• Sat. Apr 20th, 2024

Sunday Campus

Health & Education Together Build a Nation

मुढ़ीपार के अमित ने जमाए उद्योगजगत में पैर, आज सात फैक्टरियों के मालिक

Dec 26, 2019

डॉ संतोष राय इंस्टीट्यूट द्वारा एक दिवसीय प्रेरणा एवं व्यक्तित्व विकास कार्यशाला

Amit Shrivastava at Dr Santosh Rai Institute Workshopभिलाई। खैरागढ़ के मुढ़ीपार से निकले एक युवक अमित श्रीवास्तव ने तमाम चुनौतियों का मुकाबला करते हुए उद्योगजगत में अपने पांव जमाए और आज सात उद्योगों का संचालन कर रहे हैं। इनमें से पांच उद्योग संयुक्त उद्यम हैं। इसमें विदेशी कंपनियों की भी भागीदारी है। उन्होंने युवाओं से कहा कि सरकारी नौकरी ठीक है पर वहां प्रदर्शन एवं तरक्की के अवसर सीमित हैं। वे यहां डॉ संतोष राय इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित एक दिवसीय प्रेरणा एवं व्यक्तित्व विकास कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।इस कार्यशाला को महिला उद्यमी डॉ सीपी दुबे एवं ची-रनर डॉ आलोक दीक्षित ने भी संबोधित किया। कार्यशाला का संचालन कॉमर्स गुरू डॉ संतोष राय ने किया। इस अवसर पर बिपिन बंसल, विदिशा खरे एवं विकास खरे भी उपस्थित थे।
अमित श्रीवास्तव ने एक उद्यमी के रूप में अपनी यात्रा का जिक्र करते हुए बताया कि उन्होंने स्टील प्लांट्स के लिए गैस डिटेक्टर सप्लाइ के क्षेत्र में कदम रखा। भिलाई इस्पात संंयंत्र में उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने जेएसपीएल सहित तमाम अन्य स्टील प्लांट्स का रुख कर लिया और सफलता के दरवाजे खुलते चले गए।
एक प्रसंग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि एक कंपनी में प्राडक्ट का डेमो देना था। कंपनी के महाप्रबंधक ने उन्हें एक सप्ताह का पास जारी कर दिया। पर जिसके आदेश पर यह डेमो होना था वो बात करने तक को तैयार नहीं थे। वे रोज जाते और उनके दफ्तर के सामने बैठे रहते। अफसर आता तो वे वहीं होते, अफसर लंच पर निकलते तब भी वे वहीं होते, वे लंच से लौटते तब भी वे वहीं मिलते और अफसर जब घर के लिए निकलता तब भी उन्हें वहीं बैठा पाता। इसके बाद उन्होंने उनका वहां बैठना बंद करा दिया। अब वे गेट के बाहर ही चार बार उन्हें दिखाई देने लगे। अंतत: छठवें दिन उन्होंने उन्हें मुलाकात का वक्त दिया। उन्होंने अपने प्रॉडक्ट का डेमो दिया। प्रॉडक्ट मूल्य एवं प्रदर्शन दोनों ही मामलों में श्रेष्ठ साबित हुआ। उन्होंने कॉमर्स के विद्यार्थियों से कहा कि किसी भी कार्य को सिद्ध करने के लिए प्रयासों में निरंतरता की जरूरत होती है।
बच्चों को पूरी ईमानदारी के साथ अपने विषय को सीखने का सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि आज उनकी सात इकाइयों में 700 लोग काम करते हैं। अच्छे कॉमर्स ग्रेजुएट्स की मांग बनी रहती है। अधिकांश लोगों का विषय ज्ञान अधूरा होता है।
सफलता के सूत्रों की व्याख्या करते हुए उन्होंने विद्यार्थियों को अपने प्रति ईमानदार रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य को करते समय उसके सही या गलत होने पर स्वयं से सवाल करें। उसी कार्य को करें जिसमें आपकी अंतरात्मा की सहमति हो। कभी किसी से कोई अपेक्षा न करें। जो कुछ भी मिले उसके लिए धन्यवाद ज्ञापित करना न भूलें। जीवन में पैसों से ज्यादा अहमियत खुशी और मानसिक शांति को दें। ब्राण्ड फ्रीक न बनें। ब्राण्ड का शौक पूरा करना हो तो स्वयं कमा कर पूरा करें।
उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य को करने का जो सिद्ध तरीका है यह वह हमेशा काम करेगा यह जरूरी नहीं है। कार्य सिद्ध न हो रहा हो तो एप्रोच चेंज करें। उन्होंने एक उदाहरण से इसे स्पष्ट करते हुए कहा कि फोटोग्राफर को यदि बैकग्राउण्ड से परेशानी हो रही हो तो वह बैकग्राउण्ड को लेकर असंतुष्ट होने की बजाय अपना एंगल बदल लेता है। जीवन में तनाव मुक्त होकर आगे बढ़ने का यही तरीका है।

Leave a Reply