भिलाई। संजय रूंगटा ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशंस द्वारा संचालित रूंगटा डेंटल कॉलेज में नेशनल ओरल कैंसर डे पर विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया। ज्ञात हो कि आम जन मानस में मुख के कैंसर की जानकारी बेहद कम है, जबकि भारत देश में और खासकर छत्तीसगढ़ में तम्बाकू एवं सिगरेट का सेवन बड़ी मात्रा में किया जाता है। तम्बाकू, गुटखा, खैनी, पाउच, सिगरेट, बिड़ी इत्यादि ऐसे व्यसन है जिनकी आदत छोटी उम्र में ही लग जाती है तथा इसके गंभीर दुष्परिणाम होते है। इसी परिणाम से एक गंभीर बीमारी मुख का कैंसर अथवा ओरल कैंसर कहलाता है। कॉलेज के डीन डॉ. सुधीर पवार ने बतलाया की ओरल कैंसर का बचाव एवं रोकथाम शत प्रतिशत मुमकिन है, जरूरत है आम जनमानस में इसके बारे में जानकारी हो। कॉलेज के चेयरमैन संजय रूंगटा ने बतलाया कि रूंगटा कॉलेज में ओरल कैंसर की जांच व इलाज हेतु स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम मौजूद है जो कि मरीजों को उचित परामर्श के साथ ही साथ सम्पूर्ण इलाज बहुत ही कम खर्च में उपलब्ध करा रही है। इस अभियान का आयोजन डिपाटर्मेंट आॅफ पब्लिक हेल्थ डेन्टिस्ट्री द्वारा किया गया जो कि विगत कई वर्षो से लोगों में मुख स्वास्थ्य एवं दाँतो की बिमारीयों की रोकथाम व इलाज के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु कार्यरत है।
डिपार्टमेंट के हेड डॉ. नवीन एन व इंचार्ज डॉ. राम तिवारी ने इस जागरूकता अभियान से जुडे़ डॉक्टरों व मरीजो को धन्यवाद ज्ञापित किया तथा निकट भविष्य में भी ऐसे जनलाभकारी आयोजन चलाने का दृढ़ संकल्प लिया।
भारत सरकार एवं इंडियन डेंटल एसोसिएशन ने आव्हान किया है कि सभी डॉक्टर्स व मेडिकल डेंटल कॉलेज इस बीमारी की जानकारी जनमानस तक पहँुचाए ताकि इसकी रोकथाम किया जा सके। रूंगटा डेंटल कॉलेज में राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त तम्बकू निशेध कार्यालय मौजूद है जहां तम्बाकू की आदत से छुटकारा पाने हेतु उचित उपाय बतलाए जाते हैं एवं काफी संख्या में लोगो को तम्बाकू की आदत से निजात मिली है। इसी अवसर पर रूंगटा कालेज ऑफ़ डेन्टल साइंस एंड रिसर्च के इन्टर्न्स से जागरूकता अभियान चलाया। जिसमें कॉलेज हॉस्पिटल परिसर में आंगतुक मरीज जो कि तम्बाकू सेवन करते है उनकी काउन्सलिंग की गई। सभी मरीजो की नि:शुल्क मुख कैंसर जांच की गई।
इस अवसर पर प्रशिक्षु डॉक्टरों द्वारा जागरूकता पोस्टर्स बनाए गए जिनमें तम्बाकू एवं ओरल कैंसर संबंधी संदेश एवं फोटो ग्राफ्स लगाई गई। डॉ. अंकिता नेभानी, डॉ. सिमरन आनन्द, डॉ. अंकिता छाबरानी, डॉ. सौम्यश्री दास, डॉ. जयश्री कलीता, डॉ. अनुषा पोपटानी के द्वारा बनाए गए पोस्टर्स की विशेष सराहना की गई।