भिलाई। स्पर्श मल्टीस्पेशालिटी हॉस्पिटल के विशेषज्ञों ने राजनांदगांव के सहायक चिकित्सा अधिकारियों (एएमओ) के लिए एक विमर्श कार्यक्रम का आयोजन होटल अवाना में किया। लगभग 40 एएमओ ने इसमें अपनी उपस्थिति दी। स्पर्श के मेडिकल डायरेक्टर डॉ एपी सावंत ने जहां उन्हें नवजात शिशु की देखभाल के तरीके बताए वहीं इंटेंसिविस्ट डॉ एस श्रीनाथ ने एन्टीबायोटिक के उपयोग में सावधानी बरतने की सलाह दी।डॉ सावंत ने बताया कि नवजात शिशु की सांस, धड़कन, तापमान, आहार-विसर्जन पर नजर रखना जरूरी है। प्रसव के दौरान प्रसव कक्ष का तापमान नियंत्रित होना चाहिए। शिशु को स्वच्छ एवं शुष्क तौलिये से लपेटना चाहिए तथा साफ करने के बाद उसे मां के सीने से लगा देना चाहिए। शिशु को प्रथम दिवस ही स्नान कराने की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने शिशु को प्रसूता के शरीर के सम्पर्क में रखने के फायदे बताए तथा स्तन पान के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि एमएमआर और आईएमआर को कम करने में इसकी बड़ी भूमिका हो सकती है। उन्होंने नवजात शिशुओं में सामान्य रूप से आने वाली परेशानियों का भी विस्तार से वर्णन किया।
डॉ श्रीनाथ ने सहायक चिकित्सा अधिकारियों को संबोधित करते हुए एन्टीबायोटिक के उपयोग में सावधानी बरतने की सलाह दी। उन्होंने एन्टीबायोटिक के अत्यधिक उपयोग के खतरों के प्रति आगाह करते हुए एन्टीबायोटिक रेजिस्टेंस के बारे में बताया। साथ ही विभिन्न औषधियों के उपयोग, डोजेज तथा कोर्स की भी विस्तार से चर्चा की।
उल्लेखनीय है कि सहायक चिकित्सा अधिकारी तीन वर्षीय कोर्स करने के बाद दूरस्थ अंचलों में तैनात हैं। स्पर्श मल्टीस्पेशालिटी हॉस्पिटल के प्रबंध निदेशक डॉ दीपक वर्मा एवं मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ संजय गोयल ने कहा कि अन्यान्य रोगों की चिकित्सा के साथ ही इनपर एक बड़ी जिम्मेदारी शिशु मृत्यु दर एवं मातृत्व मृत्यु दर को रोकने की बड़ी जिम्मेदारी है। स्पर्श मल्टीस्पेशालिटी हॉस्पिटल ने समय समय पर इन चिकित्सकों का मार्गदर्शन करने तथा उनकी जानकारियों को अपडेट करने की जिम्मेदारी ली है।
दोनों वरिष्ठ विशेषज्ञों ने इस अवसर पर सहायक चिकित्सा अधिकारियों की शंकाओं का भी समाधान किया।