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भिलाई महिला महाविद्यालय में संविधान दिवस पखवाड़े का आयोजन

Nov 29, 2019

भिलाई। विधि एवं न्याय मंत्रालय एवं कम्युनिकेशन, इलोक्ट्रानिक्स इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित तथा हेमचंद यादव विश्व़विद्यालय दुर्ग के निर्देश पर भिलाई महिला महाविद्यालय में 26 नवम्बर से 14 अप्रैल 2020 के मध्य संविधान दिवस संबंधी गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा हैं। इसके अन्तर्गत नागरिकों के संवैधानिक मौलिक कर्तव्यों पर वाद-विवाद, निबंध, क्विज, चर्चाओं एवं संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा हैं। इन गतिविधियों को महाविद्यालय के आईक्यूएसी सेल के द्वारा संयोजित किया जा रहा है।भिलाई। विधि एवं न्याय मंत्रालय एवं कम्युनिकेशन, इलोक्ट्रानिक्स इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित तथा हेमचंद यादव विश्व़विद्यालय दुर्ग के निर्देश पर भिलाई महिला महाविद्यालय में 26 नवम्बर से 14 अप्रैल 2020 के मध्य संविधान दिवस संबंधी गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा हैं। इसके अन्तर्गत नागरिकों के संवैधानिक मौलिक कर्तव्यों पर वाद-विवाद, निबंध, क्विज, चर्चाओं एवं संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा हैं। इन गतिविधियों को महाविद्यालय के आईक्यूएसी सेल के द्वारा संयोजित किया जा रहा है। भिलाई। विधि एवं न्याय मंत्रालय एवं कम्युनिकेशन, इलोक्ट्रानिक्स इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित तथा हेमचंद यादव विश्व़विद्यालय दुर्ग के निर्देश पर भिलाई महिला महाविद्यालय में 26 नवम्बर से 14 अप्रैल 2020 के मध्य संविधान दिवस संबंधी गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा हैं। इसके अन्तर्गत नागरिकों के संवैधानिक मौलिक कर्तव्यों पर वाद-विवाद, निबंध, क्विज, चर्चाओं एवं संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा हैं। इन गतिविधियों को महाविद्यालय के आईक्यूएसी सेल के द्वारा संयोजित किया जा रहा है।प्रथम सोपान में बीकाम तथा बीएससी प्रथम वर्ष की छात्राओं को श्रीमती अनिता नरूला विभागाध्यक्ष अंग्रेजी विभाग एवं संयोजक आईक्यूएसी द्वारा भारतीय संंविधान में शामिल किये गये “मौलिक कर्तव्यों, उसके महत्व एवं उसकी सार्थकता” विषय पर भारतीय नागरिकों के परिप्रेष्य में सविस्तार वक्त़व्य दिया गया। जिसमें वाणिज्य संकाय की 52 तथा बी.एस.सी. बायो की प्रथम वर्ष 80 इस तरह कुल 132 छात्राओं ने सहभागिता दी एवं वक्त़व्य का लाभ उठाया।
परिचर्चा के समापन के अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ संध्या मदन मोहन ने अपने उद्ब़ोधन में कहा कि वर्तमान में हम अपने अधिकारों के प्रति पूणर्त: सजक तो रहते हैं किन्तु हमें कर्तव्यों का भान रहीं रहता।
उन्होंने छात्राओं को कर्तव्यों के ज्ञान के साथ ही उसके निर्वहन हेतु अभिप्रेरित किया और कहा कि जिस तरह से अपने प्रतिदिन के जीवन में हम अपने अधिकारों का आनंद लेते हैं। उसी तरह कर्तव्यों के प्रति भी हमें समर्पित होना चाहिए। इस अवसर पर महाविद्यालय की सहायक प्राध्यापक डॉ निशा शुक्ला, डॉ प्रतिमा मिश्रा, डॉ नारायणी शर्मा तथा नवोनिता मुंशी उपस्थित थे।

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