लोगों की जरूरतों को समझे बिना आगे नहीं बढ़ा जा सकता : सदासिवन
भिलाई। शोध तभी सफल हो सकता है जब वह लोगों की जरूरतों से जुड़ा हुआ हो। यदि आप लोगों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील हैं तो आप उन समस्याओं का हल निकालने के लिए शोध कर सकते हैं। टाटपट्टी पर या जमीन पर बैठकर पढ़ने वाले बच्चों की रीढ़ लगातार झुकी हुई रहती है। इससे पढ़ने में परेशानी होती है और थकान भी जल्दी होती है। प्रोसॉक इनोवेटर्स ने इसका हल ढूंढा और अब 16 राज्यों के दो लाख बच्चे एक ऐसे स्कूल बैग का उपयोग कर रहे हैं जिसे डेस्क में कन्वर्ट किया जा सकता है। विभिन्न राज्य सरकारों ने इसमें रुचि दिखाई है। यह बातें प्रोसॉक इनोवेटर्स के सीईओ ईशान सदासिवन ने संतोष रूंगटा कैम्पस में टेड-एक्स आरसीईटी को संबोधित करते हुए कहीं।सदासिवन को फोर्ब्स द्वारा 30 वर्ष से कम आयु के 30 उद्यमियों की सूची में शामिल किया गया है। सदासिवन ने आईआईटी कानपुर से डिजाइनिंग में एमटेक किया है। इस दौरान वे लगातार टाटपट्टी पर बैठकर पढ़ने वाले बच्चों की तकलीफों को दूर करने के बारे में सोचते रहे और शोध करते रहे। अपने शोध को आगे बढ़ाने के लिए वे यहीं शोध करने लगे। इसमें शोध निदेशकों का भी सहयोग मिला। अंतत: लंबे शोध और आरएंडडी के बाद उन्हें सफलता मिली। समस्या का हल ढूंढने की जिजीविषा, शोध की निरंतरा से ही यह संभव हुआ।
सदासिवन ने बताया कि उनका प्रोडक्ट एक ऐसा स्कूली बस्ता है जिसे टेबल में तब्दील किया जा सकता है। यह केवल 500 रुपए में उपलब्ध है। इसे गरीब बच्चों तक पहुंचाने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकारों के साथ ही वे गैर सरकारी संस्थानों की भी मदद ले रहे हैं। अब तक 16 राज्यों में यह फोल्डिंग डेस्क कम बैग 2 लाख बच्चों तक पहुंच चुका है।
उन्होंने बताया कि सिंगल यूज नॉन रिसाइक्लेबल प्लास्टिक को खत्म करने के लिए उन्होंने अखबारों की रद्दी का उपयोग करने की मशीन बनाई। इससे पहले हाथों से लोग इसे तैयार करते थे जो न केवल बेहद थकाऊ था बल्कि कम संख्या में बन पाने के कारण इससे पैसे भी बहुत कम मिलते थे। उन्होंने एक ऐसी मशीन बनाई जिसे बहुत कम खर्च में बनाया जा सकता है और जो इतने पेपर बैग बनाने में सक्षम है कि एक परिवार की आजीविका चल सके।
सदासिवन ने विद्यार्थियों से कहा कि यदि शोध आम आदमी की तकलीफों से जुड़ा हो तभी वह उपयोगी होता है। इसके लिए आम लोगों की जरूरतों के प्रति संवेदनशीलता बहुत जरूरी होती है। इसके साथ ही दृढ़Þ इच्छाशक्ति और कार्य में निरंतरता आपको आगे ले जाती है।
टेड-एक्स आरसीईटी का यह दूसरा सीजन था। इस सीजन को एंकर, न्यूज रीडर, कलाकार टीजे भानु, हिप-हॉप आर्टिस्ट यश चंद्रा एवं अक्षय रावत, टीवी और सिनेमा कलाकार पवन शंकर, राकाजोन गेमिंग के रिषभ करनवाल, प्रोसॉक इनोवेटर्स के सीईओ ईशान सदाशिवन ने भी संबोधित किया। आयोजन में टीड स्पीकर जवाहर सूरीशेट्टी तथा डीन डॉ मनोज वर्गीस के नेतृत्व में वारियर विदिन के 22 सदस्यीय विद्यार्थियों की टीम ने महति भूमिका निबाही। अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य डॉ मोहन अवस्थी ने किया। इस अवसर पर समूह के चेयरमैन संतोष रूंगटा, डायरेक्टर सोनल रूंगटा, सौरभ रूंगटा, डॉ सत्यधर्म भारती सहित फैकल्टीज की पूरी टीम एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं भी उपस्थित थीं।