रायपुर। आंबेडकर अस्पताल में तीन घंटे के भीतर रेटिना सर्जरी कर चार मरीजों की आंखों को रोशनी दी गई। इससे न सिर्फ उन मरीजों को दुनिया देखने का मौका मिल रहा है, बल्कि नया जीवन भी मिला है। नेत्र रोग विभाग के चिकित्सक ने बताया कि दुर्घटना के बाद नौ वर्षीय बालक की बायीं आंख की रोशनी संक्रमण के चलते चली गई थी। इस समस्या को कॉर्निया ट्रांसप्लांट के जरिए ठीक किया गया। दूसरे केस में 50 वर्षीय महिला की दायीं आंख में धान की बाली लगने के कारण कॉर्नियल अल्सर हो गया था, जिसमें मवाद भर गया था। ऑपरेशन कर मरीज की आंख को बचा लिया गया। इसी तरह 66 वर्षीय बुजुर्ग महिला की आंखों की रोशनी कार्निया ट्रांसप्लांट के जरिये और 73 वर्षीय महिला की आंखों का मोतियाबिंद ऑपरेशन किया गया।आॅपरेशन के बाद हुई जांच में आंखें पूरी तरह ठीक हो जाने के बाद सभी को डिस्चार्ज कर दिया गया। विशेषज्ञों की टीम में डॉ. संतोष सिंह पटेल (मुख्य सर्जन) के साथ डॉ. राजेश, डॉ. अंजू, डॉ. कमली, डॉ. प्रतीक, डॉ. वंदना, डॉ. विनीत, नर्सिंग स्टॉफ नीलिमा, स्मृति, उर्मिला, वेंकट शामिल थे।
आंबेडकर अस्पताल में उपलब्ध सेवाएं
नेत्र रोग विभाग के एचओडी डॉ. एमएल गर्ग ने बताया कि विभाग में कॉर्नियल आई ट्रांसप्लांटेशन, मोतियाबिंद सर्जरी, रेटिना सर्जरी, आरओपी स्क्रीनिंग एवं लेजर ट्रीटमेंट, ग्लूकोमा सर्जरी और मैनेजमेंट, पीडियाट्रिक कैटेरेक्ट, स्क्विंट सर्जरी, ट्रामा मैनेजमेंट और सर्जरी, डायबिटीक रेटिनोपैथी स्क्रीनिंग और लेजर ट्रीटमेंट, सर्जरी, रेटिनल डिटैचमैंट सर्जरी, आई बैंक की सुविधा और आंख से संबंधित सभी समस्याओं के उपचार की सुविधाएं उपलब्ध हैं।
चार मरीजों की आंखों की सर्जरी की गई। वे किसी कारणवश अपनी आंखों की रोशनी खो चुके थे, दोबारा उन्हें दुनिया देखने का मौका मिला है। ऐसा पहली बार है कि जब एक साथ चार मरीजों का कॉर्निया ट्रांसप्लांट किया गया। चारों मरीजों की कॉर्नियल ग्राफ्टिंग नेत्रदान से मिले कार्निया से की गई। अस्पताल के आई बैंक से कॉर्निया लेकर सफलतापूर्वक कार्नियल ट्रांसप्लांट किया गया। ट्रांसप्लांट के बाद मरीजों को दिखना शुरू हुआ या नहीं, इस बात की पुष्टि के लिए दोबारा उनकी आंखों की जांच की गई, इसमें आंखों की रोशनी ठीक पाई गई।
– डॉ. संतोष सिंह पटेल, नेत्र रोग विशेषज्ञ, आंबेडकर अस्पताल