साई मंदिर में तेजकरण ने गौ करूणा अभियान के तहत लगाई सिक्कों, डाकटिकटों एवं फर्स्टडे कवर्स की प्रदर्शनी
कुम्हारी। गौ करूणा अभियान के संचालक तेजकरण जैन ने साई मंदिर में गौवंश पर आधारित डाक टिकटों, नोटों, सिक्कों, लिफाफों तथा फर्स्ट डे कवर्स की प्रदर्शनी लगाई। यह एक मिनी प्रदर्शनी थी जिसमें एल्यूमिनियम, तांबा, कांसा तथा चांदी के दुनिया भर के ऐसे सिक्कों का प्रदर्शन किया गया जिसपर गौवंश के चित्र उकेरे गए थे। इस प्रदर्शनी को हजारों श्रद्धालुओं ने देखा और अभिभूत हो गए। ताज्जुब का विषय यह था कि गौवंश दुनिया के अधिकांश देशों में महत्व दिया जाता है। तेजकरण जैन ने बताया कि वे पिछले साढ़े तीन दशक से भी अधिक समय से इन सिक्कों, करंसी नोटों, डाक टिकटों तथा फर्स्ट-डे कवर्स का संग्रह कर रहे हैं। यहां आइसलैंड, बोत्सवाना, यूगाण्डा, फिलीपीन्स, माल्डोवा, हांगकांग, रोमानिया, सोमालिया, उरुग्वे, ब्राजील, यूएसए, इंडोनेशिया, लाओस, इथोपिया, आयरलैंड, डोमिनिका, नेपाल, थाईलैण्ड, यूएसएसआर, तंजानिया, एरीट्रिया, नीदरलैण्ड्स, आदि देशों में अलग अलग समय पर प्रचलित सिक्कों तथा डाक टिकटों को प्रदर्शित किया था। इनमें से कुछ सिक्कों के पीछे ज्योतिषीय संकेत भी हैं।उन्होंने बताया कि कुछ सिक्के सोने के भी हैं पर जोखिम के कारण उन्हें केवल सुरक्षित स्थानों पर ही प्रदर्शित किया जाता है।
सामान्यता लोगों का यही मानना है कि गौवंश को केवल भारत में ही महत्व दिया जाता है। लोगों का मानना था कि भारत के अलावा यह हिन्दू बहुल देशों में गाय की पूजा की जाती है। पर जब लोगों ने इतने सारे देशों में सदियों से चले आ रहे गौवंश के सम्मान की परम्परा को देखा तो उन्होंने दांतों तले उंगलियां दबा लीं। तेजकरण जैन का यह संग्रह इंक्रेडिबल बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में दर्ज है।
मंोहला राजनांदगांव के निवासी तेजकरण जैन ने बताया कि इस तरह से वे गौवंश के प्रति जागरूकता लाने का प्रयास करते हैं। यह उनका शौक है जिसे वे अपने ही खर्च पर पूरा करते हैं। प्रदर्शनी लगाने के लिए वे किसी से कोई पैसा नहीं लेते। उनकी प्रदर्शनियां देश के अनेक महानगरों, कस्बों एवं गांवों में लग चुकी हैं। छत्तीसगढ़ में जहां से भी बुलावा आता है वे कोशिश करते हैं कि वहां जाएं और प्रदर्शनी लगाएं। उन्होंने बताया कि मूल प्रदर्शनी बहुत बड़ी है किन्तु प्रदर्शनी स्थल पर स्थानाभाव, संग्रह को ढोने की लागत आदि के कारण वे अकसर मिनी प्रदर्शनी लगाते हैं।