दुर्ग। प्राय: हम सुनते आये है कि नींव जितनी मजबूत होगी मकान उतना ही सुदृढ़ होगा। जड़ें जितनी मजबूत होंगी वृक्ष उतना ही शानदार होगा। इसी प्रकार विद्यालय के बच्चों को हम जितना व्यवहारिक ज्ञान देंगे, जितना उन्हे करके सीखने का मौका देंगे उतनी ही उनकी नींव, ठोस और मजबूत होगी। इसी बात को ध्यान मे रखते हुए प्राचार्य डॉ. आरएन सिंह के निर्देश पर शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय की आईक्यूएसी ने शासकीय उच्चतर माघ्यमिक विद्यालय कोड़िया का भ्रमण किया। इस भ्रमण कार्यक्रम में भौतिकशास्त्र विभाग के एमएससी द्वितीय एवं चतुर्थ के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को स्वच्छता, स्वास्थ्य और उनके रोजगार परक शिक्षा के बारे में जागरूक करना था। एमएससी अंतिम के छात्र लक्ष्मीप्रसाद मिश्रा, भानूप्रकाश, रोहित साहू, रितेश और अनंत कुमार ने स्कूली विद्यालय के बच्चों को आर्डिनो के बारे में बताया की किस प्रकार वह कार्य करता है तथा इसके क्या लाभ है। रोशन, रोहित इक्का, गीतांजली, योगेष्वरी, डोमेष्वरी अदिति सिंह, समता सलेचा, विमल सिन्हा एवं रवि द्वारा विद्यालय के बच्चों को वर्नियर कैलिपर्स, स्क्रूगेज, टेलिस्कोप का प्रयोगिक प्रदर्षन कर उसके बारे में समझाया।
प्रो. सितेश्वरी चन्द्राकर, प्रिंस, तुषार, अजय सेन, चेतना देशमुख, आचल, मुक्ति एवं आकर्षित द्वारा स्कूली बच्चों का स्वच्छता सर्वेक्षण भी कराया गया जिससे स्वच्छता से संबधित प्रश्नों को पूछ कर उनका स्वच्छता एवं साफ सफाई के बारे में आकलन किया गया। डॉ. अनिता शुक्ला, डॉ. अभिषेक मिश्रा, लुबना खान एवं प्रियंका द्वारा एक क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें कक्षा नवमीं, दसवीं एवं ग्यारवी के सभी विद्यार्थियों ने भाग लिया, इस प्रतियोगिता में सामान्य ज्ञान एवं विज्ञान से संबंधित प्रश्नों को पूछा गया।
एमएससी चतुर्थ सेमेस्टर के विद्यार्थी सूत्रधार प्रतिक्षा तिवारी एवं निकिता उसरे द्वारा नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया जिसमें अजय, रितेष एवं विमल ने नाटक के माध्यम से यह संदेष दिया कि कैरियर को चुनते समय यह अत्यंत आवष्यक है कि जिस क्षेत्र में हमारी रूचि है उसी क्षेत्र में जाना चाहिए। उषा, आस्था, लीना, सुरभि, पायल, डोमिनलता, डोमेष्वरी ने मोबाईल से मिलने वाले फायदे एवं नुकसान के बारे में रूपान्तरण नाटक के माध्यम से बताया की मोबाईल द्वारा किस प्रकार से अपनी पठन पाठन शैली मे सुधार लाया जा सकता है तथा उन्होने मोबाईल के ज्यादा उपयोगे से सचेत रहने के बारे में बताया। साथ ही साथ यह संदेश दिया कि अपने भविष्य से खिलवाड़ मत कीजिए तथा सोशल मीडिया का कम से कम उपयोग कीजिए। सोशल मीडिया पर घंटों समय बिताना एक प्रकार की लत है जिसके परिणाम बहुत घातक हो सकते है।
इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य अनिल कुमार गुप्ता ने भौतिक शास्त्र विभाग के प्राध्यापकों का स्वागत करते हुए कहा कि यह बहुत ही सराहनीय प्रयास है। इस आयोजन से विद्यालय के बच्चों को अपना कैरियर चुनने में सरलता होगी उन्होने कहा की उनके विद्यालय द्वारा बच्चों को गुणवत्ता परक शिक्षा प्रदान की जा रही है। जिसका सारा श्रेय विद्यालय के अध्यापको, अध्यापिकाओं को जाता है।
इस अवसर पर आई.क्यु.ए.सी. संयोजक जगजीत कौर सलुजा ने विद्यालय के प्राचार्य को धन्यवाद देते हुए कहा की स्कूल के बच्चों को विज्ञान के क्षेत्र से जुडी नवीनतम उपलब्धियों को प्रमुखता पूर्वक समझाया जाये। उन्होंने कहा की इनमें से अगर कुछ विद्यार्थी अनिवार्य रूप से विज्ञान से जुड़ते हुए विज्ञान की प्रगति में अपना योगदान भविष्य में करेंगे तो इस कार्यक्रम का उद्देश्य सफल हो जायेगा।
विभाग के समस्त प्रध्यापकों एवं समस्त पी.जी. विद्याथिर्यों द्वारा भौतिक विभाग से जुडे अविष्कारों के बारे मे तथा उन्होने एच. जे. भाभा एवं डॉ.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम के जीवन से संबंधित उदाहरणो को बताते हुए कहा की किस प्रकार इन भारतीय वैज्ञानिकों ने भारत का नाम पूरे विश्व में उंचा किया। साथ ही साथ स्वच्छता का महत्व तथा उसकी अनिवायर्ता के बारे में बताते हुए कहा की स्वच्छता मानसिक, शारीरिक, बैध्दिक एवं सामाजिक प्रकार की होती है, तथा सभी को स्वच्छता अभियान को सफल बनाने में अपना योगदान चाहिए जिससे हमारा समाज स्वच्छता की ओर बढेगा तथा भविष्य में इस अभियान का परिणाम अवष्य मिलेगा। डॉ.जगजीत कौर सलूजा ने प्राचार्य से कहा की बच्चों की भागीदारी सुनिष्चित करने के लिए सभी संबंधित विषयों में निबंध, स्लोगन, पेंटिंग, क्विज का आयोजन करते रहना चाहिए।
इस प्रकार स्वच्छता सर्वेक्षण से प्रथम पांच विजयी बच्चों तथा कक्षा नवमीं, दसवीं, ग्यारवीं से प्रथम तीन विजयी विर्द्यािथर्यों को भौतिक शास्त्र के प्राध्यापकों द्वारा पुरस्कृत किया गया एवं ग्राम कोडिया में स्वच्छता एवं जागरूकता संबंधित रैली भी निकाली गयी। सभी कार्यक्रमों को विद्यालय के बच्चों ने आनंद उठाया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन अध्यापिका श्रीमती नीलमणि उज्जौनी द्वारा किया गया। विभागाध्यक्ष डॉ. पूर्णा बोस ने कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रशंसा व्यक्त की तथा सभी की सहभागिता पर खुषी व्यक्त की।