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सम्प्रेषण की दक्षता एवं विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास के लिए होंगे प्रयास

Nov 17, 2019

प्राध्यापकों को शोध के लिए मिलेंगे 1 से 5 लाख रुपए तक की राशि

IQAC thrust on language skill development of studentsदुर्ग। भाषा सम्प्रेषण की दक्षता एवं विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास हेतु विशेष प्रयास किये जायेंगे। विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु हर स्तर पर रचनात्मक प्रयास किया जायेगा। ये निष्कर्ष शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय में आयोजित आईक्यूएसी सेल की वार्षिक बैठक के दौरान सामने आया। बैठक की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. आर.एन. सिंह ने की। डॉ. सिंह ने कहा कि नैक मूल्यांकन में अच्छा ग्रेड प्राप्त करने के साथ-साथ हम सभी का यह दायित्व है, कि आर्थिक रूप से कमजोर एवं ग्रामीण परिवेश से आए हुए विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु हर संभव प्रयास करें।
डॉ. सिंह ने बताया कि महाविद्यालय में विद्यार्थियों को उत्कृष्ट पाठ्य-सामाग्री उपलब्ध कराने हेतु वेबसाइट पर विशेषज्ञ प्राध्यापकों द्वारा निर्मित नोट्स उपलब्ध कराये जायेंगे। इसी प्रकार प्रत्येक स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षा में विद्याथिर्यों की सम्प्रेषण क्षमता विकसित करने हेतु सामूहिक चर्चा, विषय से संबंधित पावर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण तथा हर कैम्पस इंटरव्यू आयोजन के पूर्व व्यक्तित्व विकास संबंधी कक्षाएं आयोजित की जायेगी।
बैठक के आरंभ में आईक्यूएसी सदस्य डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने पावर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण के माध्यम से विगत दो वर्षों में आईक्यूएसी द्वारा आयोजित विभिन्न गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी। डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि महाविद्यालय में शोध प्रवृत्ति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से महाविद्यालय स्वशासी मद से दो प्राध्यापकों को माइनर रिसर्च प्रोजेक्ट हेतु 1-1 लाख रूपये तथा मेजर रिसर्च प्रोजेक्ट हेतु 5 लाख रूपये की राशि आबंटित करेगा।
इसी प्रकार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शोध पत्र प्रस्तुति हेतु छात्र-छात्राओं को महाविद्यालय 10 हजार रूपये की प्रोत्साहन राषि देगा। महाविद्यालय में रिसर्च सेल की स्थापना के माध्यम से शोध कार्यों को बढ़ावा देने तथा विष्व स्तरीय संस्थानों से एम.ओ.यू. करने का प्रक्रिया भी जारी है। छात्रहित से जुड़े अनेक मुद्दों पर महाविद्यालय प्रषासन एवं आईक्यूएसी द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी भी डॉ. प्रषांत श्रीवास्तव ने दी। नव मनोनीत सदस्यों के पुष्प गुच्छ भेंटकर स्वागत के साथ आरंभ हुई बैठक में आईक्यूएसी संयोजक डॉ. जगजीत कौर सलूजा ने आईक्यूएसी की गठन एवं उसकी महत्ता पर प्रकाष डाला।
आईक्यूएसी के सदस्य डॉ. अनुपमा अस्थाना, डॉ. पद्मावती, डॉ. जय प्रकाश साव, डॉ. सोमाली गुप्ता, डॉ. अनुपमा अस्थाना, डॉ. के.पद्मावती, डॉ. विनोद अहिरवार, अब्दुल महमूद, डॉ. संजू सिन्हा, डॉ. सतीश कुमार सेन आदि ने बैठक में सक्रिय सुझाव प्रस्तुत कियें।
बाह्य विशेषज्ञ सदस्य शंकराचार्य महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. रक्षा सिंह ने अपने सुझाव में यू-ट्यूब एवं महाविद्यालय के ऐप के माध्यम से विद्यार्थियों की समस्याआें के निराकरण एवं विषय के नवीनतम ज्ञान प्राप्त करने हेतु प्रयास किए जाने पर बल दिया। बाह्य विशेषज्ञ आर.के. शर्मा ने विद्यार्थियों हेतु महाविद्यालय को सत्र के आरंभ से ही कुछ लक्ष्य निर्धारित कर लेना चाहिए तथा इन लक्ष्यों के प्राप्ति हेतु महाविद्यालय से संबंधित सभी घटकों के सहयोग से लक्ष्य प्राप्त करना चाहिए। साक्षात्कार हेतु तैयार करने के लिए विद्यार्थियों की भाषा एवं व्यक्तित्व विकास पर भी श्री आर.के. शर्मा ने बल दिया।
भूतपूर्व छात्र मुस्ताक हुसैन ने ऊर्जा की बचत हेतु एल.ई.डी बल्ब तथा सौर ऊर्जा के अधिक से अधिक उपयोग आरंभ किए जाने का आग्रह किया। मचांदुर महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ.जी.ए. धनश्याम ने मोबाईल के सकारात्मक उपयोग पर बल देते हुए कहा कि प्राध्यापकों को प्रत्येक कक्षा के विद्याथिर्यों का एक वॉट्स-अप गु्रप बनाना चाहिए, जिसके जरिये विद्यार्थी अपनी शंका का समाधान कर सकें। डॉ. धनष्याम ने पर्यावरण संरक्षण एवं महाविद्यालय को प्लास्टिक मुक्त रखें जाने हेतु प्रयास करने को कहा।
दूरदर्षन के संवाददाता मोहम्मद फारूख ने वर्तमान समय में महाविद्यालय में मूल्य शिक्षा की पृथक से कक्षाओं की आवश्यकता बतायी। दैनिक भास्कर के संजय पाठक ने नैक मूल्यांकन हेतु विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय हेतु नैक द्वारा निर्धारित समस्त मापदण्डों को निर्धारित समय में पूर्ण कर अच्छे से अच्छा ग्रेड लाने पर बल दिया। भूतपूर्व छात्र अनिल बल्लेवार ने भूतपूर्व छात्र संगठन की महत्ता एवं महाविद्यालय के प्रति उसके दायित्व पर प्रकाष डालते हुए कहा कि महाविद्यालय के विकास में भूतपूर्व छात्र संगठन हर संभव मदद करेगा।
महाविद्यालय छात्रसंघ की अध्यक्ष कु. शफिया परवीन एवं उपाध्यक्ष कु. प्रगति अग्रवाल ने विद्यार्थी प्रतिनिधि के रूप में महाविद्यालय में प्रतियोगी परीक्षाओं एवं नेट/सेट परीक्षाओं की विशेष कोचिंग आयोजित किए जाने का आग्रह किया।
स्वषासी प्रकोष्ठ के नियंत्रक डॉ. अनिल कश्यप ने महाविद्यालय में परीक्षाओं में किए जा रहे रचनात्मक परिवतर्नों की जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष स्नातक प्रथम वर्ष की कक्षाओं हेतु असाइन्मेंट के रूप में आतंरिक परीक्षा ली जा रही है। इसी प्रकार मुख्य वार्षिक परीक्षा में पर्यावरण अध्ययन के प्रश्न पत्र को वस्तुनिष्ठ आधार पर तैयार किया जा रहा है। वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. जय प्रकाश साव ने विद्यार्थियों की सम्प्रेषण क्षमता एवं भाषा के प्रति सुधार हेतु लैग्वेंज लैब के साथ-साथ पृथक से कक्षायें आयोजित करने का भी सुझाव दिया।
डॉ. सोमाली गुप्ता ने विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास हेतु प्रति सप्ताह विशेष प्रशिक्षण कक्षायें आयोजित करने का सुझाव दिया। जनभागीदारी समिति के सदस्य सुमीत ताम्रकार ने विद्यार्थियों एवं कर्मचारियों हेतु लधु अवधि के प्रशिक्षण कार्यक्रम के समय-समय पर आयोजन का सुझाव दिया। पालक प्रतिनिधि डॉ. उषा साहू ने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु रोजगारमूलक सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम भी आरंभ किए जाने का निवेदन किया।
प्राचार्य डॉ. आर.एन. सिंह ने सदस्यों द्वारा दिए गए सुझावों का स्वागत करते हुए अधिकांश सुझावों पर महाविद्यालय प्रशासन द्वारा अमल किए जाने का आश्वासन दिया। बैठक के अंत में आईक्यूएसी सदस्य डॉ. पद्मावती ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि अगामी बैठकों में महाविद्यालय द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी जायेगी तथा नैक मूल्यांकन के अलावा भी महाविद्यालय प्रषासन द्वारा प्रयास किए जायेंगे।

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