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साइंस कालेज में पोलैण्ड एवं बेल्जियम के प्राध्यापकों के व्याख्यान से विद्यार्थी प्रभावित

Feb 1, 2020

International workshop at science college durgदुर्ग। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय में भौतिकी विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय वर्कशाप में आमंत्रित वक्ता के रूप में बेल्जियम के प्रोफेसर डॉ. डर्क पॉलमैन, प्राध्यापक घेंट विश्वविद्यालय तथा पोलैण्ड की डॉ. एम.डी. मारटा के आमंत्रित व्याख्यान से साइंस कालेज, दुर्ग एवं आसपास के महाविद्यालयों के स्नातकोत्तर विद्यार्थी अत्यंत प्रभावित हुए। Dr Derk Paulman at Science College Durgमहाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आर.एन. सिंह तथा कार्यशाला की संयोजक डॉ. जगजीत कौर सलूजा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि विदेशी प्राध्यापकों के भौतिक शास्त्र के सिध्दांतों के प्रति नजारिया तथा अत्यंत गूढ़ सिध्दांतों को सरल शब्दों में समझाने को भारतीय विद्याथिर्यों ने अत्यंत सराहनीय बताया।
डॉ. पॉलमैन ने उच्च तरंगदैर्ध्य फास्फर पदार्थों तथा उनकी उपयोगिता तथा किस प्रकार उच्च दक्षता वाले प्रकाश को प्राप्त किया जा सकता है को विस्तार पूर्वक समझाया। उन्होंने आंख की सुग्राहिता को ग्राफ द्वारा भी समझाया। उन्होंने किस प्रकार नीले तथा सफेद प्रकाश उत्सर्जक डायोड तथा बचत उर्जा सफेद प्रकाश स्त्रोत में फास्फर मटेरियल की उपयोगिता बताते हुए एम.एन. बेस फास्फर मटेरियल के बारे में बताया।
कार्यशाला दूसरे दिन पोलैण्ड विश्वविद्यालय की डॉ. एम.डी. मारटा ने अपने व्याख्यान में डी.आयोनाइजेशन पर केन्द्रित व्याख्यान दिया। महाविद्यालय के प्राध्यापकों एवं उपस्थित विद्याथिर्यों द्वारा पूछे गये प्रश्नों का जवाब देते हुए डॉ. मारटा ने कहा कि भारतीय षिक्षा प्रणाली एवं पोलैण्ड की शिक्षा प्रणाली में काफी भिन्नता है। पोलैण्ड में पक्की नौकरी जैसी कोई नीति नहीं है। प्रत्येक शिक्षक को उसकी अकादमिक दक्षता के आधार पर नौकरी पर आगे रखा जाता है। किसी शिक्षक द्वारा उच्च दक्षता प्रदर्शन में कमी होने पर उसे तत्काल नौकरी से पृथक कर दिया जाता है। इस वजह से पोलैण्ड में हर शिक्षक अपने कर्तव्य के प्रति काफी सजग होता है। हमें अपनी वार्षिक वेतन के बराबर रिसर्च प्रोजेक्ट की राशि विभिन्न संस्थाओं से स्वीकृत करानी पड़ती है। भारतीय विद्याथिर्यों द्वारा पूछे गये प्रश्नों की गंभीरता पर डॉ. मारटा ने प्रसन्नता व्यक्त की। साइंस कालेज, दुर्ग के प्राध्यापकों ने प्राचार्य डॉ. आर.एन. सिंह की उपस्थिति में डॉ. मारटा से रिसर्च प्रोजेक्ट, षिक्षा पध्दति तथा शैक्षणिक वातावरण पर गहन विचार विमर्ष किया।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आर.एन. सिंह ने भौतिक विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय कायर्षाला की सराहना करते हुए कहा कि पोलैण्ड एवं बेल्जियम के प्राध्यापकों की उपस्थिति ने सभी प्रतिभागी विद्याथिर्यों में एक नई उर्जा का संचार कर दिया। विद्याथिर्यों ने दोनों विदेषी प्राध्यापकों की सादगी एवं कार्य के प्रति निष्ठा की सराहना की। कायर्षाला की संयोजक डॉ. जगजीत कौर सलूजा एवं भौतिक शास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. पूर्णा बोस ने इस दो दिवसीय कायर्षाला की रूपरेखा बताते हुए कहा कि यह कायर्षाला विद्याथिर्यों एवं विदेष से आये हुए वैज्ञानिकों के आपसी परिचर्चा का माध्यम है, जिसका उद्देष्य विद्याथिर्यों को सही दिषा देकर उन्हें शोध से जोड़ना है, जिससे देष का भविष्य उज्जवल हो सके। आईसीएफएआई विष्वविद्यालय, रायपुर से आये हुए डॉ. रवि श्रीवास्तव ने ल्युमिनिसेंस की बारीकी के साथ-साथ इसका वतर्मान दौर में उपयोग कैसे बेहतर तरीके से दिए जा सकते है, इसके बारे में बताया। उन्होंने किस प्रकार से सफेद एलईडी बनायी जा सकती है। इस विषय पर चर्चा की। सेंट थॉमस महाविद्यालय से अमित कुमार ताम्रकार टैलीस्कोप के बारे में विधिवत बताया। उन्होंने सतह एवं अंतरिक्ष दोनों में उपयोग होने वाली टैलीस्कोप के बारे में बताया। साथ ही साथ उन्होंने भारत और दुनिया के बड़े बड़े टैलीस्कोप की जानकारी दी। डॉ. स्वागता बेरा ने सायबर क्राइम के बारे में बताया तथा रोबोटिक एवं कृत्रिम प्रावीण्यता की कार्य प्रणाली को समझाया। साथ ही साथ ट्रांसफार्मेर डोमेन से संबंधित जानकारी को भी समझाया। इस अवसर पर बी.एससी प्रथम के लिए वस्तुनिष्ठ प्रतियोगिता में सफल हुये विद्याथिर्यों को पुरस्कार के साथ प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया। भरत कुमार साहू ने प्रथम, कुषल सलेचा ने द्वितीय, कमल नारायण ने तृतीय, चंद पाल धनकर ने चतुर्थ तथा नीलेष यादव, सेजल शर्मा एवं आयुष गुप्ता ने संयुक्त रूप से पांचवा स्थान प्राप्त किया। मंच का संचालन प्रतीक्षा तिवारी द्वारा किया गया।
इस अवसर पर डॉ. पूर्णा बोस, डॉ. जगजीत कौर सलूजा, डॉ. अनीता शुक्ला, डॉ. सीतेष्वरी चन्द्राकर, डॉ. अभिषेक मिश्रा, डॉ. प्रषांत श्रीवास्तव, सचिन मिश्रा, समस्त शोध छात्र के साथ बड़ी संख्या में छात्र-छात्राऐं उपस्थित थे।

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