भिलाई। एनसीटीई के निर्देशानुसार सभी शिक्षा महाविद्यालय में अंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी तारतम्य में स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में ‘संविधान में वर्णित मौलिक कर्तव्य’ विषय पर भाषण, रंगोली एवं स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन शिक्षा विभाग एवं आईक्यूएसी के संयुक्त तात्वावधान में आयोजित किया गया। जिसमें विद्यार्थियों व प्राध्यापकों ने भाग लिया।कार्यक्रम संयोजक स.प्रा. मंजु कनौजिया ने बताया कि संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर के जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों की विस्तार के जानकारी दी।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने कहा मूल कर्तव्य की अवधारणा रूस से ली गई है। इसमें संविधान के नियमों के पालन, राष्ट्रध्वज व राष्ट्रगान का आदर करने के साथ-साथ देश की संप्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करना प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा व संवर्धन की बात कही गई है।
महाविद्यालय के सी.ओ.ओ. डॉ. दीपक शर्मा ने कहा संवैधानिक कर्तव्य हमें सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखने व 14 वर्ष के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा प्रदान करने के लिये प्रेरित करता है।
शैलजा पवार ने कहा सब मौलिक अधिकारों की बात करते है मौलिक कर्तव्यों की बात नहीं करते कोई राष्ट्रीय संपत्ति को हानि पहुंचा रहा है तो उसे रोकना भी हमारा मौलिक कर्तव्य है। अगर हम अपनी जिम्मेदारी को समझे तो राष्ट्र को उन्नति के पथ पर ले जा सकते है।
डॉ. चेताली मैथ्यू ने संविधान में शामिल 10 मौलिक कर्तव्यों की जानकारी दी। राष्ट्रगीत का सम्मान, राष्ट्रीय संपत्ति की रक्षा राष्ट्रीय विरासत को सहेजना होगा, सबको समानता का अधिकार है बच्चों को शिक्षा का अधिकार व धार्मिक अधिकार मिला है।
डॉ. नीलम गांधी ने कहा भारत विश्व का सबसे बड़ा गणतंत्र व प्रजातांत्रिक देश है। हम अधिकार चाहते है तो कर्तव्य को निभाना आना चाहिये हमें अधिकार याद है, कर्तव्य याद नहीं है आज झंडे जलाये जाते है राष्ट्रीय संपत्ति को हानि पहुँचाते है, तब कर्तव्य कहां चला जाता है?
डॉ. शमा अ. बेग ने कहा कि हमें संवैधानिक कर्तव्यों के प्रति सजग रहना चाहिये। सड़क, पानी, बिजली सभी के लिये हमारी जिम्मेदारी बनती है। वन, जल, झीलों की रक्षा करें पर हम उसे प्रदूषित कर रहे है। वेतन व विकास सबको चाहिये पर काम ईमानदारी से नहीं करते हमें वोट देने का अधिकार है पर हम वोट डालने नहीं जाते अगर हम अधिकार ले रहे है तो कर्तव्यों का भी पालन करना होगा। जो नियम पालन करता है वह देव नियम पालन नहीं करता वह दानव है।
स.प्रा. पूजा सोढ़ा ने कहा अधिकार के साथ कर्तव्य आता है। हम अपनी जिम्मेदारियों का सही तरह से पालन नहीं करते। यही कारण है कर्तव्यों को संविधान में शामिल करना पड़ा धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र होने के बावजूद छोटी-छोटी बातों पर लड़ने लगते है।
विजयी प्रतिभागियों के नाम इस प्रकार है-
स्लोगन:- प्रथम गुणवंत लाल, द्वितीय शैलजा पवार, तृतीय यामिनी साहू। भाषण प्रथम डॉ. नीलम गांधी, द्वितीय डॉ. चेताली मैथ्यू एवं तृतीय डॉ. शमा ए. बेग। रंगोली प्रथम दीपिका देवांगन, द्वितीय चंचल देवांगन, तृतीय इंदू। निर्णायक के रूप में डॉ. सुनीता वर्मा विभागाध्यक्ष हिन्दी व स.प्रा. मीना मिश्रा विभागाध्यक्ष गणित उपस्थित हुये। मंच संचालन व धन्यवाद ज्ञापन स.प्रा. शिक्षा विभाग की मंजू कन्नौजिया ने किया।