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डॉ संतोष राय इंस्टीट्यूट की डॉ मिटठू और सीए प्रवीण इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज

Jan 31, 2020

यह एक गुरू की निष्ठा और समर्पण का ही परिणाम : देवेन्द्र यादव

Dr Mitthu and CA Praveen make it to the India Book of Recordsभिलाई। डॉ संतोष राय इंस्टीट्यूट की फैकल्टी डॉ मिटठू और सीए प्रवीण बाफना का नाम आज इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज हो गया। महापौर एवं भिलाई विधायक देवेन्द्र यादव की उपस्थिति में उन्हें यह सम्मान इंडिया बुक के एडजुडिकेटर डॉ कुशाल सचान ने प्रदान किया गया। डॉ मिटठू और सीए प्रवीण ने यह रिकार्ड अपने-अपने विषय में लगातार 12 घंटे से अधिक समय तक मैराथन क्लास लेकर बनाया। इस दौरान विद्यार्थी बदलते रहे पर टीचर्स ने अपनी जगह नहीं छोड़ी। रिकार्ड बनाने के बाद दोनों शिक्षकों ने अपने प्रेरणास्रोत डॉ संतोष राय का चरणस्पर्श कर यह रिकार्ड उन्हें समर्पित कर दिया।

India-Book-CA-Praveen-Bafna India-Book-Dr-Mitthu-S India-Book-Dr-Mitthu CA-Praveen-Bafna-India Book Dr Mitthu and CA Praveen Bafna dedicate their India Book of Records entry to Mentor Dr Santosh Raiमहापौर एवं विधायक देवेन्द्र यादव ने कहा कि डॉ मिटठू और सीए प्रवीण बाफना ने न केवल शिक्षाधानी को बल्कि छत्तीसगढ़ और पूरे देश का मान बढ़ाया है। शिक्षकों का यह जज्बा प्रेरणास्पद है। उन्होंने कहा कि इन टीचर्स के प्रेरणास्रोत डॉ संतोष राय निरंतर अपनी टीम एवं विद्यार्थियों के साथ ही आमजनों को भी लगातार कुछ नया और कुछ अच्छा करने के लिए प्रेरित करते रहते हैं। यह एक गुरू की निष्ठा और समर्पण का ही परिणाम है कि उनकी टीम के सदस्य इस कठिन चुनौती को सिद्ध करने में सफल रहे। इस कार्यक्रम में आकर वे स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। यह पूरी भिलाई बिरादरी के लिए गौरव के पल हैं।
बंगलुरू, यूके और यूएस में शिक्षित इंडिया बुक के एडजुडिकेटर डॉ कुशाल सचान ने कहा कि उनके पिता सेल में थे। बोकारो के बाद कुछ समय उन्होंने भिलाई इस्पात संयंत्र की भी सेवा की। इस नाते से भिलाई से उनके परिवार का जुड़ाव है। यह एक विलक्षण अवसर है जब दो-दो शिक्षक पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ वाणिज्य के गूढ़ विषयों को लगातार 12 घंटे से अधिक पढ़ा रहे हैं। उन्होंने डॉ मिटठू एवं सीए प्रवीण बाफना के साथ-साथ उनके प्रेरणास्रोत डॉ संतोष राय को भी बधाई दी।
इन दोनों फैकल्टी मेम्बर्स ने सुबह 5:30 बजे मैराथन क्लास लेना शुरू किया। संध्या 6:30 बजे 12 घंटे का अध्यापन पूर्ण होने पर उन्हें रिकार्ड सौंप दिया गया। क्लासेस की निगरानी के लिए इंडिया बुक के एडजुटिकेटर्स डॉ कुशल सचान एवं कृष्ण कुमार गुप्ता सुबह से ही उपस्थित थे। डॉ मिटठू ने जहां इंफारमेशन प्रैक्टिस पर मैराथन क्लास लिया वहीं सीए प्रवीण बाफना ने बिजनेस लॉ पर लेक्चर दिए।

कॉमर्स गुरू, मेन्टॉर एवं मोटिवेटर डॉ संतोष राय ने मंच संचालन करते हुए कहा कि कठिन प्रतिद्वंद्विता के इस दौर में आपकी प्रतिस्पर्धा स्वयं अपने आप से है। नित नई चुनौतियों को स्वीकार करना और पूरी निष्ठा और लगन के साथ उसमें जुट जाना ही सफलता का मूलमंत्र है। इससे विद्यार्थियों को भी प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने इस टास्क की कठिनाइयों का जिक्र करते हुए उसकी तैयारियों पर भी प्रकाश डाला।
डॉ संतोष राय ने बताया कि यह कवायद दो उद्देश्यों को पूर्ण करने के लिए की गई। पहला यह कि इससे टीचर्स का आत्मविश्वास बढ़ा और उन्होंने अपनी क्षमताओं को पहचाना। दूसरा यह कि स्टूडेन्ट्स को भी इससे लगातार अध्ययन की प्रेरणा मिली। यह एक तरह से बच्चों को प्रेरित करने के लिए टीचर्स की अग्निपरीक्षा थी।

इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स के लिए बनाए गए इस रिकार्ड के लिए कठोर नियम बनाए गए थे। टीचिंग मेथडोलॉजी के तहत प्रत्येक लेक्चर को पूर्णत: तथ्यात्मक होना था। विषयांतर में जाना वर्जित था। विद्यार्थियों को प्रश्न पूछने के लिए केवल एक मिनट दिया जाना था। पूरे लेक्चर की वीडियो रिकार्डिंग इसके लिए बनाए गए कंट्रोल रूम में हो रही थी। प्रोटोकॉल के अनुसार प्रत्येक तीन घंटे के बाद इन टीचर्स को 15-15 मिनट का ब्रेक दिया गया। ब्रेक के दौरान संस्था के विद्यार्थी टिफिन लेकर तैयार रहते थे ताकि समय नष्ट न हो।

 

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