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मातृभाषा दिवस पर भिलाई महिला महाविद्यालय में भारतीय भाषाएं हुईं  मुखर

Mar 4, 2020

MatruBhasha Divasभिलाई। विभिन्न मातृभाषाओं के महत्व को रेखांकित करते हुए इनके उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के उपलक्ष्य में भिलाई महिला महाविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय ‘मातृभाषा दिवस’ मनाया गया। छात्राओं को अपनी मातृभाषा के अलावा अन्य मातृभाषाओं के प्रति उत्प्रेरित करने हेतु एवं शिक्षकों को भी अपनी मातृभाषा के अतिरिक्त़ अन्य मातृभाषाओं के ज्ञान के साथ शिक्षण को भी रुचिकर एवं छात्राओं हेतु अतिउपयोगी बनाने की दिशा में अभिनव प्रयास किया गया।Bhilai-Mahila-Mahavidyalaya Bhilai Mahila Mahavidyalayइस अवसर पर विभिन्न भारतीय मातृभाषाओं में एकल एवं समूह गान, काव्य लेखन एवं पठन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। भिलाई महिला महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ संध्या मदन मोहन ने कार्यक्रम के शुभारंभ में छात्राओं एवं उपस्थित स्टाफ का अभिनंदन करते हुए मातृभाषा का महत्व प्रतिपादित किया। उन्होंने कहा कि मातृभाषा जीवन का मूलाधार है। यही व्यक्ति में चेतना का विस्तार करती हैं।
प्राचार्या ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि माँ बच्चे की प्रथम गुरु होती है। शिशु का भावात्मक के साथ – साथ शाब्दिक सम्प्रेषण माँ से ही प्रारंभ होता है। मातृभाषा विचारों की सोच और समझ की अभिव्यक्ति का सशक्त-माध्यम है। दूसरी भाषाओं को समझने में इससे बल मिलता है। मातृभाषा जीवन का आधार है। कार्यक्रम का संचालन विभागाध्यक्ष हिन्दी डॉ निशा शुक्ला द्वारा किया गया। आईक्यूएसी प्रभारी ए. नरुला ने इस अवसर पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं काव्य, लेखन एवं पठन, एकल गान एवं समूह गान के विषय में जानकारी दी।
एकल गान प्रतियोगिता में नीलम साहू (बीएड) ने छत्त़ीसगढ़ी भाषा में रामभक्ति पर आधारित “लागंव तोर पइंया घोरवा”, मौसम ने (बी.एड.) भी हिन्दी में “नंगे चलना फैशन होगा”, बी.दिव्या (बी.एड.) द्वितीय सेमेस्टर ने तेलगु गीत “निकल्ले वाड़ी कुल पूअम्मा”, रीना देवांगन (एम.एस.सी.) द्वितीय सेमेस्टर ने गौरी-गौरी पूजन से जुड़े छत्त़ीसगढ़ी भाषा में “जोहर-जोहर मोर ठाकुर दे्वता होरर सेवर गाबेव मंय तोर”, कीर्ति साहू (एम.एस.सी.) भौतिकी ने “झुनुर-झुनुर पइरी बाजे रे राजा तोला बलावय ऐ हे रे”, अनीता साहू (एम.एस.सी.) गणित ने उड़िया गीत “दिनो रो सुरोजो तुमे राती रो तोरा”, श्वेता राय (एम.एस.सी.)गणित ने भोजपुरी में “उगा-उगा हे सुरुज देव भेल भिनसखा अरघ केर बेरवा होरर” की प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर भिलाई महिला महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ संध्या मदन मोहन ने छात्राओं के उत्साहवर्धन के लिए बंगाली में संगीत “जोदि तोरे डाक शुने केऊ ना आशे, तॉबे एकला चलो रे ” गीत का गायन किया।
समूह गीत के अन्तर्गत तीन समूह ने भाग लिया-प्रथम स्थान-दीपा गिरी एवं समूह, मोनिका, पूनम, अदिति, मौसम ने भोजपुरी गीत “कांचे ही बाँसे की बहंगियां बहंगी लचकत जाय”, द्वितीय स्थान रेणुका एवं समूह -फूलवती, राजनंदिनी, प्रियंका “मीठ-मीठ लगे हे मया के बानी, तोर अंवस म पीरा होथे का रानी धीरे-धीरे ” तथा दूसरे स्थान पर ही नीलम साहू एवं समूह “आजु के दिन लागे बड़ा मन सुहाना रे सुवना स्वागत करत हन तुम्हार ” गौरी, पूणिर्मा, मोहनी, नीलम साहू, पूजा ओक, पीनेश्व़री, उर्वशी, रंजना आदि प्रतियोगी थे।
एकल गान में प्रथम कीर्ति साहू एम.एस.सी. भौतिकी ने छत्त़ीसगढ़ी में प्रथम “घुनुर-घुनुर पइरी बाजे रे राजा ” द्वितीय स्थान में कु०नीलम साहू बी.एड. ने “लागंव तोर पइंया ” तथा अनीता साहू एम.एस.सी. गणित ने उड़िया गीत ” दिनो रो सुरोजो तुमे राती रो तोरा ” ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
महाविद्यालय में काव्य लेखन एवं पठन प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। जिसमें 35 छात्राओं ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया इसमें प्रथम स्थान कु०मोनिका तिवारी बी.एड. ने भोजपुरी में ” कही आसा बात कही निरासा बा, जिंदगी जिये के कई परिभासा बा”, द्वितीय स्थान दिलप्रीत बी.एड ने पंजाबी में ” माँ मै मुड़ गई पेकै औना, पैके हुन्दे माँवा नाल ” ,तृतीय स्थान कु०माहेश्व़री बी.एड.” गजब मिठाथे रे संगी मोर छत्त़ीसगढ़ के बासी, ईही हमर बर तिरिथ गंगा ईही हमर बर मथरा कासी”, निर्मला गवई ने ” आयुष्य जास्त सुंदर वाटंत, नशिबाची चाकरी करण्यापेक्षा”, छत्त़ीसगढ़ी एवं मराठी गीत प्रस्तुत किये।उन्होंने छत्तीसगढ़ी, भोजपुरी, हिन्दी, मराठी, उर्दू, मैथिल, पंजाबी, उड़िया आदि मातृभाषाओं में प्रस्तुति दी। 17 छात्राओं ने छत्तीसगढ़ी जो यहाँ की मातृभाषा एवं राजभाषा है, में काव्य लेख एवं पठन किया।
समस्त परिणामों की घोषणा भिलाई महिला महाविद्यालय की प्राचार्या द्वारा की गयी। समस्त कार्यक्रमों का आयोजन महाविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ के माध्यम से एवं हिन्दी विभाग के सहयोग से आयोजित किया गया। कार्यक्रम के सम्मानीय निर्णायक डॉ० आशा रानी दास गणित विभाग, डॉ०प्रतिमा मिश्रा सहायक प्राध्यापक हिन्दी विभाग ,श्रीमती ज्योति चौबे गृहविज्ञान विभाग थे। इस अवसर पर बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित थी तथा डॉ मधुलिका श्रीवास्तव, श्रीमती प्रतिभा क्लाडियस, डॉ भारतीा वर्मा, डॉ मोहना पंडित, हेमलता सिदार, नाजनीन, सुनिशा पेट्रिक, डॉ नबोदिता मुंशी, डॉ नारायणी शर्मा आदि उपस्थित थे।

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