भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में पोंगल, मकर संक्रांति व लोहरी उत्साह पूर्वक मनाया गया जिसमें प्राघ्यापकों व विद्यार्थियों ने हर्षाेल्लास से भाग लिया। यह आयोजन छात्रसंघ के द्वारा किया गया। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने बताया कि भारत विविधताओं का देश है यह विविधता उनकी संस्कृति, पर्व-उत्सव, त्यौहारों, वेषभूशा मे दिखाई देती है विद्यार्थियों को भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं से परिचित कराने के उद्देश्य से कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। पोंंगल, लोहरी व मकर संक्रांति की शुभकामना देते हुये महाविद्यालय की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा ने कहा सांस्कृतिक विविधताओं के देश में पर्व व उत्सव की बहुरंगी छटा देखने को मिलती है। यही विविधता हमारे पर्व त्यौहारों की विशेषता है। पोंगल तो ऋतु परिवर्तन का त्यौहार है महाविद्यालय मे इसका आयोजन अत्यंत सुखद है।
महाविद्यालय परिसर को रंगोली से सजाया गया व इंटे के चूल्हे व मिट्टी के हांडी में पोंगल बनाया गया विद्यार्थियों को जानकारी दी। गुड़ और चावल उबालकर सूर्य को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद का नाम ही पोंगल है प्रकृति को समर्पित यह त्यौहार फसलों की कटाई के बाद मनाया जाता है।
पंजाब व हरियाणा में नयी फसल के आगमन पर ठिठुरती सर्दी की रातों में आग जलाकर लोग चारों तरफ नृत्य करने है तथा आग में रेवडी मुंगफली व मक्के के दाने डालते है, फिर उसे प्रसाद के रूप बांटते है। लोहरी में गोल घेरा बनाकर, सारे जगत के सुख शांती मांगते हुये उस अग्नि में जलाने की कामना करते है। व आग्रह करते है जैसे अग्नि में हव्य जल रहे है। वैसे ही सबकी तकलीफें जल कर नष्ट हो जाये।
मकर संक्रांति सूर्य उत्तरायण से दक्षिणायन होने का पर्व है सूर्य मकर संक्राति पर आता है तब मकर संक्रांति मनाया जाता हैं विद्यार्थियों को बताया गया कि कैसे प्रकृति अपना रूप बदलती है वैसे भी हमें समय के अनुसार सामंजस्य स्थापित करते हुये जीवन व्यतीत करना चाहिये। तत्पश्चात विद्यार्थियों ने महाविद्यालय परिसर में पतंग उड़ाये।
कार्यक्रम में छात्रसंघ के पदाधिकारी, विद्यार्थियों व प्राध्यापकों ने हर्ष पूर्वक भाग लिया व विद्यार्थियों को पोंगल वितरित किया गया।