दुर्ग। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय वनस्पति विज्ञान विभाग के प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियों ने शासकीय उच्चतर माध्यामिक विद्यालय खम्हरिया जुनवानी के छात्रों को स्वयं के रोजगार स्थापित करने मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण दिया। मशरूम उत्पादन आय का एक अच्छा साधन के साथ-साथ खनिज एवं प्रोटीन तत्वों से भरपूर होता है जो भोजन के रूप में स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है इनके कुछ प्रजातियों हानिकारक बैक्टीरिया तथा कैंसर जैसी बिमारी के रोकथाम के लिए उपयोग किया जा रहा है। पैरा मशरूम, बटन मशरूम का उत्पादन छोटे कमरे में कम समय व कम लागत से आसानी से किया जा सकता है स्पान (बीज) लगने के 15 दिनों में पहली फसल प्राप्त हो जाती है। छत्तीसगढ़ की तुलना में अन्य राज्यों बिहार, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर मशरूम उत्पादन किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में भी इसकी अच्छी संभावनायें है। स्वयं का रोजगार स्थापित करने कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा समय-समय पर प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाता है। यहां प्रशिक्षण प्राप्त कर बड़े पैमाने पर मशरूम उत्पादन किया जा सकता है यह जानकारी डॉ. जी.एस.ठाकुर एवं डॉ. श्रीराम कुंजाम ने दी।
महाविद्यालय के छात्रों ने धान पैरा शोधन से लेकर बैग बनाना, बीज रोपना आदि सम्पूर्ण प्रक्रिया को प्रेक्टीकली करके सिखाया, साथ ही सजावटी पौधे व फलदार वृक्षों में कलम लगाना, रोपण करना, गुटी बांधकर नये पौधें बनाना भी सिखाया। यह कार्यक्रम महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आर.एन. सिंह एवं वनस्पति विज्ञान के प्राध्यापकों के मार्गदर्शन में विस्तार गतिविधि के अंतर्गत आयोजित किया गया, जिसमें शासकीय उच्चतर माध्यामिक विद्यालय, खम्हरिया के प्राचार्य एवं शिक्षकों का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ।