दुर्ग। शासकीय डॉ. वा. वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला ‘आदिशिल्प’ का समापन हुआ। समारोह में राष्ट्रीय स्तर पर शिल्पकला के प्रशिक्षक एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकारों का सम्मान किया गया। महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति की अध्यक्ष प्रीति मिश्रा ने कहा कि प्रतिभा को तराशने का माध्यम इस प्रकार की कार्यशालाएं होती है। उन्होने इस कार्यशाला को बहुउपयोगी बतलाते हुए प्रतिवर्ष विभिन्न कलाओं की कार्यशाला आयोजित करने पर जोर दिया। तीन दिवसीय कार्यशाला पर चर्चा करते हुए संयोजक प्रो. योगेन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि इस कार्यशाला में छापाकला, मूर्तिकला, माटीशिल्प, गोदना प्रिंटिंग, तुम्बाकला का प्रदर्शन एवं प्रशिक्षण दिया गया। छत्तीसगढ़ के विभिन्न शहरों के कला प्रेमी विद्याथिर्यों तथा खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय के शोध छात्र-छात्राओं ने इस कार्यशाला का भरपूर लाभ उठाया।
सभी आमंत्रित कलाकारों ने सहज और आसान तरीकों से अपनी कला की बारिकियाँ विद्याथिर्यों को बतलाई। महाविद्यालय की छात्राओं ने लगातार 5 से 6 घण्टे स्वयं विभिन्न कलाकृतियों का निर्माण किया और पेंटिंग की।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी ने कायर्शाला के सफल आयोजन के लिए आमंत्रित कलाकारों एवं शहर कला प्रेमियों को साधुवाद हेते हुए कहा कि रजा फाउंडेशन, नई दिल्ली के सहयोग से हमें इस तरह के आयोजन का अवसर मिलता है जिससे विद्याथिर्यों एवं स्थानीय कलाकारों को प्रोत्साहन व प्रेरणा मिलती है।
इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के शोधछात्र अम्बरीश मिश्रा ने कार्यशाला की तारीफ करते हुए कहा कि मेरे शोध कार्य के लिए यह मील का पत्थर है। कलाकारों से मिलकर मुझे बहुत सी महत्वपूर्ण जानकारियाँ मिली जो उत्साहित करने वाली है। शोधछात्र संतोष डेहरे एवं कृष्णा द्विवेदी ने भी कहा कि कायर्शाला में आकर मुझे बहुत सी तकनीकियों का ज्ञान हुआ जो हमारे लिये काफी महत्वपूर्ण है।
गृहविज्ञान की छात्रा तबस्सुम ने कहा कि वे माटीशिल्प में रूचि रखती है किन्तु इस कायर्शाला में आकर मुझे वो टिप्स मिले जिससे अब मैं बेहतर कलाकृतियां बना सकती हूँ।
ख्याति देवांगन ने छापाकला की प्रसंशा करते हुए कहा कि सिमरन नारूला मैडम ने बहुत ही अच्छे से छापा ब्लॉक बनाना सिखाया।
नरेन्द्र पोयाम, सुफियानो बाई, राजेन्द्र सुनगरिया, सियाराम प्रजापति, चिरायु सिनहा, नरेन्द्र साहू ने इस कार्यशाला में लगातार विद्याथिर्यों को प्रशिक्षण दिया और आयोजन की तारीफ करते हुए आगे भी सहयोग करने की बात कही है।
समापन अवसर पर कलाकारों को स्मृतिचिन्ह भेंट किए गए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. ऋचा ठाकुर ने किया इस अवसर पर जनभागीदारी समिति की सदस्य श्रीमती अंजू जैन, डॉ. भारती सेठी, डॉ. अल्पना देशपाण्डे तथा महाविद्यालय के प्राध्यापक, छात्राएँ एवं विभिन्न महाविद्यालय की छात्राएँ उपस्थित थी।