भिलाई। आप अपने आस-पास जो कुछ भी देखते हैं वह सभी ज्यामितीय आकारों से जुड़े हैं। बात चाहे शरीर के छोटे से छोटे कोष की करें या विस्तृत ब्रह्माण्ड की, सभी इन नियमों से बंधे हुए हैं। ‘मंडल कला’ या मंडल आर्ट इन्हीं नियमों का एक परिष्कृत रूप है जिससे आपका जीवनदर्शन बदल सकता है। आपके आस-पास बिखरी वही वस्तुएं आपको नई ऊर्जा से परिपूर्ण कर सकती हैं जिनपर अब तक आपका ध्यान ही नहीं गया था। यह कहना है शहर में मंडल आर्ट पर काम करने वाली संभवत: प्रथम कलाकार समृद्धि साहू का।समृद्धि बताती हैं कि सन् 2018 में वे भयानक अवसाद का शिकार हो गर्इं। कम्प्यूटर साइंस में इंजीनियर समृद्धि ने स्वयं ही इससे बाहर आने का फैसला किया। उन्होंने ‘मंडल कला’ के बारे में सुन रखा था। उन्होंने इस विषय में विशद अध्ययन प्रारंभ किया। उन्होंने देखा कि ज्यामितीय आकारों से ब्रह्माण्ड को जोड़ने की यह एक अद्भुत कला है जो आपके अंतरमन को आलोकित करने लगता है। उन्होंने तिकोनी आकृतियों के बजाए गोलाकार आवृत्तियों को चुना और अपने मन को विस्तार देती चली गर्इं। वे कहती हैं कि यह भी एक तरह की ध्यान समाधि है जो आपका स्वयं आपसे परिचय कराती है।
कालांतर में उन्होंने अपने सहपाठी धनेन्द्र गायकवाड़ एवं मुकेश साहू के साथ ‘स्कॉड आर्टिस्ट’ का गठन किया। ये सभी भिन्न-भिन्न कलाक्षेत्रों के साधक हैं। तीनों का मानना है कि कला से न केवल आपका जीवन रचनात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण हो जाता है बल्कि यह आपको बेहतर इंसान भी बनाता है। उन्होंने कला को मिलकर आगे बढ़ाने का निश्चय किया। इसमें सभी प्रकार की कलाओं को शामिल कर लिया गया।
‘स्कॉड आर्टिस्ट’ ने अपना पहला कार्यक्रम इस रविवार 15 दिसम्बर, 2019 को सिविक सेन्टर के मान्यूमेंट पार्क में आयोजित किया। इसमें गायन, वादन, चित्रकारी, पेंटिंग, हस्तशिल्प सभी प्रकार की कला साधना को शामिल किया गया। इसमें इस्पात नगरी के लगभग 30 युवा कलाकारों ने मंच साझा किया। ‘स्कॉड आर्टिस्ट’ अपनी इस सफलता से बेहद उत्साहित है। वे इस मंच पर अधिक से अधिक युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं।