वह नाचने लगता तो खिलजी भी एक बार फिर गम भुलाकर नाचने लगता है। फिर उसे कुछ सूझता है। वह उस व्यक्ति को ही पद्मावती बनाकर अपने महल लौटता है। इसके आगे क्या होता है….

वहीं छात्रों का एक अन्य समूह गार्डन एरिया में ड्रोन उड़ाने की कोशिश कर रहा था। इसमें से एक जहां छोटा सा चार पंखों वाला ड्रोन था वहीं दूसरा पूरी तरह हवाई जहाज जैसा दिखने वाला नोज-प्रोपेल्ड एयरक्राफ्ट था।
भिलाई। संतोष रूंगटा समूह द्वारा कोहका कुरुद कैम्पस में संचालित महाविद्यालयों की नाट्यशाला ग्रुप ने रानी पद्मावती के जौहर के बाद खिलजी के फ्रस्ट्रेशन को कुछ ऐसा रंग दिया कि दर्शक हंसते हंसते लोटपोट हो गए। खाली हाथ लौटना खिलजी का स्वभाव नहीं था तो आखिर उसने ऐसा क्या किया कि प्रेक्षागृह ठहाकों से गूंज उठा। साथ ही फिल्म पद्मावत के मशहूर गीत खली-बली हो गया है दिल का कुछ ऐसा रंग जमाया कि लोग वाह! वाह!! कर उठे।समूह के चेयरमैन संतोष रूंगटा ने कहा कि कविल सीखना और दोहराना शिक्षा का मकसद नहीं है। शिक्षा आपको कुछ करने के लिए भी प्रेरित करे, इसलिए इस तरह के आयोजन किये जाते हैं। बहुमुखी प्रतिभा के धनी बच्चे इस आयोजन में अपने हुनर को प्रदर्शित भी करते हैं, उसे निखारते भी हैं और दूसरों को भी अपने हुनर को आजमाने के लिए प्रेरित करते हैं।

Leave a Reply