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प्लॉस्टिक भी है विद्युत ऊर्जा का स्रोत, पहियों से तैयार हो सकती है बिजली

Jan 23, 2020

आरसीईटी में नवीन गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोतों में नवाचार पर वैचारिक मंथन

भिलाई। दुनिया में मानव जीवन व पर्यावरण के लिए सबसे खतरनाक प्लॉस्टिक से भी विद्युत प्राप्त की जा सकती है। यहां तक वाहनों के तेजी से घूमते पहियों से भी विद्युत का उत्पादन किया जा सकता है, नृत्य नाटिका भी इसके अच्छे स्रोत हो सकते हैं। ये बातें आरसीईटी में आयोजित ब्राइट आइडिया प्रजेन्टेशन में सामने आईं। इसका आयोजन क्रेडा के तत्वावधान में किया गया था। इसमें छात्र-छात्राओं के 36 समूहो ने अपनी सहभागिता दी।भिलाई। दुनिया में मानव जीवन व पर्यावरण के लिए सबसे खतरनाक प्लॉस्टिक से भी विद्युत प्राप्त की जा सकती है। यहां तक वाहनों के तेजी से घूमते पहियों से भी विद्युत का उत्पादन किया जा सकता है, नृत्य नाटिका भी इसके अच्छे स्रोत हो सकते हैं। ये बातें आरसीईटी में आयोजित ब्राइट आइडिया प्रजेन्टेशन में सामने आईं। इसका आयोजन क्रेडा के तत्वावधान में किया गया था। इसमें छात्र-छात्राओं के 36 समूहो ने अपनी सहभागिता दी।भिलाई। दुनिया में मानव जीवन व पर्यावरण के लिए सबसे खतरनाक प्लॉस्टिक से भी विद्युत प्राप्त की जा सकती है। यहां तक वाहनों के तेजी से घूमते पहियों से भी विद्युत का उत्पादन किया जा सकता है, नृत्य नाटिका भी इसके अच्छे स्रोत हो सकते हैं। ये बातें आरसीईटी में आयोजित ब्राइट आइडिया प्रजेन्टेशन में सामने आईं। इसका आयोजन क्रेडा के तत्वावधान में किया गया था। इसमें छात्र-छात्राओं के 36 समूहो ने अपनी सहभागिता दी।संतोष रूंगटा समूह द्वारा संचालित रूंगटा कॉलेज आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में छत्तीसगढ़ रिन्यूरेबल एनर्जी डेबलपमेंट एजेंसी (क्रेडा) के तत्वावधान में ब्राइट आइडिया प्रजेंटेशन का आयोजन में किया गया। क्रेडा दुर्ग का प्रतिनिधित्व उप अभियंता यामिनी देवांगन एवं अंकिता गवली ने किया। उन्होंने ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में विद्यार्थियों के रूझान व भविष्य में ऊर्जा संरक्षण की कल्पना को एक सार्थक उपलब्धि बताया। भविष्य में भी इस तरह की बौद्धिक चर्चा व सेमीनार के माध्यम से जागरूक करने के प्रयासों की आशा व्यक्त की।
बेस्ट आइडिया पर मिले नगद पुरस्कार
इस दौरान विद्यार्थियों ने अनेक तरह के ऊर्जा स्रोतों को सामने रखा। प्रश्नोत्तर सत्र में प्रो. अल्बर्ट जॉन वर्गिस ने छात्रों से विषय की गहराई में जाकर आवश्यक अनुसंधान के लिए दिशा -नर्देश दिए। छात्रों को उनके मौलिक आइडिया पेटेंट कराने के लिए भी प्रेरित किया गया। कार्यक्रम के अंत में बेस्ट आडिया पर प्राचार्य डॉ. मोहन अवस्थी ने विद्याथिर्यों को पुरस्कार वितरण किया। कार्यक्रम में निर्णायक के रूप में विद्युत इंजीनियङ्क्षरग विभाग के प्रो. एस भारती एवं नीलम बोरा की सहभागिता रही।
इनका रहा बेस्ट प्रस्तुतिकरण
उपलब्धि हासिल करने वाले विद्याथिर्यों में चतुर्थ सेमेस्टर कंप्यूटर से भास्कर गुप्ता एवं अमिषा सिंग को प्रथम पुरस्कार के साथ पांच हजार रुपए पारितोषिक दिया गया। कंप्यूटर विभाग से ही रिया गुल्हारे एवं विपुल बडर्वैक को द्वितीय पुरस्कार के रूप में तीन हजार रुपए और मेकेनिकल के मो. रिफाकत सिद्धिकी व सिद्धांत भोई को दो हजार रुपए पारितोषिक के चेक वितरित किए गए।
प्रस्तुतिकरण संचालन में विद्यार्थी सुदीप सिन्हा, गीतिका नायडू, मिली साहू, जे. यश कुमार, शेख अफताब आदि का विशेष सहयोग रहा।

ये बन सकते हैं ऊर्जा के नए स्रोत
मंच पर नृत्य की प्रस्तुतिकरण के दौरान उत्पादन कर सकते हैं विद्युत ऊर्जा।
लिव्हिंग प्लॉट भी बन सकते हैं ग्रिन पॉवर।
पिजो रोड से भी किया जा सकता है विद्युत ऊर्जा का उत्पादन।
मोशन आॅफ व्हिकल (आते-जाते वाहनों की गति डिवाइडर से करेगी विद्युत ऊर्जा उत्पादित)
प्लॉस्टिक वेस्ट से तैयार शीट पर नैनोटेक्नालॉजी के प्रयोग से कंडक्टिव आर्गेनिक पॉलीमर से प्लॉस्टिक सोलर सेल बनाए जा सकते हैं।
सनसाइन सिटी की परिकल्पना की गई, जो अपने प्रयोग की बिजली सोलर पैनल से स्वयं जनरेट कर लिथियम आयन बैटरी से स्टोर कर सकती है।
ह्यूमन वेस्ट को भी बताया ऊर्जा का अच्छा स्रोत।
360 डिग्री डूवल एक्सेस सोलर पैनल की परिकल्पना भी की।
समुद्र के अंदर निरंतर चलती रहने वाली धाराओं से भी बन सकती है बिजली।
ऊर्जा के नए स्रोत में बायो एनर्जी का भी जिक्र हुआ।
शुगर केन और एग्रिकल्चर वेस्ट से भी बनाई जा सकती है बिजली।
वहीं रेफ्सिड आॅयल, सोयाबीन, सनफ्लावर, जेड्रोफा सहित बॉयोफ्यूल की छत्तीसगढ़ में बड़ा स्रोत।

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