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भूमित्र गुप्ता स्मृति इंटर कालेज वाद-विवाद स्पर्धा में खूब बोले प्रतिभागी

Jan 14, 2020

Bhilai Mahila Mahavidyalayaभिलाई। भिलाई महिला महाविद्यालय के सभागार में श्री भूमित्र गुप्ता स्मृति बहुआयामीे आयोजन समिति द्वारा राज्य-स्तरीय अन्तरमहाविद्यालयीन वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। ट्विनसिटी भिलाई-दुर्ग के अतिरिक्त राज्य के अन्य महाविद्यालयों से भाग लेने आये प्रतिभागियों ने प्रतियोगिता के ज्वलंत विषय पर बड़ी बेबाकी से अपने विचार रखे। बच्चों ने स्थान, काल और परिस्थितियों के कानून पर पड़ते प्रभावों को केन्द्र में रखकर अपने विचार रखे।Mahila Mahavidyalaya Bhilaiआयोजन समिति की सचिव तथा भिलाई महिला महाविद्यालय की प्रिंसिपल डॉ. संध्या मदनमोहन ने स्व. श्री भूमित्र गुप्ता के शिक्षा के क्षेत्र में योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि स्व. श्री गुप्ता का भिलाई महिला महाविद्यालय तथा पी.जी. कॉलेज आॅफ नर्सिंग की स्थापना में अभूतपूर्व योगदान था जिसे कि विस्मृत नहीं किया जा सकता। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में यह आयोजन राज्य स्तर तक सीमित न रहकर राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया जायेगा। उन्होंने युवाओं से अपने जीवन में पॉजीटीव रहने को कहा तथा विशेषकर भाग लेने वाले युवाओं से विषय के पक्ष तथा विपक्ष में रचनात्मक तथा धनात्मक विचारों को अभिव्यक्त करने की सलाह दी।
वाद-विवाद प्रतियोगिता में भाग ले रहे प्रतिभागियों ने प्रमुख रूप से जहां पक्ष तथा विपक्ष में बोलते हुए मुखरता से अपनी बातें रखीं जिसमें पक्ष के प्रतिभागियों ने भारत के कानून पर भारतीय होकर सोचने की सलाह दी तथा इसे पूरानी भूल को सुधारने वाला बताया तथा इस कानून के लागू होने पर हो रहे कोलाहल और अहिंसा को सवर्था अनुचित बताते हुए कहा की यह भारतीय नागरिक को बिल्कुल भी प्रभावित नहीं करता। काल और परिस्थिति में आवश्यकता के हिसाब से सदैव कानूनों में संशोधन होते आए हैं। यह कानून केवल तुष्टीकरण की राजनीति के लिये न होकर भारत की प्राचीन सभ्यता वसुधैव कुटुंबकम की परिकल्पना को साकार कर रहा है। देश लम्बे समय से आतंकवाद और आतंकवादी गतिविधियों से जूझता रहा है। जिस प्रकार किसी बाहरी व्यक्ति की उचित पहचान किये बिना उसे अपने परिवार में स्थान नहीं दिया जा सकता उसी प्रकार देश की सुरक्षा के लिये यह आवश्यक है कि यहां आये हुए लोगों की उचित पहचान की जाये। इस कानून का उद्देश्य किसी विशेष धर्म से अलगाव पैदा नहीं करता तथा राजीनीति से ग्रसित नहीं है। इस कानून पर राजनीति कर अपनी रोटियॉं सेंकना कतई उचित नहीं वहीं वैचारिक टकराव को हिंसा का रूप दिया जाना अक्षम्य है। विपक्ष में बोलते हुए प्रतिभागियो ने कहा कि यह बिल एक विशेष अल्पसंख्यक धर्म के मन में देश में असुरक्षा की भावना उत्पन्न कर रहा है। इसके अलावा बाहर के देशों के धर्म-विशेष के प्रताड़ितों को हमारे देश की नागरिकता प्रदान करने से जहां एक ओर हमारे देश की जनसंख्या में वृद्धि होगी वहीं बेरोजगारी, स्वास्थ्य तथा रहने की सुविधाओं की कमी से इससे पार पाना एक चुनौती होगी तथा इस वजह से देश में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। उन्होंने कानून को आम-जन के लिये जटिल बताते हुए इस संबंध में अनेक स्पष्टीकरण की आवश्यकता बताई।
BMM Prize Givingवाद-विवाद प्रतियोगिता में बड़े ही जोशो-खरोश से पक्ष के प्रतिभागियों ने शायराना अंदाज में विषय के पक्ष में बोलते हुए कहा कि ह्वदर-दर ठोकरें खाते थे जो आज उनका दिल सुखाया, चलो लाल भारत माता ने तुम्हें बुलायाह्व वहीं विपक्ष के प्रतिभागियों ने ह्वमुल्क मत बांटिये, बांटना है तो खुशियां बांटियेह्व तथा ह्वमजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना…..ह्व जैसी पंक्तियों के माध्यम से अपनी बातें रखीं।
वाद-विवाद प्रतियोगिता के विजेता के रूप में पक्ष में प्रथम स्थान स्वरूपानंद कॉलेज की छात्रा शिवानी सिंह को द्वितीय स्थान शा. चन्दूलाल चन्द्राकर कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, धमधा के छात्र मंजीत तथा तृतीय स्थान भिलाई महिला महाविद्यालय की बीएड की छात्रा संयुक्ता पाढ़ी को प्राप्त हुआ वहीं विपक्ष में विजेता के रूप में बीआईटी की छात्रा निधि करंवेलकर को प्रथम स्थान, द्वितीय स्थान गवर्मेट वी.वाय.टी. पीजी कॉलेज के छात्र आशीष देवांगन को तथा भिलाई महिला महाविद्यालय की छात्रा निशी तिवारी को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। ओवर आॅल ट्रॉफी की विजेता गवर्मेंट वी.वाय.टी. पी.जी. कॉलेज की टीम रही। वाद-विवाद प्रतियोगिता के निर्णायक की भूमिका .के. परती पूर्व जीएम बीएसपी, डॉ. विभा सिंह,राजनीति विज्ञान विभाग, कल्याण स्नातकोत्तर महाविद्यालय तथा डॉ. मोहना सुशांत पंडित, विभागाध्यक्ष शिक्षा विभाग, भिलाई महिला महाविद्यालय ने निभाई। कार्यक्रम का संचालन डॉ. निशा गुप्ता ने तथा कोडिर्नेशन डॉ. निशा गुप्ता तथा श्रीमती प्रतिभा क्लाडियस ने संयुक्त रूप से किया।
पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में बोलते हुए आयोजन समिति के अध्यक्ष तथा कल्याण स्नातकोत्तर महाविद्यालय के मैनेजमेंट विभाग के हेड डॉ. आर.पी. अग्रवाल ने कहा कि इस आयोजन को स्व. श्री भूमित्र गुप्ता की स्मृति में प्रारंभ किया गया था परन्तु विगत कुछ वर्षों से कतिपय कारणों से आयोजन संभव नहीं हो पाया। स्व. गुप्ता के विचारों तथा कार्यों को रेखांकित करने तथा युवाओं तक पहुंचाने प्रतियोगिता का पुन: आयोजन प्रारंभ किया गया है जो कि आगामी वर्षों में एक नये स्वरूप तथा भव्यता लिये होगा। उन्होंने स्व. श्री भूमित्र गुप्ता के शिक्षा के क्षेत्र में योगदान का उल्लेख करते कहा कि उन्होंने अपने समय में शिक्षा के माध्यम से महिला सशक्तिकरण को समझा जो कि उनकी दूरदशिर्ता को बतलाता है। डॉ. अग्रवाल ने भिलाई एजुकेशन ट्रस्ट के सचिव तथा आयोजन समिति के संरक्षक सुरेन्द्र गुप्ता को इस आयोजन हेतु बधाई देते हुए साधुवाद का पात्र बताया। विषय के चयन के संबंध में बताते हुए उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति के माध्यम को सशक्तता प्रदान करने हमने यह विषय चुना। किसी भी बात का मर्यादित स्तर पर विरोध उचित है परंतु देश में विरोधस्वरूप हुई तोड़फोड़ तथा हिंसा पूर्णतया अनुचित है। स्व. भूमित्र गुप्ता के सुपूत्र तथा आयोजन समिति के संरक्षक व भिलाई एजुकेशन ट्रस्ट के सचिव सुरेन्द्र गुप्ता ने इस आयोजन से जुड़े सभी लोगों का आभार व्यक्त किया तथा बताया कि हेमचन्द यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग द्वारा बी.एच.एससी. तथा बीसीए कोर्स के मेरिट लिस्ट टॉपर को दिये जाने वाले गोल्ड मेडल अब स्व. श्री भूमित्र गुप्ता की स्मृति में दिये जायेंगे जिसके लिये उनके द्वारा विश्वविद्यालयीन प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। कार्यक्रम के दौरान स्व. गुप्ता की पूत्रवधु व समाजसेविका श्रीमती नीता गुप्ता, डॉ. आर.बी. गुप्ता, वीवायटीपीजी कॉलेज से प्रो. डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव, बीएमएम की वाइस-प्रिंसिपल श्रीमती अनिता नरूला सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, फैकल्टी मेम्बर्स तथा बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में वाद-विवाद स्पर्धा के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।

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